वेदप्रताप वैदिक का ब्लॉग: दुनिया के लिए प्रेरणा बना भारत
By वेद प्रताप वैदिक | Published: April 13, 2020 09:20 AM2020-04-13T09:20:46+5:302020-04-13T09:20:46+5:30
कोरोना मरीजों की एकांत चिकित्सा के लिए दर्जनों शहरों और रेल के डिब्बों में हजारों जगहें बना ली गई हैं. दुनिया के कई देश अब भारत से दवाइयां मंगा रहे हैं. भारत इन सब कोरोनाग्रस्त देशों का तारणहार-सा बन गया है.
कोरोना कमोबेश दुनिया के सभी देशों में फैल गया है. चीन और भारत दुनिया के सबसे बड़े देश हैं लेकिन जब हम सारी दुनिया के आंकड़े देखते हैं तो हमें लगता है कि इस कोरोना के राक्षस से लड़ने में भारत सारी दुनिया में सबसे आगे है. इस कोरोना-विरोधी युद्ध का आरंभ यदि फरवरी या मार्च के पहले सप्ताह में ही हो जाता तो भारत की सफलता पर सारी दुनिया दांतों तले अपनी उंगली दबा लेती.
अब भी भारत के करोड़ों लोग जिस धैर्य और संयम का परिचय दे रहे हैं, वह विलक्षण है. लाखों प्रवासी मजदूर अपने गांवों की तरफ लौटते-लौटते रास्ते में ही अटक गए. उन्होंने प्रधानमंत्नी नरेंद्र मोदी की अपील का पालन किया. पिछले दो हफ्तों से वे तंबुओं और शिविरों में अपना वक्त गुजार रहे हैं. राज्य सरकारें और स्वयंसेवी संगठन दिन-रात उनकी मदद में लगे हुए हैं.
हमारे नेताओं की तारीफ करनी पड़ेगी कि इस संकट के समय में वे राजनीति नहीं कर रहे हैं. क्या यह कम महत्वपूर्ण खबर है कि लगभग सारे गैर-भाजपाई मुख्यमंत्रियों ने लॉकडाउन बढ़ाने की बात आगे होकर कही है? देश में जहां-जहां कर्फ्यू लगा हुआ है, वहां-वहां सरकारी कर्मचारी और स्वयंसेवक लोग घरों में जाकर मुफ्त सामान बांट रहे हैं. लाखों लोगों को रसोई की गैस-टंकी और खाद्य-सामग्री घर बैठे मिल रही है.
कोरोना मरीजों की एकांत चिकित्सा के लिए दर्जनों शहरों और रेल के डिब्बों में हजारों जगहें बना ली गई हैं. दुनिया के कई देश अब भारत से दवाइयां मंगा रहे हैं. भारत इन सब कोरोनाग्रस्त देशों का तारणहार-सा बन गया है.
लॉकडाउन के दौरान भारत जो रास्ता अपना रहा है, दुनिया के दूसरे देश उससे प्रेरणा ले रहे हैं. यह कोरोना-संकट तीसरे विश्व-युद्ध की तरह पृथ्वी पर अवतरित हुआ है. दुनिया की महाशक्तियों का इसने दम फुला दिया है.
अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, रूस, चीन जैसी महाशक्तियां आज त्नाहि-माम कर रही हैं. ऐसे विकट समय में भारत विश्व की आशा बनकर उभर रहा है. इस मौके पर भारत की सांस्कृतिक परंपराओं (नमस्ते, स्पर्श-भेद) और शाकाहारी भोजन-पद्धति तथा घरेलू नुस्खों का अनुशीलन संसार करना चाहेगा.