ब्लॉग: तबाही और बर्बादी के कगार पर पहुंच चुकी है दुनिया!

By निशांत | Published: December 9, 2023 10:55 AM2023-12-09T10:55:04+5:302023-12-09T10:56:46+5:30

इस विनाश को रोकने के लिए तत्काल कार्रवाई की जानी चाहिए। रिपोर्ट ऐसा करने के लिए एक ब्लूप्रिंट भी पेश करती है।

The world has reached the brink of devastation and destruction! | ब्लॉग: तबाही और बर्बादी के कगार पर पहुंच चुकी है दुनिया!

ब्लॉग: तबाही और बर्बादी के कगार पर पहुंच चुकी है दुनिया!

इन दिनों दुबई में चल रहे जलवायु सम्‍मेलन कॉप-28 के मौके पर जारी ग्लोबल टिपिंग पॉइंट्स रिपोर्ट - दुनिया के तबाही और बर्बादी के कगार पर पहुंचने की दास्तान बयां करती है।

रिपोर्ट से पता चलता है कि ग्लोबल वार्मिंग ने इस धरती पर मौजूद सभी समुद्री और जमीनी सिस्टम (प्रणालियों) को नष्ट होने के कगार पर ला खड़ा किया है और अगर हालात जल्दी नहीं बदले तो वह दिन दूर नहीं जब यह नष्ट हो जाएगी और इनके साथ-साथ समुद्र और जमीन पर पाया जाने वाला जीवन भी नष्ट हो जाएगा।

गौरतलब है कि पृथ्वी के विभिन्न घटकों जैसे वातावरण, समुद्र, क्रायोस्फीयर, भूमंडल और जीवमंडल के बीच जटिल संबंध है। अगर ग्लोबल वार्मिंग इसी तरह बरकरार रही तो वह दिन दूर नहीं जब ग्रीनलैंड की आइस शीट से लेकर हिमालय की बर्फीली चोटियां, अंटार्कटिक पर छाई बर्फ की चादरें, गर्म पानी में पाई जाने वाली कोरल रीफ, बोरियल और मैंग्रोव के जंगल, अमेजन का जंगल, ग्रासलैंड यानी सारा का सारा अर्थ सिस्टम खत्म हो जाएगा।

अब दुनिया एक निर्णायक मोड़ पर पहुंच गई है। यह रिपोर्ट बेजोस अर्थ फंड के साथ साझेदारी में, एक्सेटर विश्वविद्यालय द्वारा समन्वित 200 से अधिक शोधकर्ताओं की एक अंतरराष्ट्रीय टीम द्वारा तैयार की गई है।

2डिग्री सेल्सियस ग्लोबल वार्मिंग के होने से ग्रीनलैंड की बर्फ की चादर, पश्चिमी अंटार्कटिक की बर्फ की चादरें, वार्म वाटर कोरल रीफ / गर्म पानी में पाई जाने वाली कोरल की चट्टानें, उत्तरी अटलांटिक के सबपोलर जाइर सर्कुलेशन और पर्माफ्रॉस्ट क्षेत्र समाप्त हो जाएंगे। जैसे-जैसे दुनिया डेढ़ डिग्री सेल्सियस ग्लोबल वार्मिंग को पार कर रही है, तापमान के बढ़ने से - बोरियल वन, मैंग्रोव और समुद्री मीडो /घास के मैदान सब नष्ट हो जाएंगे।

दो डिग्री सेल्सियस ग्लोबल वार्मिंग और उससे आगे तापमान के बढ़ने से -पूर्वी अंटार्कटिका ग्रीनलैंड और पश्चिमी अंटार्कटिक आइस शीट्स, अमेजन, वर्षावन, सबग्लेशियल क्षेत्र नहीं बचेगा। ऐसे में दुनिया के अरबों लोगों का भविष्य अब जीवाश्म ईंधन के फेज आउट यानी खत्म करने की गति और नेट जीरो समाधानों परनिर्भर है।

रिपोर्ट में कार्बन उत्सर्जन को पूरी तरह खत्म करने की सिफारिश करने के साथ-साथ दुनिया से एक समन्वित कार्रवाई करने का आह्वान किया गया है। इसमें 26 नकारात्मक पृथ्वी प्रणाली के टिपिंग पॉइंट्स के आकलन के आधार पर यह निष्कर्ष निकाल गया है। इस विनाश को रोकने के लिए तत्काल कार्रवाई की जानी चाहिए। रिपोर्ट ऐसा करने के लिए एक ब्लूप्रिंट भी पेश करती है।

Web Title: The world has reached the brink of devastation and destruction!

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