विश्व साइकिल दिवस: फिर शान की सवारी बनती साइकिल
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: June 3, 2019 09:45 AM2019-06-03T09:45:41+5:302019-06-03T09:45:41+5:30
दुनिया भर की सरकारें और पर्यावरण की चिंता करने वाले लोग शहरी पर्यावरण की सुरक्षा के लिए साइकिल सवारी को बढ़ावा देने में जुटे हैं. फ्रांस की राजधानी पेरिस को 2020 तक दुनियाभर की साइकिलिंग राजधानी बनाने के लिए 1.5 करोड़ यूरो की योजना बनाई गई है.
नवीन जैन
कहते हैं इतिहास अपने को दोहराता है. एक जमाना था जब भारत ही नहीं, लगभग दुनियाभर में साइकिल का बोलबाला था. क्या अब उसी साइकिल युग के लौटने की परिस्थितियां बन रही हैं? यह गंभीर विचारणीय प्रश्न है. आप यह जानकर हैरान रह जाएंगे कि लंदन में अब डॉक्टर अपने मरीजों को पर्ची पर दवाइयों के साथ रोज 30 मिनट साइकिल चलाने की सलाह भी दे रहे हैं. दरअसल, डॉक्टरों का मानना है कि ऐसा कर वे अपने मरीजों को दवाओं के साइड इफेक्ट से बचाने के साथ ही उनके दवाओं के खर्च में कटौती भी कर रहे हैं. पहले अधिकांश डॉक्टर साइकिल चलाने का सिर्फ जबानी परामर्श देते थे लिखकर देने का चलन तो अब शुरू हुआ है.
संयुक्त राष्ट्र ने पिछले साल ही तीन जून को विश्व साइकिल दिवस घोषित किया है. चीन के बाद दुनिया में आज भी सबसे ज्यादा साइकिल भारत में बनती है. 1960 से लेकर 1990 तक भारत में ज्यादातर परिवारों के पास साइकिलें थीं. पूरी दुनिया की बात करें तो हर साल 10 करोड़ साइकिलें बनाई तथा बेची जाती हैं. चिंता की बात यह है कि दुनिया की आबादी के हिसाब से साइकिलों की संख्या कम हो रही है. भले साइकिलों की संख्या कम हो रही है पर जब डॉक्टर्स भी कह रहे हैं कि साइकिल इंसान के दिल-दिमाग और शरीर को पूरी तरह से स्वस्थ रखती है तो ऐसे में पूरी दुनिया का ध्यान अब साइकिल पर जा रहा है.
दुनिया भर की सरकारें और पर्यावरण की चिंता करने वाले लोग शहरी पर्यावरण की सुरक्षा के लिए साइकिल सवारी को बढ़ावा देने में जुटे हैं. फ्रांस की राजधानी पेरिस को 2020 तक दुनियाभर की साइकिलिंग राजधानी बनाने के लिए 1.5 करोड़ यूरो की योजना बनाई गई है. साइकिल के बढ़ते क्रेज के मद्देनजर हर साल साइकिल के नए-नए मॉडल भी बाजार में आ रहे हैं.
इनमें लकड़ी और बांस की साइकिल, पैडल के साथ बैटरी से भी चलने वाली साइकिल और फोल्ड होकर एक टोकरी में रखी जा सकने वाली साइकिल भी शामिल है. भारत में उत्तर-प्रदेश सहित कई राज्यों में साइकिल के लिए अलग लेन बनाने की पहल चल रही है. कई राज्य सरकारें साइकिलिंग को प्रोत्साहित करने के लिए जागरूकता अभियान चला रही हैं.