पाकिस्तान ने कुलभूषण जाधव की मां और पत्नी को अपमानित करने के लिए बुलाया था?
By आदित्य द्विवेदी | Published: December 27, 2017 09:01 AM2017-12-27T09:01:50+5:302017-12-27T09:03:40+5:30
पाकिस्तानी अफसरों और मीडिया ने जाधव की मां-पत्नी से बदसलूकी की इंतेहा पार की। चूड़ियां और जूते तक उतरवाए...
सोमवार को पाकिस्तान की जेल में बंद कुलभूषण जाधव से मिलने उनकी मां और पत्नी पहुंचे थे। पाकिस्तान जोर-शोर से इस बात की ढिंढोरा पीट रहा है कि उसने मानवता के आधार पर कुलभूषण के परिजनों से मिलने की अनुमति दी। लेकिन कुलभूषण परिजनों के साथ की गई बदसलूकी पाकिस्तानी अफसरों और वहां की मीडिया का असली चेहरा दिखाती है। इस मुलाकात के पूरे घटनाक्रम पर गौर करें तो पता चलता है कि पाकिस्तान ने किसी मानवीय आधार पर नहीं बल्कि अपमानित करने के लिए बुलाया था। पाकिस्तान ने भारत की सांस्कृतिक और धार्मिक भावनाओं का ख्याल तक नहीं रखा। पाक मीडिया ने जाधव की मां को 'कातिल की मां' कह कर उत्पीड़ित किया। इन्हीं सब बातों के चलते पाकिस्तान की नीयत पर सवाल उठने लाजिमी हैं।
चूड़ी, बिंदी और मंगलसूत्र और जूते उतरवाए
कुलभूषण जाधव की पत्नी अपने सुहाग से मिलने गई थी लेकिन चूड़ी और बिंदी भी नहीं पहन सकी। सुरक्षा की दृष्टि से अनिवार्य ना होने के बावजूद पत्नी और मां की चूड़ियां, बिंदू, मंगलसूत्र तक उतरवा लिए गए। जाधव की पत्नी के जूते तक उतरवा लिए गए और बाद में मांगने के बावजूद नहीं दिया गया।
कुलभूषण को सामने देखकर भी छू ना सकी
कल्पना कीजिए उस मां पर क्या बीत रही होगी जो अपने बेटे को सामने देखकर भी छू ना सकी। मानवीय आधार पर मिलाने का ढिंढोरा पीटने वाले पाकिस्तान ने दोनों के बीच कांच की दीवार लगा रखी थी। पत्नी भी तड़प कर गई। कांच के चैंबर में कई कैमरे लगे हुए थे जो सारी बातें रिकॉर्ड कर रहे थे। सामने एक फोन भी रखा था, जिसके स्पीकर के जरिए दोनों ओर से बात की जा रही थी।
पाकिस्तानी मीडिया की बदसलूकी
कुलभूषण की मां और पत्नी को मिलने के बाद मंत्रालय के बाहर छोड़ दिया गया और गाड़ी देर में बुलाई गई। मंत्रालय के बाहर मौजूद मीडिया ने भी बदसलूकी में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी। जाधव की मां को 'कातिल की मां' कहा गया। जाधव की पत्नी को तंग करते हुए पूछा, 'आपके पतिदेव ने हजारों बेगुनाह पाकिस्तानियों के खून से होली खेली इस पर क्या कहेंगी?'
#WATCH Islamabad: Pakistani journalists heckle & harass #KulbhushanJadhav's mother & wife after their meeting with him, shout, 'aapke patidev ne hazaron begunah Pakistaniyo ke khoon se Holi kheli ispar kya kahengi?' & 'aapke kya jazbaat hain apne kaatil bete se milne ke baad?' pic.twitter.com/MUYjPmHY6F
— ANI (@ANI) December 26, 2017
मराठी में बात करने की मनाही
कुलभूषण जाधव की मां अपने बेटे से उनकी मातृभाषा मराठी में बात करना चाहती थी। इस दौरान उन्हें मराठी बोलने से बार-बार रोका गया. जब भी जाधव की मां मराठी बोल रही थीं, वहां मौजूद पाक महिला अधिकारी इंटरकॉम बंद कर दे रही थी।
महिला राजनयिक को पाक ने नहीं दिया वीजा
भारत ने अपनी एक महिला राजनयिक को जाधव की पत्नी और मां के साथ पाकिस्तान जाने देने के लिए वीजा की मांग की थी, जिसे इस्लामाबाद ने ठुकरा दिया था। भारत इस फैसले से निराश था, लेकिन आगे बढ़ने का फैसला किया, क्योंकि अंततः यह मुलाकात जाधव परिवार के लिए थोड़ी राहत की तरह होता।
मुलाकात के बाद पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने बयान जारी करते हुए कहा कि उन्होंने मानवीय आधार पर कुलभूषण के परिजनों को मिलने की अनुमति दी है। भारत को भी इससे सीख लेते हुए कश्मीर के बेगुनाहों का खून बहाना रोकना चाहिए। भारत ने पाकिस्तान के इस बर्ताव की आलोचना की है।
Final Comment: अगर पाकिस्तान ने मानवीय आधार पर जाधव की पत्नी और मां को मिलने की अनुमति दी थी तो फिर ऐसी बदसलूकी क्यों की? क्या सम्मान के साथ नहीं मिलने देना चाहिए था? दरअसल, पाकिस्तान एक तीर से दो शिकार करना चाहता है। वो चाहता है कि इस कदम की वैश्विक स्तर पर प्रशंसा हो और भारत को अपमानित भी किया जा सके। पाकिस्तान ने कुलभूषण से परिजनों को मिलने की अनुमति के सराहनीय कदम के बावजूद अपनी हरकतों से थू-थू करवा ली है।