लाइव न्यूज़ :

कर्तव्य बोध की भावना के साथ कार्य करना और जीवन जीना ही मोक्ष है

By शक्तिनन्दन भारती | Updated: September 24, 2021 20:20 IST

मुक्ति जीवन से पलायनवादिता का नाम नहीं है, वरन यह साहस के साथ जीवन की प्रत्येक परिस्थिति का सामना करना सिखाती है।

Open in App

ज्ञान और‌ मुक्ति समानार्थी हैं। यह समस्त जगत व्यापार जिस रूप में हमारे सामने उपस्थित है उसे ज्यों का त्यों बिना प्रभावित हुऐ स्वीकार करना, जीवनमुक्त की स्थिति है। इस अवस्था में करणीयता और अकरणीयता जैसा कोई भाव नहीं रह जाता, जीवनमुक्त केवल कर्तव्य बोध की भावना से कार्य करता हैः कृष्ण, बुद्ध, नानक, कबीर, शंकराचार्य इसी स्थिति को उपलब्ध थे।

मुक्ति जीवन से पलायनवादिता का नाम नहीं है, वरन यह साहस के साथ जीवन की प्रत्येक परिस्थिति का सामना करना सिखाती है। मुक्त पुरुष जीवन युद्ध में दो धारी तलवार की तरह और जीवन रंग में फूल की तरह होता है। 

जैन और बौद्ध दर्शन में इस बात को कहा गया है कि स्त्रियां मुक्त नहीं हो सकतीं, जैन और बौद्ध दर्शन का यह तथ्य जिसमें यह कहा गया था कि स्त्रियां मुक्त नहीं हो सकती, मुझे भी बहुत परेशान करता था,

लेकिन कालांतर में मुझे यह स्पष्ट हुआ कि प्रकृति और स्त्री तथा यह संपूर्ण जीवन जगत पूर्ण रूप से समानार्थी हैं, यदि प्रकृति और स्त्री तथा यह संपूर्ण जीवन जगत इनमें से कोई भी मुक्त हुआ या सभी मुक्त हो गए तो फिर हमारा अस्तित्व ही नहीं बचेगा। 

जैन और बौद्ध दर्शन के अनुसार स्त्रियां मुक्ति की अधिकारी नहीं है, इस कथन में कहीं भी स्त्रियों के प्रति हेय भावना नहीं थी, वरन अपने इस सिद्धांत के माध्यम से जैन और बौद्ध दोनों ने ही स्त्रियों और प्रकृति की विराटता तथा मुक्ति की अवधारणा को और स्पष्ट करने का प्रयास किया।

सम्यक और सापेक्ष दृष्टि के साथ जीवन यापन करना ही मोक्ष की अवस्था है। जियो और जीने दो की अवधारणा के साथ तथा कर्तव्य बोध की भावना के साथ कार्य करना तथा जीवन यापन करना ही मोक्ष की अवस्था है। 

सम्यक और सापेक्ष दृष्टि के साथ जीवन यापन करने में संभव है कि युद्ध की स्थिति भी पैदा हो जाए ऐसी स्थिति में युद्ध को स्वीकार करना ही मुक्तावस्था है, मोक्ष है, मुक्ति है।

टॅग्स :जैन धर्म
Open in App

संबंधित खबरें

ज़रा हटकेकमाल और शानदार, 21 करोड़ रुपये की छूट, 186 लक्जरी कारें घर लाकर महाबचत, बीएमडब्ल्यू, ऑडी और मर्सिडीज खरीदीं

पूजा पाठजैन धर्म पर्यूषण महापर्वः 20 से 27 अगस्त तक मनाया जा रहा, आत्मउन्नयन, जीवन-जागृति का पर्व पर्यूषण

भारतपीएम मोदी ने आचार्य विद्यानंद महाराज की 100वीं जयंती पर डाक टिकट और सिक्के जारी किए

भारतIndore: गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स?, ब्रेन ट्यूमर से जूझ रही तीन वर्षीय लड़की ने जैन प्रथा ‘संथारा’ से त्यागे प्राण, क्या है कहानी

पूजा पाठMahavir Jayanti 2025: तीर्थंकर महावीर के विचार आज भी प्रासंगिक?, अहिंसा, अपरिग्रह, करुणा और क्षमा

पूजा पाठ अधिक खबरें

पूजा पाठAaj Ka Rashifal 05 December 2025: आज 4 राशिवालों पर किस्मत मेहरबान, हर काम में मिलेगी कामयाबी

पूजा पाठPanchang 05 December 2025: जानें आज कब से कब तक है राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त का समय

पूजा पाठPanchang 04 December 2025: जानें आज कब से कब तक है राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त का समय

पूजा पाठAaj Ka Rashifal 04 December 2025: आज वित्तीय कार्यों में सफलता का दिन, पर ध्यान से लेने होंगे फैसले

पूजा पाठAaj Ka Rashifal 03 December 2025: आज इन 3 राशि के जातकों को मिलेंगे शुभ समाचार, खुलेंगे भाग्य के द्वार