राजीव गांधी पुण्यतिथिः 27 साल पहले की वो मनहूस रात जब श्रीपेरंबदूर रैली का शोर सुन्न पड़ गया!
By आदित्य द्विवेदी | Published: May 21, 2018 05:09 AM2018-05-21T05:09:42+5:302018-05-21T09:35:54+5:30
जब राजीव गांधी की मौत की खबर 10 जनपथ पहुंची तो पूरा कैम्पस सोनिया गांधी की चीख से गूंज उठा। कहानी 27 साल पहले की उस मनहूस रात की...
21 मई 1991 की मनहूस रात। समय करीब 10 बजकर 21 मिनट। तमिलनाडु के श्रीपेरंबदूर में लोगों का उत्साह चरम पर था। देश के युवाओं की धड़कन राजीव गांधी यहां एक जनसभा को संबोधित करने आने वाले थे। राजीव गांधी जैसे ही रैली स्थल पर पहुंचे शोर बढ़ता ही गया। वो मंच से महज 10 मीटर की दूरी पर थे कि एक धमाका हुआ और सबकुछ सुन्न पड़ गया। जब तक मंजर साफ होता वहाँ चिथड़े बिखरे थे। थितराए मांस के लोथड़ों में भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी का शव भी था। आज उस मनहूस को बीते 27 साल हो चुके हैं। आज पुण्यतिथि है देश के सबसे युवा प्रधानमंत्री राजीव गांधी की।
21 मई 1991: राजीव गांधी की हत्या का घटनाक्रम
भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या को आज 27 साल पूरे हो गए। तमिलनाडु के श्रीपेरंबदूर में उन्हें उस वक्त बम से उड़ा दिया गया था जब वो एक चुनावी रैली को संबोधित करने जा रहे थे। रैली में उत्साह का माहौल था। मंच पर सांस्कृतिक गीत गाए जा रहे थे। तभी रैली के आयोजक ए.जे. दौस ने गाना रुकवाकर माइक से घोषणा की,
'किसी भी वक्त राजीव गांधी रैली स्थल पर पहुँच सकते हैं। स्वागत में जिसकी ड्यूटी है वो रेड कार्पेट पर पहुँच जाएं'
रात तकरीबन 10 बजकर 15 मिनट पर राजीव गांधी रैली स्थल पर पहुँचे। वे कार की अगली सीट पर बैठे थे। उन्होंने कार से उतरते ही लोगों का अभिवादन करना शुरू कर दिया। धीरे-धीरे वो मंच की ओर बढ़ने लगे। मंच से दस मीटर पहले ही मानव बम धनु ने उन्हें माला पहनानी चाही तो सब इंस्पेक्टर अनुसुइया ने उसे रोक दिया। राजीव गांधी ने उसे देखा तो आने देने को बोला। अनुसुइया ने मानव बम धनु को राजीव गांधी के पास जाने की अनुमति दे दी। धनु ने राजीव गांधी को माला पहनाई। उस वक्त दस बजकर बीस मिनट हो चुके थे।
राजीव गांधी के पैर छूने के लिए मानव बम धनु जैसे ही झुँकी अपने कमर से बँधे बम का बटन दबा दिया। एक तेज धमाका हुआ और फिर सबकुछ सुन्न हो गया। जब धुआँ छँटा तो राजीव गांधी की तलाश शुरू हुई। माँस के लोथड़ों के बीच राजीव गांधी का पैर दिखाई जिसमें उन्होंने लोट्टो का जूता पहन रखा था। उनका हाथ भी दिखा जिसमें गुच्ची की घड़ी बँधी थी। उनका शरीर औंधे मुँह पड़ा था और सिर फट चुका था।
जाने-माने पत्रकार और सोनिया गांधी की जीवनी लिखने वाले राशिद किदवई ने अपनी किताब में राजीव गांधी की हत्या के बाद उनके आवास '10 जनपथ' का हाल लिखा है। किदवई के मुताबिक, 'धमाके के बाद चेन्नई से एक फोन कॉल दिल्ली पहुंचा। उस फोन को जॉर्ज ने रिसीव किया और पूछा कि राजीव कैसे हैं? फोन करने वाले शख्स ने कहा कि सर अब वो इस दुनिया में नहीं है। चेन्नई से इस सूचना को सुनने के बाद राजीव गांधी के विशेष सचिव दौड़ते और चिल्लाते हुए 10 जनपथ में अंदर की तरफ भागे। जॉर्ज घबराकर बोले कि मैडम चेन्नई में बम धमाका हुआ है। सोनिया ने जवाब में पूछा कि "इज़ ही अलाइव"? आगे कुछ जॉर्ज कुछ नहीं बोले और उनकी चुप्पी में सोनिया को अपना जवाब मिल चुका था। उसके बाद 10 जनपथ चीखों से गूंज उठा।'
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राजीव गांधीः कुछ जरूरी तथ्य
- राजीव गांधी कैम्ब्रिज के ट्रिनिटी कॉलेज और लंदन के इम्पीरियल कॉलेज से उच्च शिक्षा हासिल की थी।
- राजीव गांधी अमेठी से लोकसभा का चुनाव जीत कर सांसद बने और 31 अक्टूबर 1984 को सिख आतंकवादियों द्वारा प्रधानमंत्री इन्दिरा गांधी की हत्या किए जाने के बाद भारत के प्रधानमंत्री बने और अगले आम चुनावों में सबसे अधिक बहुमत पाकर प्रधानमंत्री बने रहे।
- 1966 में ब्रिटेन से प्रोफेशनल पायलट बनकर लौटे। वे दिल्ली-जयपुर-आगरा रूट पर विमान उड़ाते थे। जब वे प्रधानमंत्री बने तब उनकी उम्र 40 साल 72 दिन थी।
- राजीव गांधी की शादी सोनिया गांधी से हुई। कहा जाता है कि राजीव गांधी से उनकी मुलाकात तब हुई जब राजीव कैम्ब्रिज में पढने गये थे।
- साल 1968 में राजीव गांधी और सोनिया ने शादी कर ली। उनके दो बच्चे हैं राहुल गांधी और प्रियंका गांधी।
- देश में बिजली, तकनीक और कंप्यूटर सेवा बहाल करने पर उनका हमेशा से जोर था और आज देश में अगर इतनी तेजी से कंप्यूटर तकनीक बदली है तो इसमें राजीव गांधी का योगदान अमूल्य माना जाएगा।
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