वेदप्रताप वैदिक का ब्लॉग: कोरोना के टीके को लेकर खुशखबरी

By वेद प्रताप वैदिक | Published: January 4, 2021 12:57 PM2021-01-04T12:57:33+5:302021-01-04T13:00:33+5:30

50 साल से ज्यादा उम्रवाले लगभग 50 करोड़ और गंभीर बीमारियों से ग्रस्त लोगों को कोरोना वायरस टीका देने की तैयारी हमारे स्वास्थ्य मंत्नालय ने ठीक ढंग से कर रखी है.

Vedapratap Vedic's blog: Good news about Corona vaccine | वेदप्रताप वैदिक का ब्लॉग: कोरोना के टीके को लेकर खुशखबरी

कोरोना वायरस वैक्सीन (सांकेतिक फोटो)

Highlightsभारत के वैज्ञानिकों द्वारा निर्मित यह टीका पश्चिमी टीकों के मुकाबले सस्ता और कम रखरखाव वाला है. यह भारत को तो महामारी मुक्त करेगा ही, पड़ोसी देशों और अफ्रीकी देशों को भी अपूर्व सेवा का अवसर भारत को प्रदान करेगा.

कोरोना वायरस महामारी को ध्वस्त करने का ब्रह्मास्त्न अब भारत के हाथ में भी आ गया है. कोरोना के दो टीके, जो भारत में ही बने हैं, अब शीघ्र ही जरूरतमंदों को लगने शुरू हो जाएंगे. 30 करोड़ लोगों के लिए जो इंतजाम अभी हुआ है, उसमें उन तीन करोड़ लोगों को यह टीका सबसे पहले लगेगा जो डॉक्टर, नर्स और मरीजों की सेवा में लगे रहते हैं.

ये सच्चे जन-सेवक हैं. इन लोगों ने अपनी जान पर खेलकर लोगों की जान बचाई है. अब भी ये लोग उत्साहपूर्वक देश की सेवा करते रहें, इसके लिए जरूरी है कि सबसे पहले इनको सुरक्षा प्रदान की जाए. जाहिर है कि हमारे नेता लोग चाहेंगे कि इन सेवाकर्मियों के भी पहले इस टीके से उन्हें कृतार्थ किया जाए लेकिन वे जरा अपनी तुलना इन डॉक्टरों, नर्सो, वार्डब्वाय और मरीज गाड़ियों के ड्राइवरों से करके देखें.

ये लोग जब अपनी जान की बाजी लगाए हुए थे, तब ज्यादातर नेता अपने-अपने घरों में थे. वे भूखे लोगों को खाना बांटने में भी संकोच करते थे. हालांकि मेरी राय है कि यदि वे फिर भी यह टीका पहले लगवाना चाहें तो उन्हें यह सुविधा दे दी जाए लेकिन उनसे लागत से भी दुगुना-चौगुना पैसा वसूल किया जाए, जिसका इस्तेमाल उस टीके को मुफ्त बांटने में किया जाए.

यह ठीक है कि करोड़ों लोगों को मुफ्त टीका देने में सरकार के अरबों रु. खर्च हो जाएंगे लेकिन यदि वह निजी अस्पतालों को यह छूट दे दे तो भारत में 30 से 40 करोड़ लोग उच्च और निम्न मध्यम वर्ग के ऐसे हैं, जो हजार-दो हजार रु. खर्च करके यह टीका ले सकते हैं.

इसके कारण जो राशि सरकार को मिलेगी, वह मुफ्त टीका लगाने में तो इस्तेमाल होगी ही, मुफ्त टीकाकरण का बोझ भी हल्का होगा. सरकारी टीकाकर्मियों की संख्या सिर्फ सवा लाख है. इतने ही टीकाकर्मी निजी अस्पताल भी जुटा सकते हैं.

50 साल से ज्यादा उम्रवाले लगभग 50 करोड़ और गंभीर बीमारियों से ग्रस्त लोगों को यह टीका देने की तैयारी हमारे स्वास्थ्य मंत्नालय ने ठीक ढंग से कर रखी है. यदि जरूरत पड़ी तो सरकार विदेशी कंपनियों से भी दवाइयां खरीद सकती है. यों भी कोरोना का हमला भारत में आजकल बहुत धीमा पड़ता जा रहा है.

भारत के वैज्ञानिकों द्वारा निर्मित यह टीका पश्चिमी टीकों के मुकाबले सस्ता और कम रखरखाव वाला है. यह भारत को तो महामारी मुक्त करेगा ही, पड़ोसी देशों और अफ्रीकी देशों को भी अपूर्व सेवा का अवसर भारत को प्रदान करेगा. भारत के लिए और एशिया-अफ्रीका के देशों के लिए नए साल की यह सबसे बड़ी खुशखबरी है.

Web Title: Vedapratap Vedic's blog: Good news about Corona vaccine

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