वेदप्रताप वैदिक का ब्लॉग: रूस-यूक्रेन जंग के बीच इमरान खान की नई कूटनीति

By वेद प्रताप वैदिक | Published: February 25, 2022 01:42 PM2022-02-25T13:42:42+5:302022-02-25T13:45:20+5:30

हाल में शीतकालीन ओलंपिक खेलों के उद्घाटन के अवसर पर भी ब्लादिमीर पुतिन के साथ-साथ इमरान खान भी बीजिंग गए थे. अब इमरान उस समय मास्को पहुंचे हैं, जबकि पुतिन ने यूक्रेन के तीन टुकड़े कर दिए हैं.

Ved Pratap Vaidik blog: Imran Khan new diplomacy amid Russia Ukraine war | वेदप्रताप वैदिक का ब्लॉग: रूस-यूक्रेन जंग के बीच इमरान खान की नई कूटनीति

इमरान खान की रूस के साथ नई कूटनीति (फोटो- एएनआई)

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान रूस पहुंच गए हैं. लगभग 22 साल पहले प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के बाद किसी पाकिस्तानी प्रधानमंत्री की यह पहली मास्को-यात्रा है. इमरान और रूसी राष्ट्रपति व्लादीमीर पुतिन की ऐसे संकट के समय इस भेंट पर लोगों को बहुत आश्चर्य हो रहा है, क्योंकि पाकिस्तान कई दशकों तक उस समय अमेरिका का दुमछल्ला बना हुआ था, जब अमेरिका और सोवियत संघ का शीतयुद्ध चल रहा था. 

सोवियत संघ के बिखराव के बाद जब अमेरिका और रूस के बीच का तनाव थोड़ा घटा था, तब पाकिस्तान ने रूस के साथ संबंध बनाने की कोशिश की थी. वरना अफगानिस्तान में चल रही बबरक कारमल की सरकार के विरुद्ध मुजाहिदीन की पीठ ठोंककर पाकिस्तान तो अमेरिकी मोहरे की तरह काम कर रहा था.

उन्हीं दिनों अमेरिका अपने संबंध चीन के साथ भी नए ढंग से परिभाषित कर रहा था. इसी का फायदा पाकिस्तान ने उठाया. वह भारत के प्रतिद्वंद्वी चीन के साथ तो कई वर्षो से जुड़ा ही हुआ था. उसने कश्मीर की हजारों मील जमीन भी चीन को सौंप रखी थी. अब जबकि चीन और रूस के संबंध घनिष्ठ हो गए तो उसका फायदा उठाने में पाकिस्तान पूरी मुस्तैदी दिखा रहा है. 

पिछले दिनों ओलंपिक खेलों के उद्घाटन के अवसर पर पुतिन के साथ-साथ इमरान भी बीजिंग गए थे. अब इमरान उस समय मास्को पहुंचे हैं, जबकि पुतिन ने यूक्रेन के तीन टुकड़े कर दिए हैं. मास्को पहुंचनेवाले वे पहले मेहमान हैं. उन्होंने एक रूसी चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा है कि उनका यूक्रेन-विवाद से कुछ लेना-देना नहीं है, वे सिर्फ रूस-पाकिस्तान द्विपक्षीय संबंधों पर अपना ध्यान केंद्रित करेंगे. मुझे ऐसा लगता है कि यूक्रेन के सवाल पर भारत की तरह तटस्थता का ही रुख अपनाएंगे या घुमा-फिराकर कई अर्थो वाले बयान देंगे. वे रूस को नाराज करने की हिम्मत नहीं कर सकते. वे चाहते हैं कि रूस 2.5 बिलियन डॉलर लगाकर कराची से कसौर तक की गैस पाइपलाइन बनवा दे. 

मास्को की मंशा है कि तुर्कमेनिस्तान से भारत तक 1800 किमी की गैस पाइपलाइन बन जाए. रूस चाहता है कि वह पाकिस्तान को अपने हथियार भी बेचे. अफगानिस्तान से अमेरिकी वापसी के मामले में भी रूस और पाकिस्तान का रवैया एक-जैसा रहा है. रूस का तालिबान के प्रति भी नरम रवैया रहा है. ओबामा-काल में ओसामा बिन लादेन की हत्या से पाक-अमेरिका दूरी बढ़ गई थी. रूस ने उन दिनों पाकिस्तान को कुछ हथियार और हेलिकॉप्टर भी बेचे थे और दोनों राष्ट्रों की फौजों ने संयुक्त अभ्यास भी किया था.

Web Title: Ved Pratap Vaidik blog: Imran Khan new diplomacy amid Russia Ukraine war

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