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अभिषेक कुमार सिंह का ब्लॉग: डिजिटल पेमेंट में सट्टेबाजी का मर्ज

By अभिषेक कुमार सिंह | Updated: September 24, 2020 14:04 IST

यह खेल इस बात का है कि कैसे बैंकिंग, पेमेंट के एप्प और फर्जीवाड़ा करने वाले हैकरों की रातोंरात चांदी हो जाती है और कैसे देखते-ही-देखते आम लोगों की जिंदगी भर की कमाई गायब हो जाती है.

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 देश-दुनिया में जब से रुपए-पैसे के डिजिटल लेनदेन की व्यवस्थाएं बनी हैं, उन पर एक ऐसा खेल बदस्तूर जारी है जो कम से कम आम लोगों की समझ से हमेशा बाहर रहा है. यह खेल इस बात का है कि कैसे बैंकिंग, पेमेंट के एप्प और फर्जीवाड़ा करने वाले हैकरों की रातोंरात चांदी हो जाती है और कैसे देखते-ही-देखते आम लोगों की जिंदगी भर की कमाई गायब हो जाती है. अभी ये रहस्य खुलने बाकी हैं कि आखिर कैसे सुरक्षा के लाखों दावों के बावजूद हैकरों को लोगों की निजी सूचनाएं और बैंक खातों और फोन नंबरों की जानकारी मिल जाती है.

इस पर एक नए किस्म के खेल ने आम लोगों का दिमाग चकरा दिया है जिसमें तमाम खेलों (गेम्स) से जुड़े मोबाइल एप्प बनाने वाली कंपनियां लोगों को कुछ महीने ताश के रमी या कार रेसिंग जैसे गेम्स खेलने के बदले लाखों रुपए कमाने का प्रलोभन दे रही हैं. इस किस्से में इधर डिजिटल वॉलेट की सुविधा मुहैया कराने वाली कंपनी पेटीएम और ग्लोबल इंटरनेट कंपनी- गूगल के बीच हुई जंग ने नया तड़का लगाया है.

मामला डिजिटल पेमेंट और खरीदारी आदि कराने वाली देसी कंपनी- पेटीएम के हालिया ऑफर से जुड़ा है जिसमें उसने क्रिकेट टूर्नामेंट-आईपीएल को भुनाने की कोशिश के तहत स्क्रैच कार्ड और कैशबैक का एक नया ऑफर अपने ग्राहकों के लिए पेश किया.

इस प्रस्ताव में ग्राहकों से कहा गया कि उसके डिजिटल पेमेंट गेटवे से तमाम तरह की खरीदारियों के बदले स्क्रैच कार्ड और आईपीएल खिलाड़ियों के स्टीकर मिलेंगे. एक निश्चित संख्या में स्टीकर जमा होने के बाद ग्राहक उन स्क्रै च कार्ड पर जाकर कुछ रकम वापस पा सकेंगे. मोबाइल वॉलेट की सुविधा देने वाले डिजिटल एप्प अरसे से ऐसे लुभावने ऑफर दे रहे हैं और सट्टेबाजी के आरोप लगने के बावजूद उन पर कोई कार्रवाई अब तक देश में मांग उठने पर भी नहीं हुई है. लेकिन इधर पेटीएम के इस ऑफर को एक नीतिगत अपडेट के तहत गूगल ने आपत्तिजनक माना और पेटीएम के एप्प को अपने एप्प स्टोर ‘प्ले स्टोर’ से हटा दिया.

इस पर काफी खलबली मची और पेटीएम का एप्प प्ले स्टोर पर तभी वापस आ सका, जब उसने क्रि केट से संबंधित कैशबैक वाला ऑफर हटाने की घोषणा की. हालांकि यह बात तब और बढ़ गई, जब पेटीएम ने गूगल पर आरोप लगाया कि जिस ऑफर के लिए गूगल ने उस पर कार्रवाई की, ठीक वैसा ही ऑफर खुद गूगल के डिजिटल पेमेंट गेटवे ‘गूगल पे’ पर मौजूद है. 

बहरहाल, इस जंग का नतीजा इस रूप में आना चाहिए कि केंद्र और राज्य सरकारें ऑनलाइन रम्मी, स्क्रै च कार्ड व स्टीकर जुटाने के रूप में चल रही सट्टेबाजी को नियंत्रित करने का ठोस प्रयास करें और इस मामले में छाए धुंधलके को साफ करें.

टॅग्स :पेटीएम
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