ब्लॉग: बेटियों को न्याय मिलने पर ही सफल होगी रामलीला और दुर्गा पूजा

By लोकमत समाचार सम्पादकीय | Published: October 23, 2023 10:34 AM2023-10-23T10:34:25+5:302023-10-23T10:41:54+5:30

देश में कन्याओं को पूजा जाता है परंतु उन पर अन्याय रुक ही नहीं रहा और मैं हमेशा इस बात पर जोर देती रही हूं कि अगर इसे रोकना है तो जल्दी से जल्दी सजा होनी चाहिए और सजा भी ऐसी हो कि बेटियों को कष्ट देने वालों को सजा तो मिले ही, आगे से कोई उसे करने की कोशिश भी न करे।

Ramlila and Durga Puja will be successful only if daughters get justice | ब्लॉग: बेटियों को न्याय मिलने पर ही सफल होगी रामलीला और दुर्गा पूजा

ब्लॉग: बेटियों को न्याय मिलने पर ही सफल होगी रामलीला और दुर्गा पूजा

Highlightsजीवन के हर क्षेत्र में बेटियां आज बेटों से आगे निकल रही हैं मेट्रो हो या दफ्तर, समाज में खुलापन बढ़ा हैकई समाजसेवी संगठन भी लड़कियों की सुरक्षा के प्रति अभियान चला रहे हैं

इन दिनों हर तरफ धार्मिक वातावरण है। देश में जगह-जगह रामलीलाएं हो रही हैं। नवरात्रि जारी है। हर घर में मां की पूजा हो रही है। विदेशों में जो भारतीय रह रहे हैं वो भी वहां अपनी भारतीय संस्कृति कायम रखते हुए पूजन कर रहे हैं।अष्टमी पूजन से पहले जब मुझे यह खबर मिली कि प्रसिद्ध पत्रकार सौम्या विश्वनाथन की पंद्रह साल पहले हुई हत्या का फैसला आया है तो मन को थोड़ी शांति मिली।

हमारे देश में कन्याओं को पूजा जाता है परंतु उन पर अन्याय रुक ही नहीं रहा और मैं हमेशा इस बात पर जोर देती रही हूं कि अगर इसे रोकना है तो जल्दी से जल्दी सजा होनी चाहिए और सजा भी ऐसी हो कि बेटियों को कष्ट देने वालों को सजा तो मिले ही, आगे से कोई उसे करने की कोशिश भी न करे। साथ ही साथ जो सुप्रीम कोर्ट का समलैंगिक शादी पर निर्णय आया है, उस पर भी महसूस हुआ कि भारतीय संस्कारों काे जीवंत रखने के लिए यह बहुत जरूरी था।

जब हम बेटियों की बात करते हैं और कन्या पूजन के माध्यम से अपनी संस्कृति को मजबूत बनाते हैं तो फिर बेटियों का भविष्य भी सुंदर होना चाहिए। जीवन के हर क्षेत्र में बेटियां आज बेटों से आगे निकल रही हैं तो बेटियों की हत्या या गर्भ में ही बेटियों को मार डालने की परिपाटी को खत्म करने के लिए हम सबको गंभीर प्रयास करने होंगे। इस मामले में आंकड़े चौंकाने वाले हैं। यद्यपि जुर्म पर नियंत्रण तो हुआ है लेकिन पुराने लंबित मामले बहुत ज्यादा हैं। एक बात यह है कि पुलिस के पास जाकर एफआईआर दर्ज कराने को लेकर लोगों में जागरूकता बढ़ी है और इस मामले में पुलिस भी शिकायतें दर्ज कर रही है। शहरों में इसीलिए आजकल महिलाओं के देर रात तक आने-जाने का चलन भी बढ़ा है। मेट्रो हो या दफ्तर, समाज में खुलापन बढ़ा है।

सरकार और पुलिस कानून व्यवस्था के मोर्चे पर बहुत कुछ कर रही है लेकिन फिर भी बहुत कुछ किया जाना बाकी है। यहां मैं एक बात व्यवस्था से भी जोड़ रही हूं कि सुरक्षा की भावना बेटियों में पैदा करने के लिए बड़े शहरों या छोटे कस्बों में पुलिस टास्क फोर्स की तैनाती रात्रि में भी होनी चाहिए ताकि कामकाजी महिलाओं की स्थिति को और बेहतर बनाया जा सके। यद्यपि दिल्ली पुलिस ने महिलाओं की सुरक्षा और उनकी जागरूकता के लिए बहुत कुछ किया है।

कई समाजसेवी संगठन भी लड़कियों की सुरक्षा के प्रति अभियान चला रहे हैं लेकिन मेरा मानना है कि देश में अगर बेटियों से जुल्म को लेकर लाखों केस पेंडिंग हैं तो उन्हें खत्म करने की एक व्यवस्था भी स्थायी तौर पर होनी चाहिए तभी पीड़ितों को समय पर न्याय मिल सकेगा। वही सच्चा इंसाफ होगा और इसे ही सुशासन और अच्छी व्यवस्था का नाम दिया जा सकेगा. हमारी रामलीलाएं और दुर्गा पूजन भी तभी सफल होंगे। 
 

Web Title: Ramlila and Durga Puja will be successful only if daughters get justice

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