आज ही के दिन रिलीज हुई थी देश की पहली बोलती फिल्म 'आलम आरा', जानें इसके बारे में कुछ खास बातें
By ऐश्वर्य अवस्थी | Published: March 14, 2020 02:18 PM2020-03-14T14:18:57+5:302020-03-14T14:18:57+5:30
कहा जाता है कि ‘राजा हरिश्चंद्र’ के निर्माण के बाद सिनेमा प्रेमियों की उम्मीदें बढ़ने लगी थी। अब उन्हें मूक फिल्में रास नहीं आ रही थीं, क्योंकि तब तक भारतीय सिनेमा घरों में विदेशों की बोलती फिल्में पहुंच चुकी थीं।
14 मार्च 1931 को निर्देशक आर्देशिर ईरानी की फिल्म आलम आरा पर्दे पर पेश की गई थी। ये पहली बोलती फिल्म थी। इस फिल्म को रिलीज हुए 89 साल हो गए हैं। जब ये फिल्म पर्दे पर रिलीज हुई थी तो हर कोई इसको देखता रह गया था।पहली मूक फिल्म ‘राजा हरिश्चंद्र’ की रिलीज के 18 साल बाद सुर और स्वर के साथ ‘आलम आरा’ पेश की गई थी। आइए इस फिल्म के बारे में कुछ खास बातें जानते हैं-
-कहा जाता है कि ‘राजा हरिश्चंद्र’ के निर्माण के बाद सिनेमा प्रेमियों की उम्मीदें बढ़ने लगी थी। अब उन्हें मूक फिल्में रास नहीं आ रही थीं, क्योंकि तब तक भारतीय सिनेमा घरों में विदेशों की बोलती फिल्में पहुंच चुकी थीं।
-कहा जाता है कि पहली मूक फिल्म बनाने का श्रेय पानेवाले निर्माता निर्देशक दादा साहब फाल्के ने बोलती फिल्म बनाने के काफी प्रयास किये लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली थी।
-अर्देशर ईरानी ‘आलम आरा’ बना रहे थे उस वक्त कुछ और भी निर्माता बोलती फिल्म बना रहे थे, ऐसे में ईरानी ने फिल्म का निर्माण तेज कर दिया था।
-निर्देशक चाहते थे कि भारतीय सिनेमा के इतिहास में पहली बोलती फिल्म बनाने एवं रिलीज करने का रिकॉर्ड उनके नाम से दर्ज हो
-कहा जाता है कि ‘आलम आरा’ जोसेफ़ डेविड निर्देशित एक पारसी नाटक पर आधारित थी।