वेदप्रताप वैदिक का ब्लॉग: विदेशों से अनुपयोगी चीजें न मंगाएं

By वेद प्रताप वैदिक | Published: January 4, 2020 06:32 AM2020-01-04T06:32:37+5:302020-01-04T06:32:37+5:30

आप जानते हैं कि ये गैर-जरूरी चीजें कितने की आती हैं? कम से कम 4 लाख करोड़ रुपए की. ऐसी चीजें हम अमेरिका और अन्य देशों से भी मंगाते हैं. हमारे देश की पसीने की कमाई के खरबों रुपए विदेशों में बह जाते हैं. यदि इनका आयात बंद हो जाए तो यह बचा हुआ रुपया देश के खेतों और कारखानों की बेहतरी में लगाया जा सकता है. मैं तो कहता हूं कि सभी देशों से आने वाले अय्याशी के सामानों पर रोक क्यों नहीं लगाई जाती? 

Ved Pratap Vaidik blog: Do not buy useless things from abroad | वेदप्रताप वैदिक का ब्लॉग: विदेशों से अनुपयोगी चीजें न मंगाएं

तस्वीर का इस्तेमाल केवल प्रतीकात्मक तौर पर किया गया है। (Image Source: Pixabay)

आज यह खबर पढ़कर मुझे बहुत खुशी हुई कि भारत सरकार कई तरह के विदेशी माल मंगाना बंद करने वाली है. अकेले चीन से आने वाली 371 चीजों पर रोक लगाने वाली है. इन चीजों में बच्चों के खिलौने, दवाइयां, बिजली का सामान, तार, टेलीफोन, फर्नीचर, कुछ खाने-पीने की चीजें आदि हैं.

इन चीजों में से एक भी चीज ऐसी नहीं है, जिसके भारत में नहीं आने से भारतीयों का कोई बहुत बड़ा नुकसान हो जाएगा या उन्हें जान-माल की हानि हो जाएगी. ये सब चीजें ‘अनावश्यक’ चीजों की श्रेणी में आती हैं. 

आप जानते हैं कि ये गैर-जरूरी चीजें कितने की आती हैं? कम से कम 4 लाख करोड़ रुपए की. ऐसी चीजें हम अमेरिका और अन्य देशों से भी मंगाते हैं. हमारे देश की पसीने की कमाई के खरबों रुपए विदेशों में बह जाते हैं. यदि इनका आयात बंद हो जाए तो यह बचा हुआ रुपया देश के खेतों और कारखानों की बेहतरी में लगाया जा सकता है. मैं तो कहता हूं कि सभी देशों से आने वाले अय्याशी के सामानों पर रोक क्यों नहीं लगाई जाती? 

मुट्ठीभर लोग, जो अरबों रु. इन चीजों पर बहाते हैं, वे कौन हैं? वे लोग भारतीय नहीं हैं, वे इंडियन हैं. उनकी दुनिया ही अलग है. वे पश्चिम के उपभोक्तावादी समाज के नकलची हैं. संपूर्ण भारतीय समाज पिछले 30-35 साल से पश्चिम की नकल में बर्बाद हो रहा है. बड़ी-बड़ी कारें, खर्चीले स्कूल और अस्पताल, वातानुकूलित भवन, पांचसितारा होटलें और खर्चीली जिंदगी ने भारतीय जीवन पद्धति को डस लिया है. 

यदि भारत सरकार सादा जीवन और उच्च विचार के सिद्धांत पर चलकर भारत के घरों और बाजारों को नियंत्रित करेगी तो भारत का विकास समतामूलक और तीव्र होगा. हमारे लोग विदेशी वस्तुओं की टक्कर में बेहतर गुणवत्ता और कम कीमत पर अपना माल बनाने में सफल होंगे. भारत का निर्यात बढ़ेगा तो अर्थव्यवस्था को भी पटरी पर लाने में सुविधा होगी. इस मामले में भारत अगुवाई करेगा तो पड़ोसी देश भी उससे कुछ सबक जरूर लेंगे.

Web Title: Ved Pratap Vaidik blog: Do not buy useless things from abroad

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे