वेदप्रताप वैदिक का ब्लॉग: CBI से मुश्किल में सरकार
By वेद प्रताप वैदिक | Published: October 26, 2018 09:55 PM2018-10-26T21:55:03+5:302018-10-26T21:55:03+5:30
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का कहना है कि आलोक वर्मा राफेल सौदे की जांच पर अड़े हुए थे, इसीलिए उनके खिलाफ यह कार्रवाई की गई है और सरकार गुजरात कैडर के अस्थाना को बचाने में जुटी है।
तीन दिन पहले मैंने लिखा था कि केंद्रीय जांच ब्यूरो के दोनों शीर्ष अफसरों- आलोक वर्मा और राकेश अस्थाना- को छुट्टी पर भेज दिया जाए और सारे मामले की निष्पक्ष जांच करवाई जाए। सरकार ने यह काम उसी रात कर दिखाया। लेकिन सीबीआई के मुखिया को नियुक्त करने और हटाने का अधिकार न तो प्रधानमंत्नी को है, न गृहमंत्नी को है और न ही केंद्रीय निगरानी आयोग को है। यह अधिकार कानून के मुताबिक उस कमेटी को है, जो प्रधानमंत्नी, मुख्य न्यायाधीश और संसद में विपक्ष के नेता को मिलाकर बनती है। आलोक वर्मा, जो सीबीआई के मुखिया थे, उन्हें इस कमेटी की राय के बिना ही छुट्टी पर भेज दिया गया है।
अब वर्मा ने सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटा दिया है। हालांकि सरकार ने कहा है कि वर्मा को हटाया नहीं गया है, सिर्फ छुट्टी पर भेजा गया है। इतना ही नहीं, सरकार ने नं। 2 अफसर राकेश अस्थाना को भी छुट्टी पर भेज दिया है लेकिन उनकी जांच कर रहे दर्जन भर अफसरों का भी तबादला कर दिया है और उनकी जगह ऐसे अफसरों को नियुक्त कर दिया है, जिनकी निर्भयता और निष्पक्षता पर पहले ही प्रश्नचिह्न् लग चुके हैं। कुल मिलाकर सरकार ने मध्य-रात्रि में तत्काल कार्रवाई की और दोनों शीर्ष अफसरों के दफ्तरों को सील कर दिया, जो कि सराहनीय है। लेकिन अस्थाना की जांच कर रहे एक वरिष्ठ अफसर का अंडमान-निकोबार तबादला कर दिया गया है। क्या इस अफसर को यह सजा इसलिए दी गई है कि वह गुजरात कैडर के राकेश अस्थाना के भ्रष्टाचार के पुराने कारनामों को उजागर कर रहा था?
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का कहना है कि आलोक वर्मा राफेल सौदे की जांच पर अड़े हुए थे, इसीलिए उनके खिलाफ यह कार्रवाई की गई है और सरकार गुजरात कैडर के अस्थाना को बचाने में जुटी है। यदि राहुल अपनी बात के लिए कुछ ठोस प्रमाण जुटा पाए तो सरकार के लिए संसद का यह शीतकालीन सत्न बहुत ज्यादा गर्मी पैदा कर देगा।