पेपर लीकः परीक्षा कराने के इम्तिहान में खुद फेल होता सिस्टम

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: March 31, 2023 01:24 PM2023-03-31T13:24:34+5:302023-03-31T13:28:58+5:30

21 फरवरी को बोर्ड परीक्षा के पहले दिन मराठवाड़ा के परभणी में बारहवीं कक्षा के अंग्रेजी विषय का पेपर लीक हो गया था, जिसके बाद छह अध्यापकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी।

Rishabh Mishra blog Paper leak The system itself fails in conducting the exam | पेपर लीकः परीक्षा कराने के इम्तिहान में खुद फेल होता सिस्टम

तस्वीरः सोशल मीडिया

ऋषभ मिश्राः आज देश में कोई भी परीक्षा हो, चाहे वह बोर्ड की परीक्षाएं हों या फिर कोई प्रतियोगी परीक्षा हो, सबमें पेपर लीक हो रहे हैं। ये स्थिति किसी एक या दो प्रदेशों की नहीं है बल्कि भारत के अधिकांश राज्यों का यही हाल है। बुलढाणा में बारहवीं कक्षा का गणित का पेपर परीक्षा से पहले ही लीक हो गया। वहां पर बोर्ड की परीक्षाएं चल रही थीं और गणित के पेपर के आधे घंटे पहले ही यानी साढ़े दस बजे पेपर की तस्वीर वायरल हो गई, जिसमें पेपर के जो पेज लीक हैं उनका एक बड़ा हिस्सा उस पेपर में हूबहू मिल रहा है जो छात्रों को बांटे गए थे।

मजे की बात तो यह है कि प्रशासन दबी जुबान से पेपर लीक होने की बात तो मान रहा है और जांच कराने की बात भी कर रहा है लेकिन सरकार की नजर में कोई पेपर लीक ही नहीं हुआ है, जिसके कारण अभी तक इस परीक्षा को रद्द नहीं किया गया है। यहां सवाल यह उठता है कि फिर यह पेपर लीक किसने कराया? क्या यह किसी नकल माफिया का काम है या फिर किसी की शरारत? अब इन तमाम मुद्दों की जांच होगी लेकिन पेपर लीक या गड़बड़ी का यह कोई नया मामला नहीं है।

21 फरवरी को बोर्ड परीक्षा के पहले दिन मराठवाड़ा के परभणी में बारहवीं कक्षा के अंग्रेजी विषय का पेपर लीक हो गया था, जिसके बाद छह अध्यापकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी।

उत्तराखंड में सरकारी भर्तियों के लिए ‘उत्तराखंड सबॉर्डिनेट सर्विस सिलेक्शन कमीशन आयोग’ है। इस आयोग में राज्य के तेरह अलग-अलग 22 सरकारी विभागों में ‘ग्रुप सी’ के कुल 916 पदों पर भर्तियां निकली थीं। ग्रुप सी का मतलब ऐसी सरकारी नौकरियों से है जिनमें सहायक का काम करना होता है। इस मामले में जिन 916 पदों के लिए यह भर्ती हो रही थी वो थे ‘सहायक समीक्षा अधिकारी’ ‘सहायक चकबंदी अधिकारी’ और ‘ग्राम विकास अधिकारी’। इन 916 पदों की सरकारी भर्तियों के लिए लगभग ढाई लाख छात्रों ने आवेदन दिया और दिसंबर 2021 में जब इसके लिए परीक्षा हुई तब इसमें कुल एक लाख साठ हजार उम्मीदवार परीक्षा देने के लिए बैठे। इस तरह से एक सरकारी नौकरी के लिए 175 उम्मीदवार रेस में थे।

बड़ी बात तो यह है कि उस समय तय नियमों के मुताबिक परीक्षा भी हुई और बाद में परिणाम (रिजल्ट) आने के बाद आगे की भर्ती प्रक्रिया भी शुरू हुई। बाद में बहुत सारी शिकायतें मिलने पर सरकार ने इस भर्ती परीक्षा की जांच कराई तब यह पता चला कि इन परीक्षाओं का प्रश्न पत्र (क्वेश्चन पेपर) तो पहले से ही लीक हो गया और यह पेपर बाजार में बिक रहा था।

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