संतोष देसाई का ब्लॉग: एनकाउंटर नहीं है समस्या का हल

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Updated: December 16, 2019 07:06 IST2019-12-16T07:06:06+5:302019-12-16T07:06:06+5:30

हैदराबाद में बलात्कार के चार आरोपियों के एनकाउंटर में मारे जाने के बाद देश भर में उत्स्फूर्त प्रतिक्रिया व्यक्त की गई. हालांकि कुछ लोगों को ‘तत्काल न्याय’ देने का यह तरीका अत्यंत क्रूर लगा लेकिन अधिकांश लोगों ने खुशी व्यक्त कर पुलिस को धन्यवाद दिया.

Santosh Desai Blog: An encounter is not a solution to the problem | संतोष देसाई का ब्लॉग: एनकाउंटर नहीं है समस्या का हल

संतोष देसाई का ब्लॉग: एनकाउंटर नहीं है समस्या का हल

हैदराबाद में एनकाउंटर की घटना में कानून का पालन हुआ हो या नहीं, क्या न्याय मिल गया है? आज हमारी न्यायिक व्यवस्था की हालत को देखते हुए, क्या बलात्कार जैसे घिनौने अपराध से प्रभावी ढंग से निपटने का यही एकमात्र तरीका है?

हैदराबाद में बलात्कार के चार आरोपियों के एनकाउंटर में मारे जाने के बाद देश भर में उत्स्फूर्त प्रतिक्रिया व्यक्त की गई. हालांकि कुछ लोगों को ‘तत्काल न्याय’ देने का यह तरीका अत्यंत क्रूर लगा लेकिन अधिकांश लोगों ने खुशी व्यक्त कर पुलिस को धन्यवाद दिया.

मानवीय भावनाओं के स्तर पर लोगों की इस प्रतिक्रिया को समझा जा सकता है, क्योंकि अपराध का स्वरूप भयानक था. लोगों का अनुभव है कि ऐसे प्रकरण अदालतों में वर्ष-दर-वर्ष लंबित रहते हैं. दिल्ली का 2012 का निर्भया का मामला इसका उदाहरण है जिसके अपराधियों को अभी तक फांसी नहीं दी जा सकी है. इसलिए पुलिस के इस कृत्य का अधिकांश लोगों ने समर्थन किया.

बदले की इच्छा एक मानवीय आवेग है और हैदराबाद के एनकाउंटर जैसी त्वरित व निर्णायक कार्रवाई कई लोगों के लिए भावनात्मक रूप से संतुष्टि देने वाली होती है.

लेकिन हैदराबाद की घटना महिलाओं पर होने वाली अत्याचार की असंख्य घटनाओं में से महज एक है. 2017 के आंकड़ों के अनुसार प्रतिदिन बलात्कार की 90 घटनाएं होती हैं. एनकाउंटर के प्रखर समर्थक भी मानेंगे कि इस तरह के सारे मामलों में एनकाउंटर करना संभव नहीं है. तो स्पष्ट है कि यह तरीका बड़े स्तर पर इस समस्या का कोई समाधान नहीं है.

भावनात्मक रूप से, इस समस्या पर काबू पाने की कोशिश में, सजा की गंभीरता के बारे में सोचना स्वाभाविक है. लेकिन वास्तव में अनेक लोगों को इस बारे में विश्वास नहीं होता कि ऐसे सारे दोषियों को कठोर सजा होगी ही, और अगर होगी भी तो कितने समय के बाद. यही वास्तविक समस्या है. इसलिए बलात्कार की प्रत्येक घटना की गंभीरता से और त्वरित जांच होना आवश्यक है.

हैदराबाद एनकाउंटर जैसी घटना का उदात्तीकरण करके हम पुलिस के इस तरह के कृत्यों को एक प्रकार से मंजूरी दे देते हैं, जिसके भविष्य में दुष्परिणाम देखने को मिल सकते हैं. व्यवस्था का सही और त्वरित ढंग से काम करना ही एकमात्र उपाय है. इसके अलावा कोई और रास्ता नहीं है.

Web Title: Santosh Desai Blog: An encounter is not a solution to the problem

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