प्रमोद भार्गव का ब्लॉग: मौत के वायरस का उत्पादन?

By प्रमोद भार्गव | Published: February 4, 2020 10:20 AM2020-02-04T10:20:22+5:302020-02-04T10:20:22+5:30

आजकल खास तौर से चीन और अमेरिकी वैज्ञानिक विषाणु (वायरस) और जीवाणु (बैक्टीरिया) से प्रयोगशालाओं में छेड़छाड़ कर एक तो नए विषाणु व जीवाणुओं के उत्पादन में लगे हैं, दूसरे उनकी मूल प्रकृति में बदलाव कर उन्हें और ज्यादा सक्षम व खतरनाक बना रहे हैं

Pramod Bhargava Blog : Production of Virus of Death? Coronavirus | प्रमोद भार्गव का ब्लॉग: मौत के वायरस का उत्पादन?

प्रमोद भार्गव का ब्लॉग: मौत के वायरस का उत्पादन?

चीन में नोवेल कोरोना नाम के जिस वायरस ने हल्ला मचाया हुआ है. उसे चीन के महानगर वुहान में स्थित वायरस प्रयोगशाला पी-4 में उत्सर्जित किए जाने की आशंका दुनिया के वैज्ञानिकों ने व्यक्त की है. यह आशंका इसलिए जताई गई है, क्योंकि चीन ने एक महीने तक इस बीमारी के फैलने की जानकारी किसी को नहीं दी. बीमारी फैलने के बाद चीन करीब डेढ़ महीने तक इसे मामूली बीमारी बताता रहा. जब बीमारी बेकाबू होती चली गई तब उसने इस जानकारी को विश्व-स्वास्थ्य संगठन के साथ दुनिया के अन्य देशों से भी साझा किया.

यह आशंका इसलिए भी है, क्योंकि कोरोना के पहले भी चीन में ही कई वायरस पहली बार पाए गए हैं. 1996 में बर्ड फ्लू चीन से ही फैला और इसने 440 लोगों को मार दिया. 2003 में दक्षिण चीन से सार्स नामक वायरस फैला और इसने दुनिया के 26 देशों के 800 लोगों के प्राण ले लिए. 2012 में चीन से ही मर्स नाम का वायरस फूटा और इसने 27 देशों में कहर ढाकर करीब 800 लोगों को मौत की नींद सुला दिया.

इन सभी वायरसों का उत्सर्जन उसी वुहान शहर से हुआ है, जहां चीन की वायरोलॉजी पी-4 प्रयोगशाला है. इसलिए यह शक वैज्ञानिकों ने व्यक्त किया है कि कोरोना वायरस किसी अन्य वायरस के जीन में वंशानुगत परिवर्तन करते समय भूलवश प्रयोगशाला से निकल भागा और दुनिया को महामारी के संकट में डालने का सबब बन गया.    

प्रसिद्घ वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग ने मानव समुदाय को सुरक्षित बनाए रखने की दृष्टि से जो चेतावनियां दी थीं, उनमें एक चेतावनी जेनेटिकली इंजीनियरिंग अर्थात आनुवंशिक अभियांत्रिकी से खिलवाड़ करना भी है.

आजकल खास तौर से चीन और अमेरिकी वैज्ञानिक विषाणु (वायरस) और जीवाणु (बैक्टीरिया) से प्रयोगशालाओं में छेड़छाड़ कर एक तो नए विषाणु व जीवाणुओं के उत्पादन में लगे हैं, दूसरे उनकी मूल प्रकृति में बदलाव कर उन्हें और ज्यादा सक्षम व खतरनाक बना रहे हैं. इनका उत्पादन मानव स्वास्थ्य के हित के बहाने किया जा रहा है. लेकिन ये बेकाबू हो गए तो तमाम मुश्किलों का भी सामना करना पड़ सकता है.

कई देश अपनी सुरक्षा के लिए घातक वायरसों का उत्पादन कर खतरनाक जैविक हथियार भी बनाने में लग गए हैं. कोरोना वायरस के बारे में यह शंका स्वाभाविक है कि कहीं यह वायरस किसी ऐसे ही खिलवाड़ का हिस्सा तो नहीं?

Web Title: Pramod Bhargava Blog : Production of Virus of Death? Coronavirus

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