सारंग थत्ते का ब्लॉग: सेनाओं के आधुनिकीकरण का दौर

By सारंग थत्ते | Published: September 12, 2019 12:16 PM2019-09-12T12:16:51+5:302019-09-12T12:16:51+5:30

थल सेना के लिए 2600 इंफेंट्री युद्धक वाहन एवं 700 भविष्य की जरूरत के इंफेंट्री युद्धक वाहन खरीदे या बनाए जाएंगे. इसके अलावा भारतीय वायुसेना के लिए मल्टी रोल युद्धक विमान खरीदे जाएंगे.

Sarang Thatte's blog: A period of modernization of armies | सारंग थत्ते का ब्लॉग: सेनाओं के आधुनिकीकरण का दौर

सारंग थत्ते का ब्लॉग: सेनाओं के आधुनिकीकरण का दौर

देश पर मंडराते खतरे का समग्र रूप से आकलन करते हुए सरकार ने अपनी तरफ से एक बेहद बड़ा और दूरगामी असरकारक निर्णय लिया है. देश की रक्षा जरूरतों के लिए आने वाले 5 से 7 सालों में 30 अरब डॉलर खर्च किए जाएंगे. दरअसल तीनों सेनाओं ने दो मोर्चों पर एक साथ होने वाले युद्ध को ध्यान में रखते हुए अपनी भविष्य की योजनाओं में कमी को देखते हुए सरकार से पिछले तीन बजट में बढ़ोत्तरी करने की सिफारिश की हुई थी. लेकिन सरकार इस जरूरत को पूरा नहीं कर सकी.

आधिकारिक सूत्रों ने बताया है कि सरकार ने अब एक व्यापक निर्णय लिया है जिसका मूलमंत्र है कि तीनों सेनाओं की आधुनिकीकरण की लंबित मांगों को त्वरित गति दी जाएगी. थल सेना के लिए 2600 इंफेंट्री युद्धक वाहन एवं 700 भविष्य की जरूरत के इंफेंट्री युद्धक वाहन खरीदे या बनाए जाएंगे. इसके अलावा भारतीय वायुसेना के लिए मल्टी रोल युद्धक विमान खरीदे जाएंगे.

अक्तूबर के दूसरे सप्ताह में फ्रांस में एक आधिकारिक समारोह में भारतीय रक्षा मंत्री पहले राफेल युद्धक जहाज को ग्रहण करेंगे. 206  में हुए रक्षा सौदे के अंतर्गत 24 राफेल युद्धक जहाज फ्रांस से भारत को मिलने हैं. अगले साल मार्च में इसकी पहली खेप भारत पहुंचेगी.  नौसेना ने भी अपनी दीर्घकालिक योजना को आगे बढ़ाते हुए 200 जहाज, विभिन प्रकार के 500 विमान और हेलिकॉप्टर तथा 24 अटैक पनडुब्बियों की जरूरत को आनेवाले चार साल के दायरे में शामिल किया है.

फिलहाल नौसेना के पास 32 जहाज, 220 विमान और हेलिकॉप्टर तथा पनडुब्बियां मौजूद हैं. इसी तर्ज पर वायुसेना के लिए भी एक व्यापक युद्ध के लिए बंदोबस्त का ब्यौरा तैयार किया जा रहा है. कई हवाई जहाज एवं नए हेलिकॉप्टर इस समय खरीदे गए हैं, लेकिन अभी और की जरूरत रहेगी, इसमें दो राय नहीं है.  

सरकार और रक्षा मंत्रालय के अधीन विभिन रक्षा उत्पादन से जुड़े कार्यक्रम अब देश के दो बड़े प्रमुख शहरों - मुंबई और दिल्‍ली के ऊपर के वायुमंडल को पूर्णरूपेण अभेद्य हवाई सुरक्षा कवच देने के एक विशाल प्रोजेक्ट पर कार्यरत हैं. आने वाले समय में देश में निर्मित अंतरमहाद्वीपीय अग्नि-5 मिसाइल को भी स्ट्रेटेजिक कमांड में अधिकारिक रूप से शामिल करने और देश के सुरक्षा कवच में सहभागी करने की ओर सरकार अग्रसर है.

अमेरिका, चीन, रूस, फ्रांस और उत्तर कोरिया के पास 5000 किमी रेंज की अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल प्रणाली मौजूद है. इस समय भारतीय स्ट्रेटेजिक फोर्सेस की कमान के अधीन अग्नि-] से अम्नि- 4 तक सभी मिसाइलें मौजूद हैं जिनकी मारक क्षमता 700 किमी से 3500 किमी तक है. इनका परीक्षण अब तक सेना ने कई बार स्वयं किया है. 

Web Title: Sarang Thatte's blog: A period of modernization of armies

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