ब्लॉगः हमास ने अपने हाथों से अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मार ली

By लोकमत समाचार सम्पादकीय | Published: October 11, 2023 11:34 AM2023-10-11T11:34:46+5:302023-10-11T11:43:42+5:30

हमास के हमले की दुनिया में चारों तरफ निंदा हो रही है। इजराइल की जवाबी कार्रवाई को अन्य देशों से भरपूर समर्थन मिल रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इजराइल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू के साथ फोन पर बातचीत में भारत के पूर्ण सहयोग और समर्थन का आश्वासन दिया है।

Hamas-Israel-War world watching Hamas created problems for it self | ब्लॉगः हमास ने अपने हाथों से अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मार ली

फाइल फोटो

Highlights2007 में हमास का गाजापट्टी पर नियंत्रण हो गया।हमास इजराइल पर लगातार आतंकी हमले करता रहा।

फिलिस्तीनी छापामार संगठन हमास ने बीते शनिवार को इजराइल पर भीषण आतंकवादी हमला कर पश्चिम एशिया तथा मध्यपूर्व एशिया में राजनीतिक अस्थिरता और अशांति की आशंका बढ़ा दी है। इस हमले के कारण अरब देशों के सामने भी धर्मसंकट पैदा हो गया है। हाल के वर्षों में अरब देशों के साथ इजराइल के संबंध सामान्य हो रहे थे। ये देश इजराइल के साथ 1967 के युद्ध में पराजय की कटु स्मृतियों को भुलाकर यहूदी देश के साथ संबंध सामान्य करने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहे थे।

पिछले कुछ महीनों से मुस्लिम जगत के विरोध को दरकिनार कर सऊदी अरब ने इजराइल के साथ प्रगाढ़ संबंध बनाने की ओर कदम बढ़ाया था। हमास भले ही फिलिस्तीनियों के अधिकारों तथा आत्मरक्षा के नाम पर इजराइल के विरुद्ध अपनी गतिविधियों का संचालन करता हो लेकिन इजराइल पर उसके ताजा हमले को विशुद्ध आतंकवादी कृत्य समझा जाएगा। यही कारण है कि हमास के हमले की दुनिया में चारों तरफ निंदा हो रही है और इजराइल की जवाबी कार्रवाई को भरपूर समर्थन मिल रहा है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इजराइल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू के साथ फोन पर बातचीत में भारत के पूर्ण सहयोग और समर्थन का आश्वासन दिया। दुनिया में प्रत्येक समुदाय को आत्मसम्मान के साथ जीने का अधिकार है। फिलिस्तीन और इजराइल का संघर्ष भले ही दशकों पुराना हो लेकिन दोनों पक्षों के बीच एक बात आम है कि वे अपने अधिकारों के लिए जूझ रहे हैं। इजराइल की स्थापना के लिए यहूदियों ने कम अत्याचार नहीं सहे। जर्मन तानाशाह हिटलर तो यहूदियों से नफरत करता था और उसने इस समुदाय का अस्तित्व खत्म करने के लिए लाखों यहूदियों की सामूहिक हत्या कर दी थी।

इजराइल बड़ी कुर्बानियों के बाद बना लेकिन उसके अस्तित्व को खत्म करने की कोशिशें लगातार होती रहीं। इजराइली जनता के अदम्य शौर्य, साहस तथा जज्बे के कारण इजराइल न केवल अपना अस्तित्व बचाने में कामयाब रहा बल्कि आज वह विश्व के आर्थिक तथा सामरिक रूप से मजबूत देशों की कतार में खड़ा है। 1967 में मिस्त्र तथा उसके मित्र अरब देशों ने युद्ध में इजराइल को नेस्तनाबूद करने की पूरी कोशिश की लेकिन इजराइल के हाथों उन्हें मुंह की खानी पड़ी और अपना बड़ा क्षेत्र भी गंवाना पड़ा।

शांतिपूर्ण रवैया बनाता रहा इजरायलः इजराइल अरब देशों के प्रति शांतिपूर्ण रवैया अपनाता रहा। लेकिन अपने अस्तित्व की रक्षा के लिए उसने जवाबी हमला करने की रणनीति नहीं छोड़ी। 1973 में भी इजराइल पर मिस्त्र ने जबर्दस्त हमला किया था। लेबनान और जार्डन तथा सीरिया ने भी मिस्त्र का साथ दिया था। लेकिन इजराइल ने उन्हें फिर पस्त कर दिया। इस बीच ब्लैक सप्टेंबर, हमास तथा हिजबुल्ला जैसे आतंकी संगठनों ने इजराइल पर बार-बार आतंकी हमले किए। लेकिन उन्हें मुंह की खानी पड़ी। 1972 के म्यूनिख ओलंपिक में ब्लैक सप्टेंबर संगठन के आतंकियों ने खेल गांव में घुसकर इजराइली खिलाड़ियों की हत्या कर दी थी। इजराइल ने अपने खिलाड़ियों की मौत का बदला लिया। 2007 में हमास का गाजापट्टी पर नियंत्रण हो गया। वह इजराइल पर लगातार आतंकी हमले करता रहा। तीन साल पहले अमेरिका की मध्यस्थता से इजराइल के साथ हमास का शांति समझौता हुआ। इससे पश्चिम एशिया तथा मध्य पूर्व एशिया में शांति की उम्मीदें बढ़ीं।

तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के प्रयासों से इजराइल तथा बहरीन, सूडान एवं संयुक्त अरब अमीरात के बीच शांति समझौता हुआ। कुछ अर्से बाद सऊदी अरब और इजराइल के बीच संबंध समान्य करने के प्रयास शुरू हो गए। इजराइल के साथ शांति समझौतों के बावजूद हमास को सऊदी अरब तथा अन्य देशों के इजराइल के साथ संबंधों को सामान्य बनाने के प्रयास पसंद नहीं आ रहे थे। इजराइल के साथ संबंध सामान्य होने की प्रक्रिया जैसे-जैसे आगे बढ़ती जा रही थी, हमास और फिलिस्तीन के मसले पृष्ठभूमि में चले जा रहे थे। हमास का ताजा आतंकी हमला अरब देशों के साथ इजराइल के संबंधों को पटरी से उतारने की घृणित साजिश है।

ईरान भले ही हमास के इस आतंकी कृत्य में खुद के शामिल होने से इंकार कर रहा हो लेकिन हमास के पास इतने संसाधन नहीं हैं कि वह अकेले के बल पर इतनी बड़ी आतंकी वारदात को अंजाम दे सके। हमास की मांगें जायज हो सकती हैं लेकिन उसके लिए आतंकवाद का सहारा लेने के कदम को किसी भी तरह से न्यायोचित नहीं ठहराया जा सकता। इजराइल को भी आत्मरक्षा का अधिकार है। हमास ने कायराना कृत्य कर अपने अस्तित्व के लिए खतरा पैदा कर लिया है। इजराइल ने उसका पूरी तरह सफाया करने की कसम खाई है। दुनिया ने देखा है कि इजराइल किस तरह अपने संकल्प को पूरा करके ही दम लेता है।
 

Web Title: Hamas-Israel-War world watching Hamas created problems for it self

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