Blog: आज औरतें ही फेमिनिज्म के नाम पर दे रही हैं मां-बहन की गालियां
By ऐश्वर्य अवस्थी | Updated: June 19, 2018 13:53 IST2018-06-19T10:47:47+5:302018-06-19T13:53:51+5:30
एक माहौल सा देखने को मिल रहा है कि हर चौथा इंसान औरत के रूप में अपनी मां, बहन को एक अलग ही रूप में सम्मान दे रहा है।

Blog: आज औरतें ही फेमिनिज्म के नाम पर दे रही हैं मां-बहन की गालियां
जब भी बात धरती की रचना की होती है तो एक औरत का नाम लिया जाता है। हर तरह से हर रूप में मां, बहन, पत्नी बेटी, औरत को सबसे ऊपर रखने की बातें कही जाती हैं। भारत को आजाद हुए पूरे 70 साल हो गए हैं। इन 70 सालों में देश ने काफी विकास भी किया है, कभी इस विकास का क्रेडिट कांग्रेस लेती दिखती है तो कभी बीजेपी। लेकिन जब बात महिला सुरक्षा की आती है तो सभी राजनैतिक पार्टियां पल्ला झाड़ती नजर आती हैं।
बीते कई दिनों से एक माहौल सा देखने को मिल रहा है कि हर चौथा इंसान औरत के रूप में अपनी मां, बहन को एक अलग ही रूप में सम्मान दे रहा है। दरअसल वो सम्मान हर समय जुबान पर चढ़ी गालियों के जरिए दिया जा रहा है। एक बूंद अगर किसी के हाथ से पानी तक गिर जाए तो जनाब सॉरी से पहले बहन और मां की गाली ही जुबान पर आती है।
लड़ाई किसी की भी हो लेकिन गाली में तो सिर्फ महिला को ही लाया जाता है। दो लोग लड़ रहे हों तो गाली मां, बेटी या बहन के नाम पर ही दी जाती हैं। क्यों आजतक कोई नेता इस मसले को लेकर आगे नहीं आया, यहां तक कि कोई महिला नेता ने भी इस मसले को उठाना आवश्यक नहीं समझा। क्या कभी किसी ने कहा कि ये गालियां नहीं देनी चाहिए जिसकी इज्जत करने की बात कहते हैं उसी को बार बार अपनी जुबान से जलील नहीं करना चाहिए।
अरे छोड़े मेरे मन तो बस एक सवाल है ये लड़कियां भी जो गालियां देती हैं वो क्यों भाई बाप की की नहीं देती। जब हर तरह से जवाब दे रही हैं लड़कियां तो यहां क्यों पीछे हैं। डह मैं छोटी थी तो बहुत कम इन गालियों को सुना मैंने लेकिन अब ऐसा लग रहा है जितना लोग पढ़ लिख रहे, जागरुक हो रहे उतना ही ज्यादा गालियों के जरिए मां और बहन हो सम्मान दे रहे हैं। दिन में सैंकड़ों बार ये शब्द सुनाई ही पड़ जाते हैं गाली कोई भी दी मां बहन पर ही जाएगी।
एक तरफ उनके सम्मान की बात की जाती है तो हीं दूसरी ओर ये रूप। सच कहूं एक और तो यहीं शर्मसार हो जाती है। अब एक नया प्रचलन और शुरू हो गया गालियां तो वहीं रहेंगी बस उवको अंग्रेजी में दिया जाएगा, जैसे कि अब वो भगवान का प्रसाद हो गया हो। वो किसी भी रूप में दी जाए रहेगी तो गाली ही ना। समाज के ठेकेदारों कुछ सोचो जिस दिन लड़कियां लड़कों पर गालियां देने लगीं तो क्या होगा।
न जाने क्यों कब इस देश में महिलाएं स्वयं की इज्जत करना और उसके हक लिए लड़ना सीखेगी जिस दिन वह स्वयं की इज्जत करना सीख जाएगी शायद इस देश के हालात बदल जाएंगे...