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डॉ. प्रतीक माहेश्वरी का ब्लॉग: वित्तीय सेवाओं के अंतरराष्ट्रीयकरण में गिफ्ट सिटी की भूमिका

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: October 14, 2024 05:23 IST

गिफ्ट सिटी गुजरात में एक नियोजित अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र, दुनिया के वैश्विक वित्तीय केंद्रों के लिए भारत का जवाब है। इसका उद्देश्य भारतीय और विदेशी संस्थानों को अत्यधिक विनियमित और प्रतिस्पर्धी माहौल में अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवाओं का संचालन करने के लिए एक आसान मंच प्रदान करना है।

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वैश्वीकरण हमारी अर्थव्यवस्था को तेजी से प्रभावित कर रहा है और भारतीय वित्तीय सेवाओं का वैश्विक परिदृश्य में एकीकरण अब एक विकल्प नहीं बल्कि समय की मांग है. वैश्विक आर्थिक एकीकरण, व्यापार उदारीकरण, विविधी करण और जोखिम प्रबंधन, भारतीय अर्थव्यवस्था का तीव्र विस्तार, तकनीकी और फिनटेक प्रगति, सरकारी नीतियां एवं नियामक सुधार, बढ़ते भारतीय बहुराष्ट्रीय निगम (एनएमसी) इत्यादि कुछ ऐसे कारक हैं जो भारत को अपने वित्तीय सेवा क्षेत्र का वैश्विक विस्तार करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।

वित्तीय सेवाओं के अंतरराष्ट्रीयकरण का तात्पर्य सीमा पार अधिक वित्तीय गतिविधियों से है जिसमें निवेश, उधार और वैश्विक बाजारों में भागीदारी शामिल है। इसमें वित्तीय प्रणाली और बुनियादी ढांचे का निर्माण शामिल है जो अंतरराष्ट्रीय नियमों का पालन करते हुए वैश्विक बाजारों के साथ सहजता से एकीकृत हो सके। गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक-सिटी (गिफ्ट सिटी) का उद्भव इस दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।

गिफ्ट सिटी गुजरात में एक नियोजित अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र, दुनिया के वैश्विक वित्तीय केंद्रों के लिए भारत का जवाब है। इसका उद्देश्य भारतीय और विदेशी संस्थानों को अत्यधिक विनियमित और प्रतिस्पर्धी माहौल में अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवाओं का संचालन करने के लिए एक आसान मंच प्रदान करना है। अनुकूल नियामक वातावरण, अत्याधुनिक बुनियादी ढांचा और वैश्विक मानकों को पूरा करते हुए गिफ्ट सिटी की कल्पना वित्तीय सेवाओं के एक विश्वस्तरीय केंद्र के रूप में की गई है।

अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र (आईएफएससी), विनियामक आसानी और कर लाभ, विश्वस्तरीय बुनियादी ढांचा, फिनटेक हब, वैश्विक भागीदारी और पूंजी बाजार के अवसर, बीमा और पुनर्बीमा इत्यादि गिफ्ट सिटी की कुछ प्रमुख विशेषताएं और पेशकश हैं। यह भारत की वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता, अधिक विदेशी निवेश, आर्थिक विकास, रोजगार सृजन और वैश्विक वित्त में देश की स्थिति को मजबूत करने में सक्षम है।

विकसित भारत-2047 की सार्थकता के लिए भारतीय वित्तीय सेवाओं का अंतरराष्ट्रीयकरण एक अपरिहार्य और आवश्यक कदम है. यह एक गतिशील, बहुआयामी प्रक्रिया है जिसमें विकास की अपार संभावनाएं हैं। गिफ्ट सिटी अपनी महत्वाकांक्षी दृष्टि और सही रणनीतिक पेशकशों के साथ, विकसित भारत–2047 के लक्ष्य को साकार करने तथा भारत को एक वैश्विक वित्तीय महाशक्ति बनाने के व्यापक लक्ष्य में योगदान कर सकती है। हालांकि इसके लिए विस्तार, जोखिम प्रबंधन और स्थानीयकरण के बीच सावधानीपूर्वक संतुलन बनाना बेहद आवश्यक है।

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