राम के नाम पर दंगे कौन कराता है? कौन कर रहा है मर्यादा पुरुषोत्तम को बदनाम?
By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: March 28, 2018 05:55 PM2018-03-28T17:55:38+5:302018-03-28T17:55:38+5:30
रामनवमी से जुड़े आयोजनों को लेकर बिहार और पश्चिम बंगाल में साम्प्रयादिक हिंसा हो रही है जिनमें कई लोगों की मौत हो गयी है।
हिन्दू मान्यता के अनुसार चैत्र माह की शुक्ल पक्ष की नवमी को भगवान राम का जन्म हुआ था। मर्यादा पुरुषोत्तम इसी दिन धरती पर कौशल्या और दशरथ के घर अवतरित हुए थे। मॉर्डन भाषा में कहें तो रामनवमी राम जी का बर्थडे है। भारतीय समाज में राम मर्यादा पुरुषोत्तम माने जाते हैं। आदर्श पुरुष, आदर्श पुत्र, आदर्श भाई, आदर्श राजा और शायद आदर्श पति भी। आज की नारीवादी भले ही कुछ भी कहें लेकिन हम जैसे गाँव-गिराँव से आए लोग बूढ़े-बूढ़ियों को मुँह से सुनते हुए बड़े हुए हैं कि "...राम जैसा पति मिले।"
हजारों सालों से राम के जन्मदिन पर हिन्दू पूजा-पाठ करते आ रहे हैं। रामनवमी के आसपास आम जनजीवन में राम कथाओं, पूजा-पाठ का विधियों इत्यादि की चर्चा हावी हो जाती थी। लेकिन न्यू इंडिया में माहौल बदल रहा है। इस साल की रामनवमी पर राम से ज्यादा दंगों की खबरों सुननें को मिल रही हैं। पश्चिम बंगाल और बिहार में रामनवमी या उससे जुड़े आयोजनों के नाम पर हिंसा हो रही है। कुछ लोगों की जान जा चुकी है। कई घायल हैं। कुछ लोगों की संपत्तियों को भारी नुकसान हुआ है। ये सब राम के नाम पर हुआ है।
राम के नाम पर हिंसा के इस दौर की शुरुआत 1980 के दशक में हुई। 1992 में राम के जन्मस्थली के नाम पर बाबरी मस्जिद गिराई गई। उसके बाद देश भर में दंगे हुए। साल 2002 में राम की जन्मभूमि से कारसेवा करके लौट रही ट्रेन के एक डब्बे को गोधरा में जला दिया गया। 59 लोग मारे गये। उसके बाद गुजरात में हुए दंगों में एक हजार से ज्यादा लोग मारे गये। ऐसा नहीं है कि 1980 के दशक से पहले इस देश में दंगे नहीं हुए थे। लेकिन राम के नाम पर ऐसे दंगे नहीं होते थे।
अगर पिछले कुछ सालों के पैटर्न को देखें तो अब रामनवमी साम्प्रदायिक रूप से संवेदनशील पर्व बनता जा रहा है। कुछ राजनीतिक दलों ने राम नवमी को अस्त्र-शस्त्र (पढ़ें बंदूक, त्रिशूल, तलवार, लाठी-डण्डा) प्रदर्शन का अवसर बना दिया है। साफ है कि हमारे राम साम्प्रदायिक तत्वों के हत्थे चढ़ चुके हैं। राम के नाम पर हिंसा कौन कर रहा है? राम के नाम पर हिंसा को बढ़ावा कौन दे रहा है? मानें या न मानें जवाब आपको भी पता है, हमें भी।