जानिये भारत को तालिबान के साथ संबंधों में हमेशा सावधान और सतर्क रहना क्यों जरूरी

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: September 3, 2021 10:46 AM2021-09-03T10:46:18+5:302021-09-03T10:49:49+5:30

त्भारत को तालिबान से संबंध रखने में भी बहुत सावधानी बरतनी होगी

relations between taliban and india: Why India must always be careful and cautious in relations with Taliban | जानिये भारत को तालिबान के साथ संबंधों में हमेशा सावधान और सतर्क रहना क्यों जरूरी

जानिये भारत को तालिबान के साथ संबंधों में हमेशा सावधान और सतर्क रहना क्यों जरूरी

Highlightsभारत को तालिबान से संबंध रखने में भी बहुत सावधानी बरतनी होगीभारत ने तो वहां बहुत सारे विकास कार्य किए हैंतालिबान से एकदम दूरी बनाकर रखी तो चीन और पाकिस्तान से खतरा

तालिबान अपने एजेंडे तेजी के साथ बदल रहा है, खासकर वैश्विक प्रसंग में उसकी उदारता उल्लेखनीय है. तालिबान ये संदेश देने के लिए वह हरसंभव कोशिश कर रहा है जो वैश्विक स्तर पर जरूरी है, जिससे तालिबान की एक गंभीर और जिम्मेदार राजनीतिक संगठन की हैसियत बन सके. 

उदाहरण के तौर पर तालिबान ने काबुल हवाई अड्डे को अमेरिकी नियंत्रण में रखने में कोई विरोध की हिंसा नहीं फैलाई, तय सीमा तक काबुल हवाई अड्डे को अमेरिका के सैनिकों के नियंत्रण में रहने दिया, इतना ही नहीं बल्कि तालिबान ने अमेरिकी सैनिकों के साथ सहयोग ही किया. 

प्रारंभिक दौर में उसने यह अनुमति भी प्रदान कर दी कि जो कोई भी देश छोड़कर जाना चाहता है वह जा सकता है. यही कारण है कि काबुल हवाई अड्डे पर अफगानिस्तान छोड़कर विदेश जाने वालों की भयंकर भीड़ थी.

खासकर भारत के संबंध में तालिबान के विचार आश्चर्य में डालने वाले हैं. अब तक उम्मीद यही थी कि तालिबान सत्ता में आने के साथ ही भारत को निशाना बनाएगा, भारत के खिलाफ पाकिस्तान की नीति पर चलेगा, पाकिस्तान जैसा चाहेगा वैसा तालिबान करेगा. लेकिन तालिबान ने भारत के साथ दोस्ती की पहल की है. 

कतर के दोहा शहर में तालिबान ने भारत के राजदूत के साथ एक बैठक की है. तालिबान के प्रतिनिधि ने भारतीय राजदूत के साथ बैठक में भारत की आपत्तियों और आशंकाओं को दूर करने की कोशिश की है. इसके पहले भी तालिबान ने अपने एक बयान में साफ तौर पर कहा है कि हमसे भारत को डरने की जरूरत नहीं है. 

भारत के हम दुश्मन नहीं हैं, दोस्त हैं. हम भारत के हितों का संरक्षण करेंगे. हमने भारत के लोगों को सकुशल निकालने में सहयोग किया है, भारत हमारे साथ सहयोग करे. तालिबान की यह इच्छा और नीति दुनिया भर में चर्चित हुई है. भारत के भी बहुत सारे लोग तालिबान के इस व्यवहार से प्रभावित होकर उसके साथ दोस्ती की पैरवी कर रहे हैं.

कूटनीति के मद्देनजर भारत तालिबान के साथ दुश्मनी भले ही मोल न ले, लेकिन उसके साथ संबंध रखने में भी बहुत सावधानी बरतनी होगी. इस समय तालिबान को वैश्विक सहयोग की जरूरत है क्योंकि उसके बिना तबाह हो चुके अफगानिस्तान का पुनर्निर्माण नहीं किया जा सकता. खासकर भारत ने तो वहां बहुत सारे विकास कार्य किए हैं, जिनमें से कई अभी अधूरे हैं. 

यह भी सही है कि अगर हमने तालिबान से एकदम दूरी बनाकर रखी तो चीन और पाकिस्तान उसे हमारे खिलाफ आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं. इसलिए हमें बहुत सोच समझ कर आगे बढ़ना होगा. भारत को तालिबान के साथ संबंधों में हमेशा सावधान और सतर्क रहना होगा. 

Web Title: relations between taliban and india: Why India must always be careful and cautious in relations with Taliban

विश्व से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे