जयंतीलाल भंडारी का ब्लॉगः शहरीकरण का चमकीला परिदृश्य 

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: January 14, 2019 10:04 PM2019-01-14T22:04:59+5:302019-01-14T22:04:59+5:30

रिपोर्ट में कहा गया है कि इस समय दुनिया के अधिकांश विकसित शहर जैसे न्यूयॉर्क, टोकियो, लंदन, लॉस एंजिलिस, बीजिंग, पेरिस, दिल्ली, मुंबई तथा कोलकोता दुनिया में अपना दबदबा बनाए रखेंगे. लेकिन तेजी से विकसित होते हुए नए वैश्विक शहरों की रफ्तार के मामले में टॉप के 20 शहरों में से पहले 17 शहर भारत के होंगे और उनमें भी सबसे पहले दस शहर भारत के ही होंगे.

Oxford Economics population Bright landscape of urbanization | जयंतीलाल भंडारी का ब्लॉगः शहरीकरण का चमकीला परिदृश्य 

जयंतीलाल भंडारी का ब्लॉगः शहरीकरण का चमकीला परिदृश्य 

जयंतीलाल भंडारी 

इन दिनों पूरी दुनिया में विश्व के प्रतिष्ठित थिंकटैंक ऑक्सफोर्ड इकोनॉमिक्स के द्वारा हाल ही में प्रकाशित दुनिया के 780 बड़े और मझोले शहरों की बदलती आर्थिक तस्वीर और आबादी की बदलती प्रवृत्ति को लेकर प्रकाशित की गई रिपोर्ट को गंभीरतापूर्वक पढ़ा जा रहा है. इस रिपोर्ट में बताया गया है कि 2019 से 2035 तक दुनिया के शहरीकरण में काफी बदलाव देखने में आएगा. 

रिपोर्ट में कहा गया है कि इस समय दुनिया के अधिकांश विकसित शहर जैसे न्यूयॉर्क, टोकियो, लंदन, लॉस एंजिलिस, बीजिंग, पेरिस, दिल्ली, मुंबई तथा कोलकोता दुनिया में अपना दबदबा बनाए रखेंगे. लेकिन तेजी से विकसित होते हुए नए वैश्विक शहरों की रफ्तार के मामले में टॉप के 20 शहरों में से पहले 17 शहर भारत के होंगे और उनमें भी सबसे पहले दस शहर भारत के ही होंगे. पहले 10 शहरों में  सूरत, आगरा, बेंगलुरु, हैदराबाद, नागपुर, त्रिपुरा, राजकोट, तिरुचिरापल्ली, चेन्नई और विजयवाड़ा चमकीले वैश्विक शहरों के रूप में दिखाई देंगे.

नि:संदेह भारतीय शहरों के बारे में जो अध्ययन रिपोर्टे प्रस्तुत हो रही हैं, उनसे शहरीकरण से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण तथ्य उभरकर सामने आ रहे हैं. भारत में तेजी से बढ़ती जनसंख्या और तेज गति से होते विकास के कारण तीव्र शहरीकरण को नहीं रोका जा सकता. जहां एक ओर गांवों से रोजगार की चाह में लोगों का प्रवाह तेजी से शहरों की ओर बढ़ रहा है, वहीं दूसरी ओर मध्यम वर्ग के लोग शहरों में ही रहना पसंद करते हैं. 

यद्यपि एक ओर भारत के लिए शहरीकरण की चुनौतियां हैं, लेकिन दूसरी ओर आर्थिक  विकास और वैश्विक व्यापार बढ़ाने की भी भारी संभावनाएं हैं. इतिहास के पन्ने  गवाह हैं कि जिन देशों में शहरों की जितनी अधिक प्रगति होती है, वहां आर्थिक अवसरों की उपलब्धता उतनी ही अधिक होती है. माना जाता है कि शहर किसी भी राष्ट्र के विकास के आधार स्तंभ होते हैं. जैसे-जैसे शहरों का विकास होता है, वैसे-वैसे उसके साथ नया बाजार तैयार होता है. वैश्वीकरण के नए परिदृश्य में भारतीय शहर प्रतिभाओं के लिए खुशहाली के केंद्र बन गए हैं.

Web Title: Oxford Economics population Bright landscape of urbanization

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