गुप्त जानकारी में सेंध लगना गंभीर, इसकी हिफाजत करना सबकी जिम्मेवारी
By लोकमत न्यूज़ ब्यूरो | Updated: October 12, 2018 00:13 IST2018-10-12T00:13:57+5:302018-10-12T00:13:57+5:30
उत्तर प्रदेश एटीएस द्वारा नागपुर के ब्रह्मोस एरोस्पेस प्राइवेट लिमिटेड के चार वर्ष की सर्विस के साथ युवा सिस्टम इंजीनियर ने गोपनीय एवं संवेदनशील जानकारी को अपने लैपटॉप में रखा था जो नियम का उल्लंघन है।

गुप्त जानकारी में सेंध लगना गंभीर, इसकी हिफाजत करना सबकी जिम्मेवारी
सारंग थत्ते
सेना में बने हुए अलग-अलग कानूनों में सबसे पहले जिस कानून से सभी अधिकारियों को अवगत कराया जाता है वह है शासकीय गोपनीयता अधिनियम। सेना या इससे जुड़े संस्थान में कार्यरत सभी कर्मचारी इसके तहत आते हैं। किसी भी कीमत पर देश की गुप्त जानकारी देश के बाहर जाना देश के साथ गद्दारी मानी जाती है। इसमें कोई दो राय नहीं कि दुश्मन हमारी काबिलियत के संदर्भ में सतह पर मौजूद जानकारी (जो आम विकिपीडिया और अखबारों और मीडिया में) नजर आती हैं, उससे कहीं आगे की सोचता है। इसी वजह से अति संवेदनशील जानकारी की हिफाजत करना सबकी जिम्मेवारी है।
उत्तर प्रदेश एटीएस द्वारा नागपुर के ब्रह्मोस एरोस्पेस प्राइवेट लिमिटेड के चार वर्ष की सर्विस के साथ युवा सिस्टम इंजीनियर ने गोपनीय एवं संवेदनशील जानकारी को अपने लैपटॉप में रखा था जो नियम का उल्लंघन है। इस बाबत उससे 15 घंटे की पूछताछ, अनेक जगहों पर छापे एवं गिरफ्तारी और रिमांड की खबर इस सप्ताह की बड़ी खबर बन चुकी है। ब्रह्मोस संस्थान से जुड़े अनेक कर्मचारी भी आश्चर्यचकित हैं कि उनके प्रतिष्ठान में 40 लोगों की टीम को निर्देश देने वाले इंजीनियर निशांत अग्रवाल इस तरह की कार्रवाई में लिप्त हो सकते हैं।
आईएसआई द्वारा पाकिस्तान से संचालित हनी ट्रैप के माध्यम से फेसबुक पर भी निशांत ने आपसी बातचीत की है। एक लैपटॉप नागपुर से खंगाला गया है और उसमें गोपनीय जानकारी मौजूद थी जिसे उनके घर नहीं होना चाहिए था। इसे शासकीय गोपनीयता अधिनियम का उल्लंघन माना जा रहा है। इस संबंध में अभी कई परतें खुलनी बाकी हैं, लेकिन इस किस्म की जासूसी की खबर देश की अस्मिता पर सवालिया निशान लगा देती है।
इस बात में कोई शक नहीं कि इस तरह की जासूसी सिर्फ एक इंसान के बलबूते पर नहीं की जा सकती। इसमें अमूमन कुछ और व्यक्तियों के शामिल होने का शक बनता है। सीमा पार के दुश्मन अपने पांसे फेंकते आए हैं, यह हम पर है कि हम उनकी चाल को समझ कर देशहित में ईमानदारी और धैर्य से देश सेवा करते रहें तथा संदेहास्पद कर्मचारी यदि आसपास है तो उसकी खबर उच्च अधिकारियों के साथ साझा करें। दुश्मन का काम है हमारी गोपनीय जानकारी हासिल करना - लेकिन उसे बचाकर रखना हमारा परम कर्तव्य है। इस देश की सुरक्षा को महफूज और चाक चौबंद रखना ही होगा।