पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावः क्या 200 सीटें नहीं आई तो बीजेपी नेता इस्तीफ़ा देंगे?
By प्रदीप द्विवेदी | Published: December 23, 2020 05:49 PM2020-12-23T17:49:27+5:302020-12-23T17:51:10+5:30
देश के गृहमंत्री और बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष अमित शाह बंगाल सियासी मिशन पर काम कर रहे हैं और उन्होंने दावा किया था कि इस बार चुनाव में बीजेपी 200 से ज्यादा सीटे जीतेगी.
पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव ज्यों-ज्यों करीब आ रहे हैं, त्यों-त्यों बीजेपी और टीएमसी के नेता एक-दूजे को चुनौती दे रहे हैं और एक-दूजे पर सियासी निशाना साध कर व्यंग्यबाण चला रहे हैं.
खबर है कि चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने मंगलवार को भाजपा नेताओं को सार्वजनिक तौर पर यह स्वीकार करने की चुनौती दी कि अगर बीजेपी पश्चिम बंगाल में 200 सीटें हासिल करने में विफल रही तो वे अपने पद छोड़ देंगे. याद रहे, लंबे समय से देश के गृहमंत्री और बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष अमित शाह बंगाल सियासी मिशन पर काम कर रहे हैं और उन्होंने दावा किया था कि इस बार चुनाव में बीजेपी 200 से ज्यादा सीटे जीतेगी. उधर, प्रशांत किशोर ने दावा किया था कि बीजेपी बंगाल में सीटों के मामले में दहाई की संख्या तक भी नहीं पहुंच पाएगी.
उन्होंने कहा था कि- बीजेपी पश्चिम बंगाल में दहाई के आंकड़े को पार करने में संघर्ष करेगी और 100 से कम सीटें हासिल करेगी. अगर उन्हें इससे ज्यादा सीटें मिलती हैं तो मैं अपना काम छोड़ दूंगा. याद रहे, पश्चिम बंगाल में वर्ष 2021 में विधानसभा चुनाव हैं और इसे लेकर सियासी संग्राम शुरू हो चुका है.
बीजेपी और टीएमसी, दोनों की ओर से आक्रामक बयानबाजी और आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी शुरू हो चुका है. बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष, गृहमंत्री अमित शाह के दो दिवसीय बंगाल दौरे के बाद प्रशांत किशोर ने ट्वीट में लिखा कि- बीजेपी समर्थित मीडिया के एक धड़े की ओर से राजनीतिक हवा बनाई जा रही है. हकीकत में, बीजेपी को पश्चिम बंगाल में दहाई अंक से सीटें पार करने में ही संघर्ष करना पड़ेगा.
यही नहीं, उन्होंने आगे यह भी कहा कि इस ट्वीट को संभाल कर रख लीजिए अगर बीजेपी इससे अच्छा प्रदर्शन करती है तो मैं यह काम छोड़ दूंगा. खबरों पर भरोसा करें तो प्रशांत किशोर के ट्वीट पर बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता निखिल आनंद ने निशाना साधते हुए कहा कि प्रशांत किशोर को बीजेपी की चिंता नहीं बल्कि राजनीतिक दलाल के तौर पर अपने भविष्य की चिंता करनी चाहिए, जो पश्चिम बंगाल चुनाव के बाद खत्म होने जा रहा है.
निखिल आनंद ने यह भी लिखा कि प्रशांत किशोर भी मेरे ट्वीट को उस दिन के लिए सुरक्षित रख लें जब तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी और पार्टी नेता राज्य से बाहर खदेड़ देंगे, प्रशांत किशोर जिस राज्य से काम करके भाग गए, वहां दुबारा न लौटने का रिकॉर्ड बहुत अच्छा है. बहरहाल, दोनों सियासी पक्षों की ओर से चुनौतियां दी जा रही हैं, देखना दिलचस्प होगा कि प्रशांत किशोर मैदान से बाहर होते हैं या फिर अमित शाह का दावा बेदम साबित होता है!