विश्व बौद्धिक संपदा दिवस मनाया जा रहा है आज, जानिए आखिर क्यों इसे लेकर और जागरूकता बढ़ाने की जरूरत है?
By रमेश ठाकुर | Published: April 26, 2023 12:27 PM2023-04-26T12:27:45+5:302023-04-26T12:27:45+5:30
बौद्धिक संपदा संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए 1967 में विश्व बौद्धिक संपदा संगठन (डब्ल्यूआईपीओ) का गठन किया गया था. इस समय 191 देश इसके सदस्य हैं.
आज 26 अप्रैल को विश्व बौद्धिक संपदा दिवस मनाया जा रहा है. वैश्विक स्तर पर रचनात्मक गतिविधियों को प्रोत्साहित करने और बौद्धिक संपदा संरक्षण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से यह दिवस मनाया जाता है. आज के डिजिटल युग में अत्याधुनिक तकनीकों ने जीवन को आसान तो किया है लेकिन फ्रॉड भी बहुत ज्यादा बढ़ गया है. इसलिए हम अपने अधिकारों के प्रति सतर्क रहें, यह जरूरी है.
बौद्धिक संपदा दिवस दो मायनों में बेहद खास है. एक तो कॉपीराइट, पेटेंट व ट्रेडमार्क जैसी प्रमुख भूमिकाओं के संबंध में आम लोगों को जागरूक करना और दूसरा, ये दिवस दुनिया के सृजनात्मक लोगों और वैश्विक आर्थिक विकास में उनके योगदान को ध्यान में रखकर मनाया जाता है. हर वर्ष इसकी एक अलग थीम रखी जाती है. बौद्धिक संपदा दिवस-2023 की थीम है ‘महिला एवं आईपी (इंटेलेक्चुअल प्राॅपर्टी) : नवाचार और रचनात्मकता में तेजी लाना’. जबकि पिछले वर्ष की थीम थी ‘आईपी एंड यूथ : इनोवेटिंग फॉर अ बेटर फ्यूचर’.
बौद्धिक संपदा अधिकार एक निश्चित समयावधि और एक निर्धारित भौगोलिक क्षेत्र के मद्देनजर दिये जाते हैं. इसमें कॉपीराइट, पेटेंट, ट्रेडमार्क, औद्योगिक डिजाइन और भौगोलिक संकेतक का अधिकार शामिल है. दुनियाभर में बौद्धिक संपदा संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए 1967 में विश्व बौद्धिक संपदा संगठन (डब्ल्यूआईपीओ) का गठन किया गया था. इस समय 191 देश इसके सदस्य हैं. इसका मुख्यालय जिनेवा, स्विट्जरलैंड में है.
भारत 1975 में विश्व बौद्धिक संपदा संगठन का सदस्य बना था. चूंकि वर्ष 1970 में 26 अप्रैल को ही डब्ल्यूआईपीओ कन्वेंशन अस्तित्व में आया था, इसलिए वर्ष 2000 में डब्ल्यूआईपीओ के सदस्यों ने इस दिन को बौद्धिक संपदा अधिकार दिवस के रूप में मनाने का फैसला लिया.