अनिल जैन का ब्लॉगः पाक को बेनकाब करने का मौका 

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: March 1, 2019 10:28 AM2019-03-01T10:28:08+5:302019-03-01T10:28:08+5:30

सऊदी शाहजादे मोहम्मद बिन सलमान ने अपनी पाकिस्तान यात्र के दौरान खस्ताहाल इस्लामाबाद को बीस अरब डॉलर की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की और साथ ही आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान की खुलकर आलोचना करने से परहेज किया.  

sushma swaraj conclave of the Organisation of Islamic Cooperation pakistan terrorism policy | अनिल जैन का ब्लॉगः पाक को बेनकाब करने का मौका 

अनिल जैन का ब्लॉगः पाक को बेनकाब करने का मौका 

अनिल जैन: वरिष्ठ पत्रकार

सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान की पहले पाकिस्तान और फिर भारत यात्र संपन्न होने के तुरंत बाद मुस्लिम देशों के शक्तिशाली मंच  ‘इस्लामी सहयोग संगठन’ (ओआईसी) के विदेश मंत्रियों की परिषद के सम्मेलन में भाग लेने के लिए भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को न्योता मिला है. यह अपने आप में बड़ी खबर है. एक और दो मार्च को अबूधाबी में होने वाले इस सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में सुषमा स्वराज विशेष अतिथि के रूप में शिरकत करेंगी. पिछले दिनों कश्मीर के पुलवामा में सुरक्षा बलों के जवानों पर आतंकवादियों की ओर से हुए फिदायीन हमले और भारत की ओर से जवाबी कार्रवाई के तौर पर पाकिस्तान स्थित आतंकवादियों के ठिकानों पर किए गए हवाई हमलों के संदर्भ में कूटनीतिक दृष्टि से भारतीय विदेश मंत्री को मिले इस न्योते का खास महत्व है. 

चूंकि पाकिस्तान युद्ध से बचना चाहता है, इसलिए वह कह रहा है कि पुलवामा के हमले से उसका कोई लेना-देना नहीं है.  आईसीओ के सम्मेलन में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को पाकिस्तान के इस प्रचार का करारा जवाब देना होगा. लेकिन असल सवाल है कि क्या वे अपने भाषण में पुलवामा के हमले के लिए पाकिस्तान को नाम लेकर जिम्मेदार ठहराएंगी? यदि वे ऐसा करेंगी तो निश्चित ही उनका विरोध होगा. यदि वे पाकिस्तान का नाम नहीं लेंगी तो वे अपनी ही सरकार की कमजोरी जाहिर करेंगी, जो अभी तक कह रही है कि पुलवामा कांड के लिए पाकिस्तान ही जिम्मेदार है. 

इसी आधार पर भारतीय वायु सेना ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से सटे इलाकों में स्थित जैश-ए-मुहम्मद के कई ठिकानों पर बम गिरा कर उन्हें नष्ट करने की कार्रवाई को भी अंजाम दिया है. ऐसी स्थिति में भारतीय विदेश मंत्री ने अगर वहां पुलवामा कांड के संदर्भ में पाकिस्तान का नाम लेने से परहेज किया तो उनका वहां जाना और भाषण देना वैसा ही जबानी जमा-खर्च हो जाएगा, जैसा सऊदी शाहजादे की भारत-यात्र के दौरान हुआ और जैसा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा-परिषद द्वारा पारित निंदा प्रस्ताव में हुआ. 

गौरतलब है कि सऊदी शाहजादे मोहम्मद बिन सलमान ने अपनी पाकिस्तान यात्र के दौरान खस्ताहाल इस्लामाबाद को बीस अरब डॉलर की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की और साथ ही आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान की खुलकर आलोचना करने से परहेज किया. अरब के शाहजादे की भारत यात्र की अलग-अलग व्याख्याएं की गई. एक यथार्थपरक निष्कर्ष यह भी है कि सऊदी अरब पाकिस्तान के साथ अपनी निकटता खत्म करने नहीं जा रहा है क्योंकि दोनों के बीच ऐतिहासिक रिश्ते हैं. 

अलबत्ता सऊदी शाहजादे ने भारत को आश्वस्त किया है कि सऊदी अरब के संसाधनों का भारत के खिलाफ इस्तेमाल नहीं होगा और साथ ही सऊदी अरब में पनपने वाली जेहादी विचारधारा और वहां सक्रिय भारत विरोधी तत्वों के खिलाफ सऊदी हुकूमत कार्रवाई करेगी. इस समूची पृष्ठभूमि के मद्देनजर सम्मेलन में भाग लेने के लिए भारतीय विदेश मंत्री को मिले न्योते के खास मायने हैं.  
 

Web Title: sushma swaraj conclave of the Organisation of Islamic Cooperation pakistan terrorism policy

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