वेदप्रताप वैदिक का ब्लॉग: दंगाइयों को दंडित करने का नया विधान- बुल्डोजर और इस पर उठते सवाल
By वेद प्रताप वैदिक | Published: April 18, 2022 02:47 PM2022-04-18T14:47:14+5:302022-04-18T14:47:14+5:30
उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश और गुजरात हाल में पकड़े गए या चिह्नित किए गए दंगाईयों के घरों और दुकानों को ढहा दिए जाने के मामले ने खूब तूल पकड़ा है. इसे लेकर सवाल भी उठ रहे हैं.
उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश और गुजरात में इधर दंगाइयों को दंडित करने की एक बिल्कुल नई विधि का आविष्कार हुआ है. वह यह है कि जो भी दंगाई पकड़े जाएं या चिह्नित किए जाएं, उनके घरों और दुकानों को ढहा दिया जाए. उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को इसीलिए ‘बुल्डोजर बाबा’ कहा जाने लगा है और मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज चौहान को ‘बुल्डोजर मामा’.
अब गुजरात के नए मुख्यमंत्री ने भी यह काम शुरू कर दिया है. ये तीनों मुख्यमंत्री भाजपा के हैं. कई मुस्लिम नेता और खास तौर से कांग्रेसी नेता प्रादेशिक सरकारों के इस कदम का विरोध कर रहे हैं. वे कहते हैं कि भारत में कोई कानून ऐसा नहीं है, जो कहता हो कि जिन्हें आप दंगाई समझते हैं, उनके मकान ढहा दें.
उनका इससे भी भारी तर्क यह है कि जिनके मकान ढहाए गए हैं, वे सब मुसलमान हैं. अतः सरकारों का यह कदम सांप्रदायिक है. यह सच है कि दंगाइयों के मकान तत्काल ढहाए जाते हैं तो भावी दंगाइयों की रूह अपने आप कांपने लगती है. सिर्फ वे ही मकान ढहाए जाते हैं, जो गैर-कानूनी ढंग से बनाए जाते हैं. जो लोग दंगा करते हैं, कानून का उल्लंघन करना उनमें से ज्यादातर की आदत में होता है.
ऐसे लोगों को तुरंत दंडित करने में क्या बुराई है? लेकिन इस कार्रवाई पर दो सवाल उठते हैं. पहला यह कि यह कार्रवाई किसी धर्म विशेष के दंगाइयों के खिलाफ ही क्यों होती है? दूसरा सवाल यह है कि क्या यह प्रादेशिक सरकारों के निकम्मेपन का सूचक नहीं है कि हर गांव और शहर में लोग सरकारी जमीनों पर कब्जा करके मकान खड़ा कर लेते हैं और सरकारें सोती रहती हैं. अवैध निर्माण क्या तभी गिराए जाएंगे, जब दंगे होंगे?