ब्लॉग: ताइवान में राष्ट्रपति चुनाव से चीन को झटका

By शोभना जैन | Published: January 16, 2024 11:06 AM2024-01-16T11:06:44+5:302024-01-16T11:06:48+5:30

ताइवान वैश्विक व्यापार का एक अहम हिस्सा है। दुनिया भर में 63 प्रतिशत सेमी कंडक्टर और 73 प्रतिशत अत्याधुनिक चिप्स का वह सप्लायर रहा है।

China shocked by presidential elections in Taiwan | ब्लॉग: ताइवान में राष्ट्रपति चुनाव से चीन को झटका

ब्लॉग: ताइवान में राष्ट्रपति चुनाव से चीन को झटका

चीन द्वारा ताइवान को लगातार दी जा रही धमकियों और उसकी सैन्य घेराबंदी के प्रयासों के बीच उसकी आंख की किरकिरी माने जाने वाले सत्तारूढ़ दल के विलियम लाई की राष्ट्रपति चुनाव में जीत से चीन बौखला गया है।

उसका कहना है कि इस सब से ताइवान को पुनः चीन में शामिल किए जाने के प्रयास रुकने वाले नहीं हैं। उधर लाई ने दोटूक शब्दों में कहा कि वे चीन की धमकियों और डराने-धमकाने से झुकने वाले नहीं हैं, अलबत्ता वे चीन के साथ बातचीत करने के प्रयास करेंगे। इस चुनाव में लाई ने अपने को ताइवान की लोकतांत्रिक जीवनशैली को बचाने वाले राजनेता के रूप में जनता के सामने पेश किया और जिस तरह से देश के 40 प्रतिशत मतदाताओं ने उनके दल को तीसरी बार राष्ट्रपति पद के लिए चुना, उससे साफ जाहिर है कि ताइवान के मतदाताओं ने चीन के उनके खिलाफ तमाम आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है कि लाई एक बहुत बड़ा खतरा हैं।

जाहिर है कि लाई की जीत से दक्षिण चीन सागर क्षेत्र, ताइवान की खाड़ी सहित क्षेत्र की भूराजनैतिक स्थिति पर खासा असर पड़ेगा और चीन ऐसी स्थिति में ताइवान पर अपना दबाव और बढ़ाएगा। चीन ताइवान को अपना हिस्सा मानता रहा है और एक स्वतंत्र देश के तौर पर उसके अस्तित्व को नकारता रहा है।

ताइवान के नए चुने गए राष्ट्रपति अपनी नीतियां तय करते समय संभवत: सबसे ज्यादा ध्यान चीन और अमेरिका का ही रखेंगे। चुनाव जीतने बाद लाई ने अपनी टिप्पणी में शब्दों का जिस सावधानी से चयन किया, इससे साफ है कि चीन के साथ ताइवान के संबंधों को लेकर वो काफी सतर्क हैं। उन्होंने कहा कि आपसी सम्मान के आधार पर चीन के साथ बातचीत होगी। चीन उन पर हमेशा ताइवान की आजादी का समर्थक होने का आरोप लगाता रहा है।

वो चीन के साथ ताइवान के संबंधों को लेकर काफी मुखर रहे हैं। हालांकि वो अमेरिका जैसे सहयोगी देशों को यह कहते रहे हैं कि वो अपने पूर्ववर्ती राष्ट्रपति साई-इंग वेन की संतुलन बनाकर चलने की नीति अपनाएंगे। लाई वर्तमान में ताइवान के उपराष्ट्रपति हैं और अब वे राष्ट्रपति पद की जिम्मेदारी संभालेंगे। डेमोक्रेटिक पीपुल्स पार्टी की निकटतम प्रतिद्वंद्वी पार्टी कोमिंतांग ने हार मान ली और इसी के साथ लाई की जीत पर मुहर लग गई। विलियम लाई पहले राष्ट्रपति उम्मीदवार हैं, जिन्हें लगभग 40 लाख वोट मिले हैं।

ताइवान के घरेलू मसलों पर सरसरी तौर पर नजर डालें तो सर्वेक्षणों के अनुसार चीन और ताइवान के बीच तनाव के बावजूद ताइवान की अधिकांश जनता आर्थिक विकास को सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा मानती है। एक टिप्पणीकार के अनुसार सर्वे में कई लोगों ने कहा कि राष्ट्रपति साई इंग-वेन ने पिछले चुनाव में जो वादे किए थे, उनमें से कई पूरे नहीं किए। इसके बाद भी विलियम लाई का चुना जाना दिखाता है कि उनकी पार्टी पर लोगों का भरोसा बना हुआ है। ताइवान की आबादी का एक बड़ा हिस्सा इस द्वीप को चीनी मेनलैंड से अलग मानता है लेकिन चीनी कम्युनिस्ट पार्टी ताइवान पर नियंत्रण को राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला मानती है।

चीन और अमेरिका की इस चुनाव पर करीबी नजर थी क्योंकि दोनों के लिए ताइवान रणनीतिक रूप से खासा अहम है। अमेरिका, जापान और इंग्लैंड जैसे देशों द्वारा लाई को चुनाव जीतने पर बधाई दिए जाने पर चीन ने तीव्र आक्रोश जताया और कहा कि वे चीन के घरेलू मामले में दखलंदाजी न करें। अमेरिका को चीन ने ताइवान को लेकर संयम बरतने की सलाह दी है क्योंकि उसे लगता है कि इससे अमेरिका और चीन के संबंधों में तनाव और बढ़ेगा। अहम बात यह है कि अमेरिका के ताइवान के साथ किसी प्रकार के औपचारिक राजनयिक संबंध नहीं हैं लेकिन वह उसे हथियार सप्लाई करता रहा है और उसका बड़ा समर्थक रहा है। उधर चीन के रक्षा मंत्रालय ने साफ तौर पर कहा है कि ताइवान की स्वतंत्रता को लेकर किसी भी प्रकार के अलगाववादी मंसूबों को वह निर्ममता से कुचल देगा।

एक अत्यंत गंभीर बात यह भी है कि सुरक्षा संबंधी मसलों के साथ और ताइवान की अस्थिरता का दुनिया की अर्थव्यवस्था पर असर पड़ना स्वाभाविक है। लाई की विजय से इस क्षेत्र में तनाव बढ़ने की आशंका व्यक्त की जा रही है। ताइवान वैश्विक व्यापार का एक अहम हिस्सा है। दुनिया भर में 63 प्रतिशत सेमी कंडक्टर और 73 प्रतिशत अत्याधुनिक चिप्स का वह सप्लायर रहा है। अगर उसकी समुद्र की तरफ से चारों तरफ घेराबंदी की जाए तो ताइवान से दुनियाभर में भेजे जाने सामान की कीमतों और उपलब्धता पर काफी प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। पश्चिम एशिया संघर्ष की वजह से पहले से ही तेल और गैस की कीमतों और अन्य पदार्थों की बढ़ी कीमतों से वैश्विक अर्थव्यवस्था जो मार झेल रही है, उससे यह आर्थिक संकट और गहरा हो सकता है। 

Web Title: China shocked by presidential elections in Taiwan

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