ब्लॉग: विदेशी विश्वविद्यालयों के भारत में कैंपस खोलने से कितना होगा लाभ और क्या है नुकसान, जानें शिक्षा के इस नई पहल का कितना पड़ेगा असर

By वेद प्रताप वैदिक | Published: January 7, 2023 05:13 PM2023-01-07T17:13:37+5:302023-01-07T17:37:55+5:30

ऐसे में अब जबकि विदेशी विश्वविद्यालय भारत में खुल जाएंगे तो निश्चय ही इससे प्रतिभा-पलायन घटेगा और देश का पैसा भी बचेगा। इसके अलावा विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की मान्यता है कि दुनिया की सर्वश्रेष्ठ शिक्षा-पद्धतियां भारत में प्रारंभ हो जाएंगी, जिसका लाभ हमारे पड़ोसी देशों के विद्यार्थी भी उठा सकेंगे।

what the disadvantages benefits of foreign universities opening campuses India | ब्लॉग: विदेशी विश्वविद्यालयों के भारत में कैंपस खोलने से कितना होगा लाभ और क्या है नुकसान, जानें शिक्षा के इस नई पहल का कितना पड़ेगा असर

फोटो सोर्स: ANI फाइल फोटो

Highlightsजीसी की अनुमति के बाद अब विदेशी विश्वविद्यालय भी भारत में अपना कैंपस खोल पाएंगे।ऐसे में इस अवसर का लाभ भारतीय तथा पड़ोसी देशों के छात्र भी उठा सकेंगे। इन सब के बीच अब इन विदेशी विश्वविद्यालयों द्वारा भारत में कैंपस खोलने पर कई सवाल भी खड़े हो रहे है।

नई दिल्ली: विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने एक जबर्दस्त नई पहल की है. उसने दुनिया के 500 श्रेष्ठ विश्वविद्यालयों के लिए भारत के दरवाजे खोल दिए हैं. वे अब भारत में अपने परिसर स्थापित कर सकेंगे. इस साल भारत के लगभग 5 लाख विद्यार्थी विदेशों में पढ़ने के लिए पहुंच चुके हैं. विदेशी पढ़ाई भारत के मुकाबले कई गुना महंगी है. 

विदेश में पढ़ने वाले भारतीय छात्रों की क्या इरादा होता है

भारत के लोग अपनी कड़ी मेहनत की करोड़ों डॉलरों की कमाई भी अपने बच्चों की इस पढ़ाई पर खर्च करने को मजबूर हो जाते हैं. इन लाखों छात्रों में से ज्यादातर छात्रों की कोशिश होती है कि विदेशों में ही रह जाएं और वहां डटकर पैसा कमाएं. भारत से प्रतिभा पलायन का यह मूल स्रोत बन जाता है. 

विदेशी विश्वविद्यालय के भारत में खुलने पर क्या लाभ होगा

अब जबकि विदेशी विश्वविद्यालय भारत में खुल जाएंगे तो निश्चय ही यह प्रतिभा-पलायन घटेगा और देश का पैसा भी बचेगा. इसके अलावा विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की मान्यता है कि दुनिया की सर्वश्रेष्ठ शिक्षा-पद्धतियां भारत में प्रारंभ हो जाएंगी, जिसका लाभ हमारे पड़ोसी देशों के विद्यार्थी भी उठा सकेंगे. 

सरकार के इस पहल पर देसी विश्वविद्यालयों का क्या होगा

इन सब लाभों की सूची तो ठीक है लेकिन क्या हमारे शिक्षाशास्त्रियों ने इस मामले के दूसरे पहलू पर भी विचार किया है? इसके दूसरे पहलू का सबसे पहला बिंदु यह है कि भारत में चल रहे विश्वविद्यालयों का क्या होगा? जिन माता-पिताओं के पास पैसे होंगे, वे अपने बच्चों को इन भारतीय विश्वविद्यालयों में क्यों पढ़ाएंगे? वे सब विदेशी विश्वविद्यालयों के पीछे दौड़ेंगे. 

दूसरा, इन विदेशी विश्वविद्यालयों को शुल्क, पाठ्यक्रम, प्रवेश-नियम और अध्यापकों की नियुक्ति में पूर्ण स्वायत्तता होगी. वे भारत के हित की बात पहले सोचेंगे या अपने देश के हित की बात? तीसरा, क्या अब हमारे देश में इस नई शिक्षा-व्यवस्था के कारण युवा-पीढ़ी में ऊंच-नीच का भेदभाव नहीं पैदा हो जाएगा?
 

Web Title: what the disadvantages benefits of foreign universities opening campuses India

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