विनीत नारायण का ब्लॉग: भूटान से अनेक मामलों में सबक सीख सकते हैं हम
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: July 22, 2019 05:58 AM2019-07-22T05:58:17+5:302019-07-22T05:58:17+5:30
भूटान की सबसे बड़ी ताकत यहां के जंगल हैं. इसे दुनिया का सबसे हरा-भरा देश माना जाता है. यहां के 70 फीसदी हिस्से में जंगल है. ऊंचे पर्वत, नदियों का साफ पानी और हरियाली यहां की खासियत है. जंगल को बचाने के लिए सरकार ही नहीं लोग भी बराबर योगदान देते हैं.
तीन वर्ष पहले जब मैं पड़ोसी देश भूटान गया, तब मुङो ये जानने की उत्सुकता थी कि बिना औद्योगिक प्रगति वाला भूटान दुनिया का सबसे सुखी देश कैसे है? वहां जाकर जो कुछ देखा उसने जिज्ञासा शांत कर दी. पर अभी एक मित्न ने वाट्सएप पर भूटान के विषय में जो सूचनाएं भेजीं, उन्हें देखकर तो यही लगता है कि भारत को भूटान से सबक सीखना चाहिए. उस मित्न की भेजी सामग्री को यहां यथारूप प्रस्तुत कर रहा हूं.
भूटान के जाने-माने चिंतक और ग्रॉस नेशनल हैप्पीनेस सेंटर, भूटान के प्रमुख डॉ. सांगडू छेत्नी कहते हैं कि भूटान के लोग प्रकृति को भगवान मानते हैं. वहां आज भी कई पीढ़ियां एक साथ, एक ही घर में, प्रकृति की फिक्र के साथ रहती हैं. भूटान का जीडीपी (सकल घरेलू उत्पादन) भारत की तुलना में बहुत ही कम है. बड़े उद्योग हैं ही नहीं. मगर वहां के लोग प्रसन्नचित, संतुष्ट, प्रकृति से प्रेम करते हुए व जीवन मूल्यों को संरक्षित करते हुए आगे बढ़ रहे हैं.
भूटान की सबसे बड़ी ताकत यहां के जंगल हैं. इसे दुनिया का सबसे हरा-भरा देश माना जाता है. यहां के 70 फीसदी हिस्से में जंगल है. ऊंचे पर्वत, नदियों का साफ पानी और हरियाली यहां की खासियत है. जंगल को बचाने के लिए सरकार ही नहीं लोग भी बराबर योगदान देते हैं.
प्लास्टिक किस हद तक खतरनाक है, इसे यहां बहुत पहले समझ लिया गया था. 1999 में यहां प्लास्टिक के कई सामानों पर प्रतिबंध लगाया गया था. प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाने के नियम को यहां का हर नागरिक अभियान की तरह मानता है और सख्ती से इसका पालन भी करता है. भूटान की ज्यादातर नीतियां ऐसी हैं जो पर्यावरण और लोगों, दोनों की सेहत को दुरुस्त रखने का काम करती हैं. सिगरेट और धूम्रपान से भूटान की लड़ाई काफी पुरानी है.
कहते हैं 1729 में तंबाकू पर कानून लाने वाला भूटान पहला देश था. 1990 में यहां तंबाकू और सिगरेट के खिलाफ अभियान और सख्त हुआ. नतीजा, भूटान के करीब 20 जिले स्मोक फ्री घोषित किए गए. 2004 में स्मोकिंग को पूरे देश में बैन कर दिया गया. कानून के मुताबिक, सिगरेट और तंबाकू का सेवन करते पकड़े जाने पर सीधे जेल होगी और जमानत नहीं दी जाएगी. पिछले साल भूटान में विश्व पर्यावरण दिवस को ‘पैदल दिवस’ के रूप में मनाने की पहल की गई थी.
भूटान के यातायात विभाग रॉयल भूटान पुलिस के निर्देश के अनुसार, देशभर के शहरी क्षेत्नों में यातायात बंद रहा था. दिलचस्प है कि भूटान में एक भी वृद्धाश्रम नहीं हैं और यहां के लोगों का मानना है कि हमारे समाज में ऐसी जगह होनी भी नहीं चाहिए. डॉ. सांगडू छेत्नी कहते हैं जिस मां ने हमें जन्म दिया उसको हमें वृद्धाश्रम में छोड़ना पड़े तो यह समाज के लिए कलंक है.