हिंसा से नहीं, सद्भाव और आपसी विश्वास से ही सुधरेंगे हालात

By लोकमत समाचार सम्पादकीय | Published: November 3, 2023 11:24 AM2023-11-03T11:24:00+5:302023-11-03T11:26:41+5:30

रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने मणिपुर में एक-दूसरे से लड़ रहे मेइती और कुकी समुदायों से अपील की कि वे एक-दूसरे के प्रति बने अविश्वास के माहौल को खत्म करने के लिए साथ बैठें और दिल से बात करें। हिंसा किसी भी समस्या का समाधान नहीं है।

The situation will improve only through harmony and mutual trust, not through violence | हिंसा से नहीं, सद्भाव और आपसी विश्वास से ही सुधरेंगे हालात

हिंसा से नहीं, सद्भाव और आपसी विश्वास से ही सुधरेंगे हालात

Highlightsरक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने मणिपुर में लड़ रहे मेइती और कुकी समुदायों से की शांति की अपील रक्षा मंत्री ने कहा कि पूर्वोत्तर के विकास के बिना भारत का विकास संभव नहीं हैभूगोल की अनिश्चितताओं और जातीय असंगति के बावजूद पूर्वोत्तर हमारा गौरवशाली अंग है

रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने मणिपुर में एक-दूसरे से लड़ रहे मेइती और कुकी समुदायों से अपील की कि वे एक-दूसरे के प्रति बने अविश्वास के माहौल को खत्म करने के लिए साथ बैठें और दिल से बात करें। हिंसा किसी भी समस्या का समाधान नहीं है।

रक्षा मंत्री का यह कहना सही है कि जब तक पूर्वोत्तर वास्तव में विकसित नहीं होगा तब तक एक मजबूत, समृद्ध और आत्मनिर्भर भारत का सपना पूरा नहीं होगा। पिछले एक दशक से विभिन्न मुद्दों को लेकर मैतेई समुदाय और जनजातीय समूहों के बीच विभाजन बढ़ा है।

वन क्षेत्रों से जनजातीय लोगों की बेदखली और मैतेई के लिए जनजाति  के दर्जे की मांग हाल की अशांति का कारण बनी है। मणिपुर की आबादी में मेइती लोगों की जनसंख्या लगभग 53 प्रतिशत है और वे ज्यादातर इम्फाल घाटी में रहते हैं, जबकि आदिवासी 40 प्रतिशत हैं और ज्यादातर पहाड़ी जिलों में रहते हैं।

आदिवासियों में नगा और कुकी शामिल हैं। मणिपुर हमेशा से उत्तर पूर्व के सबसे अशांत राज्यों में से एक रहा है। यह क्षेत्र उग्रवाद, जातीय संघर्ष और अंतर-राज्य विसंगति के चक्र में फंस गया है। इसके अतिरिक्त, राज्य की अर्थव्यवस्था को वह प्रोत्साहन नहीं मिला है जिसकी उम्मीद की जा रही थी।

राज्य में विकास की कमी का मुख्य कारण यह है कि पहाड़ी-घाटी का विभाजन लगातार बढ़ रहा है। समय-समय पर होने वाली आर्थिक नाकेबंदी, जो लगभग सभी जातीय समूहों द्वारा नियमित रूप से की जाती है और साथ ही विद्रोहियों द्वारा चलाई जा रही समानांतर अर्थव्यवस्था ने भी राज्य में अस्थिरता को बढ़ा दिया है।

मणिपुर में बार-बार नागरिक संघर्षों का सिर उठाना दुर्भाग्यपूर्ण है। मणिपुर एक रत्नों से सुसज्जित भूमि है। लोकतंत्र में हिंसा और घृणा की कोई जगह नहीं है, आपसी भाईचारे और परस्पर संवाद से ही समाधान संभव है। यह बात बार-बार दोहराई जाती है।

भूगोल की अनिश्चितताओं और जातीय असंगति के बावजूद यह हमारा एक गौरवशाली प्रांत है। यहां मानव जीवन की सुरक्षा और स्थायी शांति सुनिश्चित करना न केवल शासन-प्रशासन का बल्कि सामाजिक संगठनों और राजनीतिक दलों का भी सामूहिक दायित्व है।

लोगों में व्याप्त विवशता और असुरक्षा की भावना और असली चिंताओं को दूर करके ही समाधान निकल सकता है। दोनों पक्षों में एक-दूसरे के प्रति अविश्वास है, इसे दूर करना होगा। यह सही है कि लोगों में जो असुरक्षा और अविश्वास की भावना है उसे एक दिन में खत्म नहीं किया जा सकता। लगातार ईमानदार प्रयास जारी रखने होंगे।

Web Title: The situation will improve only through harmony and mutual trust, not through violence

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