वेदप्रताप वैदिक का ब्लॉगः ट्रम्प के खेमे में उठापटक 

By वेद प्रताप वैदिक | Published: December 23, 2018 03:30 PM2018-12-23T15:30:42+5:302018-12-23T15:30:42+5:30

पिछले दो साल में ट्रम्प के 10 बड़े सहयोगियों ने उनसे अपना पिंड छुड़ाया है. उनमें विदेश मंत्नी, रक्षा मंत्नी, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार, एटार्नी जनरल, व्हाइट हाउस के स्टाफ प्रमुख आदि कई महत्वपूर्ण पदाधिकारी हैं.

Ved Pratap Vaidik's blog: America Donald Trump camp | वेदप्रताप वैदिक का ब्लॉगः ट्रम्प के खेमे में उठापटक 

वेदप्रताप वैदिक का ब्लॉगः ट्रम्प के खेमे में उठापटक 

अमेरिका के रक्षामंत्नी जिम मैटिस को इस्तीफा देने पर मजबूर होना पड़ा. डोनाल्ड ट्रम्प के काल में जिस तरह उनके महारथियों के इस्तीफे हो रहे हैं, शायद किसी भी अमेरिकी राष्ट्रपति के काल में नहीं हुए. पिछले दो साल में ट्रम्प के 10 बड़े सहयोगियों ने उनसे अपना पिंड छुड़ाया है. उनमें विदेश मंत्नी, रक्षा मंत्नी, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार, एटार्नी जनरल, व्हाइट हाउस के स्टाफ प्रमुख आदि कई महत्वपूर्ण पदाधिकारी हैं. कुछ ने खुद इस्तीफे दिए हैं और कुछ को ट्रम्प ने निकाल बाहर किया है.

हमारे यहां रिजर्व बैंक और आर्थिक मामलों के पदाधिकारियों ने इस्तीफे दिए हैं, लेकिन हमारे नेता  इस्तीफा देने की बात सोच भी नहीं सकते. उन्हें अपने ‘बॉस’ से कभी असहमति होती ही नहीं, वह चाहे कितना ही अविवेकपूर्ण फैसला करे. अमेरिका में रक्षा मंत्नी मैटिस ने अपने वास्तविक बॉस ट्रम्प को साफ-साफ शब्दों में कहा कि सीरिया से अमेरिकी फौजों की वापसी अनुचित है. लेकिन ट्रम्प डटे रहे. टस से मस नहीं हुए. 

उन्होंने सीरिया से अपने दो हजार और अफगानिस्तान से आधे यानी सात हजार जवान वापस लौटाने की घोषणा कर दी. ट्रम्प का तर्क यह है कि अमेरिका दूसरे राष्ट्रों की शांति और सुरक्षा के लिए अपना पैसा और खून क्यों बहाए? वे यह भी नहीं चाहते कि नाटो देशों की मदद भी अमेरिका करता रहे. वे द्वितीय महायुद्ध के बाद बनी अमेरिका की विश्व नीति को उलट देना चाहते हैं. यदि प. एशिया और अफगानिस्तान से अमेरिकी फौजें हटा ली जाएंगी तो जाहिर है कि सीरिया, रूस और ईरान को फायदा होगा. 

लेकिन ट्रम्प का तर्क है कि इन राष्ट्रों को आईएस से सीधे भिड़ने दें. उससे लड़कर हम इन राष्ट्रों की मदद क्यों करें! जो भी हो, ट्रम्प के इस फैसले से भारत की चिंता बढ़े बिना नहीं रहेगी. मेटिस तो भारत के मित्न ही थे. उन्होंने ही अमेरिकी प्रतिबंधों को भारत पर नहीं थोपने की छूट दिलवाई थी. जो भी हो, भारत सरकार की दोनों मंत्रियों- सुषमा स्वराज और निर्मला सीतारमण- को अब जरा पहले से अधिक चौकन्ना रहना होगा. 

Web Title: Ved Pratap Vaidik's blog: America Donald Trump camp

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