भारत के 140 करोड़ लोगों की स्वास्थ्य-रक्षा और चिकित्सा की योजना कोई सरकार कब लाएगी?
By वेद प्रताप वैदिक | Published: November 1, 2022 03:52 PM2022-11-01T15:52:17+5:302022-11-01T15:53:48+5:30
अभी तक देश में लगभग 3 करोड़ 60 लाख लोग इस आयुष्मान बीमा योजना के तहत अपना मुफ्त इलाज करवा चुके हैं। कुछ राज्य सरकारों ने भी राहत की इस रणनीति को अपना लिया है लेकिन क्या भारत के 140 करोड़ लोगों की स्वास्थ्य-रक्षा और चिकित्सा की भी योजना कोई सरकार लाएगी?
भारत की सरकारें शिक्षा और चिकित्सा के क्षेत्र में क्रांतिकारी कदम क्यों नहीं उठाती हैं? अभी तक आजाद भारत में एक भी सरकार ऐसी नहीं आई है, जिसने यह बुनियादी पहल की हो। फिर भी 2018 से सरकार ने जो आयुष्मान बीमा योजना चालू की है, उससे देश के करोड़ों गरीब लोगों को राहत मिल रही है। यह योजना सराहनीय है लेकिन यह मूलतः राहत की राजनीति है यानी मतदाताओं को तुरंत तात्कालिक लाभ दो और बदले में उनसे वोट लो। इसमें कोई बुराई नहीं है लेकिन इस देश का स्वास्थ्य मूल रूप से सुधरे, इसकी कोई तदबीर आज तक सामने नहीं आई है। फिर भी इस योजना से देश के लगभग 40-45 करोड़ लोगों को लाभ मिलेगा। वे अपना 5 लाख रु. तक का इलाज मुफ्त करवा सकेंगे। उनके इलाज का पैसा सरकार देगी। अभी तक देश में लगभग 3 करोड़ 60 लाख लोग इस योजना के तहत अपना मुफ्त इलाज करवा चुके हैं। कुछ राज्य सरकारों ने भी राहत की इस रणनीति को अपना लिया है लेकिन क्या भारत के 140 करोड़ लोगों की स्वास्थ्य-रक्षा और चिकित्सा की भी योजना कोई सरकार लाएगी?
इसी प्रकार भारत में जब तक प्रारंभिक से लेकर उच्चतम शिक्षा भारतीय भाषाओं के जरिये नहीं होती है, भारत की गिनती पिछड़े हुए देशों में ही होती रहेगी। जब तक यह मैकाले प्रणाली की गुलामी का ढर्रा भारत में चलता रहेगा, भारत से प्रतिभा पलायन होता रहेगा। अंग्रेजीदां भारतीय युवजन भागकर विदेशों में नौकरियां ढूंढ़ेंगे और अपनी सारी प्रतिभा उन देशों पर लुटा देंगे। इसका अर्थ यह नहीं कि हमारे बच्चे विदेशी भाषाएं न पढ़ें। उन्हें सुविधा हो कि वे अंग्रेजी के साथ कई अन्य प्रमुख विदेशी भाषाएं भी जरूर पढ़ें लेकिन उनकी पढ़ाई का माध्यम कोई विदेशी भाषा न हो।