सारंग थत्ते का ब्लॉगः पूर्व रक्षा मंत्री से रक्षा क्षेत्र मायूस!

By सारंग थत्ते | Published: July 6, 2019 07:23 AM2019-07-06T07:23:48+5:302019-07-06T07:23:48+5:30

विशेषज्ञों को उम्मीद थी कि छपे हुए बजट भाषण के अनुबंधों में शायद रक्षा बजट के आंकड़े देखने को मिलेंगे. लेकिन वहां भी निराशा ही हुई. बजट भाषण में इस बारे में सिर्फ दो वाक्य कहे गए थे- रक्षा के आधुनिकीकरण और उन्नयन की तत्काल आवश्यकता है और यह राष्ट्रीय प्राथमिकता है.

union budget 2019: Defense sector disappointed with former Defense Minister nirmala | सारंग थत्ते का ब्लॉगः पूर्व रक्षा मंत्री से रक्षा क्षेत्र मायूस!

File Photo

पिछली सरकार में रक्षामंत्नी के रूप में अपनी पहचान बनाने के बाद अब मोदी सरकार-2 में वित्त मंत्नी के ओहदे से निर्मला सीतारमण से रक्षा क्षेत्न को काफी उम्मीद थी. लेकिन सवा दो घंटे के बजट भाषण में जहां ड्यूटी टुवर्ड्स इंडिया अर्थात् भारत के प्रति कर्तव्य का जिक्र  किया गया था, रक्षा विभाग की पूरी तरह उपेक्षा ही हुई है. 

विशेषज्ञों को उम्मीद थी कि छपे हुए बजट भाषण के अनुबंधों में शायद रक्षा बजट के आंकड़े देखने को मिलेंगे. लेकिन वहां भी निराशा ही हुई. बजट भाषण में इस बारे में सिर्फ दो वाक्य कहे गए थे- रक्षा के आधुनिकीकरण और उन्नयन की तत्काल आवश्यकता है और यह राष्ट्रीय प्राथमिकता है. देश में आयातित किए जाने वाले रक्षा उपकरणों, जिनका निर्माण देश में  नहीं होता है उस पर मूल सीमा शुल्क नहीं लगेगा. इस सीमा शुल्क को साजो सामान बेचने वाली कंपनी अपनी कीमत में इस खर्च को शामिल करती आई है. इसलिए यह शुल्क अब सरकार को नहीं मिलेगा. विडंबना है कि फायदा किसी को नहीं हुआ बल्कि नुकसान सरकार उठाने को मजबूर है.

अब अंतरिम बजट की संख्याओं को दोबारा देखें. हमारी सेना के लिए बजट का सबसे जरूरी हिस्सा होता है कि रक्षा क्षेत्न को कितना आवंटन राजस्व मद में दिया जाता है. 1 फरवरी 2019 को अंतरिम वित्त मंत्नी ने रक्षा मंत्नालय के लिए 3,18,931.22 करोड़ रुपए का प्रावधान किया था, जिसमें पेंशन का हिस्सा शामिल नहीं है. 

सरकार ने पेंशन के खाते में 1,12,079.57 करोड़ रुपए का आवंटन अलग से किया था. चूंकि 5 जुलाई 2019 के पूर्ण बजट में इन संख्याओं में कोई बदलाव नहीं है, इसलिए 2018-19 के बजट के मुकाबले यह कुल आवंटन 7.93 प्रतिशत ज्यादा रहेगा. 2019-20 के बजट में दिए गए 3,18,931 करोड़ रु. में 2,10,682 करोड़ रु. राजस्व खाते में हैं, जबकि 1,08,248 करोड़ रुपए पूंजीगत खर्च के लिए दिए गए हैं. 

पूंजीगत खर्च के मद से नए हथियार और अन्य जरूरी साजोसामान खरीदा जाता है. पूंजीगत खर्च से ही पुरानी देनदारी की जाती है और लगभग 80 प्रतिशत उसमें व्यय होता है. 2019 - 20 में हमारा रक्षा खर्च जीडीपी का 1.58 प्रतिशत है जो कि 1962 की जंग के बाद सबसे कम प्रतिशत रहा है, तब यह 1.65 प्रतिशत था. 

सवाल है बिना आधुनिकीकरण और नए हथियारों के कैसे जीतेंगे हम अगली जंग? यह एक राष्ट्रीय नीति का प्रश्न है जिस पर सरकार को दोबारा मंथन करना ही पड़ेगा.

Web Title: union budget 2019: Defense sector disappointed with former Defense Minister nirmala

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