ब्लॉग: बंद नहीं हो रहा पाकिस्तान का झोली फैलाना, क्या भारत से भी मदद मांगेंगे शाहबाज शरीफ?
By वेद प्रताप वैदिक | Published: August 8, 2022 09:45 AM2022-08-08T09:45:39+5:302022-08-08T09:48:11+5:30
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ अगर थोड़ी हिम्मत करें तो वे भारत से मदद मांग सकते हैं. भारत यदि मालदीव, श्रीलंका और नेपाल को कई बिलियन डॉलर दे सकता है तो पाकिस्तान की मदद क्यों नहीं कर सकता?
पाकिस्तान की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष अभी भी उसे 1.2 बिलियन डॉलर का कर्ज देने में काफी हीले-हवाले कर रहा है. उसकी दर्जनों शर्तें पूरी करते-करते पाकिस्तान कई बार चूक चुका है. इस बार भी उसको कर्ज मिल पाएगा या नहीं, यह पक्का नहीं है.
शाहबाज शरीफ प्रधानमंत्री बनते ही सऊदी अरब दौड़े थे. यों तो सभी पाकिस्तानी शपथ लेते ही मक्का-मदीना जाते हैं लेकिन इस बार शाहबाज का मुख्य लक्ष्य था कि सऊदी सरकार से 4-5 बिलियन डॉलर मिल जाएं. उन्होंने झोली फैलाई लेकिन बदकिस्मती कि उन्हें वहां से भी खाली हाथ लौटना पड़ा. वे अब पाकिस्तान में ऐसे हालात का सामना कर रहे हैं, जैसे अब तक किसी प्रधानमंत्री ने नहीं किए.
लोगों को रोजमर्रा की खुराक जुटाने में मुश्किल हो रही है. आम इस्तेमाल की चीजों के भाव दोगुने-तिगुने हो गए हैं. बेरोजगारी और बेकारी दिनोंदिन बढ़ती जा रही है. इमरान खान के जलसों और जुलूसों में लोगों की तादाद इतनी तेजी से बढ़ रही है कि सरकार को कंपकंपी छूटने लगी है. हो सकता है कि अगले कुछ माह में ही आम चुनाव का बिगुल बज उठे.
ऐसे में अब प्रधानमंत्री की जगह पाकिस्तान के सेनापति कमर जावेद बाजवा खुद पहल करने लगे हैं. उन्होंने सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के शासकों से अनुरोध किया है कि वे पाकिस्तान को कम से कम चार बिलियन डॉलर की मदद तुरंत भेजें. लेकिन दोनों मुस्लिम राष्ट्रों के शासकों ने बाजवा को टरका दिया है.
शाहबाज शरीफ अगर थोड़ी हिम्मत करें तो वे भारत से भी मदद मांग सकते हैं. भारत यदि मालदीव, श्रीलंका और नेपाल को कई बिलियन डॉलर दे सकता है तो पाकिस्तान को क्यों नहीं दे सकता? यह मौका है जो दोनों देशों के बीच दुश्मनी की दीवारों को ढहा सकता है और सारे झगड़े बातचीत से सुलझवा सकता है.