बनारस: भोले के भक्त ही ले रहे हैं भोले की नगरी के प्राण
By जोयिता भट्टाचार्या | Published: July 4, 2018 05:24 PM2018-07-04T17:24:47+5:302018-07-04T17:24:47+5:30
मैनें अक्सर लोगों को बोलते सुना है कि हमारे देश के प्रधानमंत्री सफाई को लेकर कुछ नहीं करते। लेकिन मेरा सवाल यह है कि क्या पूरे देश की सफाई का जिम्मा सिर्फ एक आदमी के कंधे है?
अभी हाल ही में बॉलीवुड स्टार अनुष्का शर्मा का एक वीडियो तेजी से वायरल हुआ था जिसमें अनुष्का एक शख्स को सड़क पर कूड़ा फैलाने पर डांटती हुई नजर आई थी। दरअसल, अनुष्का शर्मा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के स्वच्छता अभियान की बड़ी समर्थक हैं। इस वीडियो को लेकर काफी विवाद भी हुआ था। कुछ लोगों ने अनुष्का के इस काम की सराहना की, वहीं कुछ ने इसे उसका सेलिब्रेटी स्ंटट कहा।
खैर मुद्दा यह नहीं की अनुष्का का यह वीडियो सेलिब्रेटी स्टंट था या नहीं। मुद्दा यह है कि किसी इंसान को सड़क पर कूड़ा फैलाने से रोकना या मना करना क्या गलत है? क्या देश या आपके शहर की सफाई की जिम्मेदारी सिर्फ पीएम नरेन्द्र मोदी या अनुष्का शर्मा की है? मैनें अक्सर लोगों को बोलते सुना है कि हमारे देश के प्रधानमंत्री सफाई को लेकर कुछ नहीं करते। लेकिन मेरा सवाल यह है कि क्या पूरे देश की सफाई का जिम्मा सिर्फ एक आदमी के कंधे है? प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वच्छता अभियान की शुरुआत बनारस से की थी। यहीं पर उन्होंने अपने सफाई के नवरत्न भी चुने थे। बावजूद इसके आज बनारस गंदगी में देश के टॉप टेन शहरों में शुमार है।
हाल ही में सोशल मीडिया पर बनारस शहर में गंगा को लेकर एक वीडियो वायरल हुआ था। इस वीडियो में गंगा में बहती गंदगी को खास तौर पर दिखाया गया था। वीडियो में दिखाई गई तस्वीरें इतनी भयावह थी कि उन्हें देखते ही उल्टी हो जाएं। मेरे कुछ फेसबुक फ्रेंड्स ने इस वीडियो को शेयर किया था जहां से मैनें भी इसे शेयर किया। क्योंकि मैं खुद बनारस से हूं तो मुझे लगा कि इस वीडियो के जरिए मुझे गंगा की इस दुर्गति के बारें में लोगों को बताना चाहिए। वीडियो को शेयर करने के बाद कुछ लोगों ने इस पर नाराजगी जताई। लेकिन मेरा कहना है कि क्या उस वीडियो को डिलीट करने से मेरे उस शहर की बुराई छुप जाएगी?
जी हां, आपका और मेरा जवाब एक ही है। नहीं... लेकिन क्या आपने सोचा है कि बनारस जैसी पावन नगरी जिसे भोले की नगरी से जाना जाता है किसने उसकी ऐसी हालत की है? बनारस जो अपनी अल्हड़ मस्त जिंदगी के लिए जाना जाता है। उसे कौन बदनाम कर रहा है? दरअसल, इसका जवाब भी हमारे पास ही है। हमारे शहर को हम ही है जो गंदा कर रहे हैं। मुझे याद है जब 2014 में गंगा सफाई अभियान शुरू हुआ था। कई दिग्गज नेताओं ने सफाई अभियान के लिए झाड़ू उठा लिया था। लेकिन वो सिर्फ कुछ दिनों की बात थी शहर फिर से गंदगी की चपेट में आने लगा। और अब स्थिति ऐसी है कि जो लोग बनारस में घूमने आते हैं, तीर्थ करने आते हैं, यहां की जिंदगी को जीने आते हैं वहीं लोग इस शहर की गंदगी को लेकर परेशान है। बल्कि मुझे लगता है शहर को साफ रखने की सबसे पहली जिम्मेदारी आपकी और मेरी (शहर के लोगों) की होती है।
मेरी विनती है बचा लिजिए मेरे और आपके शहर बनारस को, उसके अल्हड़पन को। इससे पहले की बहुत देर हो जाएं और आपका शहर सफाई के मामले पीछे और गंदगी के मामले में सबसे आगे रहें। रोक लिजिए खुद को शहर को गंदा करने से। गंगा में मुर्दें को मत छोड़े। बॉडी को जलाने के लिए इलेक्ट्रिक शवदाह गृह का इस्तेमाल करें। जानवरों को गंगा में नहलाने से रोकें। साबुन और ऐसी किसी भी तरह के चीजों को गंगा में न बहाएं। गलियों में कूड़ा न फैलाएं। बनारस शहर की जान उसकी गलियां हैं। उसे खोने से बचा लें। मेरे शहर को इतिहास होने से बचा लें।