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रमेश ठाकुर का ब्लॉग: म्यांमार के साथ और गहरे हुए राजनयिक रिश्ते

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Updated: February 29, 2020 08:27 IST

26 फरवरी से चार दिवसीय यात्र पर आए म्यांमार के राष्ट्रपति का भारत में गर्मजोशी से स्वागत-सत्कार किया जा रहा है.

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म्यांमार के राष्ट्रपति मय-परिवार इस वक्त भारत दौरे पर हैं. उनका दौरा न सिर्फ म्यांमार, बल्कि भारत के लिए भी कई मायनों में खास है. बीते कुछ सालों में रोहिंग्या मुसलमानों को लेकर उठे मुद्दे पर दोनों देशों के बीच कुछ तल्खियां बढ़ी थीं. लेकिन उन मुद्दों-मसलों को पीछे छोड़ते हुए अब दोनों पड़ोसी देशों ने भविष्य में साथ चलने की नवीनतम दोस्ती को जन्म दिया है. रोहिंग्या मुसलमानों को लेकर चीन और पाकिस्तान ने म्यांमार को गुमराह करने की असफल कोशिशें की थीं. म्यांमार के राष्ट्रपति की मौजूदा भारत यात्र दोस्ती की नई इबादत लिख रही है.

समूची दुनिया इस बात को ठीक से जानती है कि दोस्ती का अगर कोई खुद हाथ आगे बढ़ता है तो हिंदुस्तान हमेशा से उदारता का परिचय देता रहा है. म्यांमार की जितनी आस भारत से है उतनी किसी से नहीं. 26 फरवरी से चार दिवसीय यात्र पर आए म्यांमार के राष्ट्रपति का भारत में गर्मजोशी से स्वागत-सत्कार किया जा रहा है.

म्यांमार कई प्राकृतिक संपदाओं का मालिक है. यह औषधि, जड़ी बूटियों और सांस्कृतिक विरासतों को समेटे हुए है. भारत-म्यांमार के संबंध  प्राचीन और गहरे रहे हैं.

म्यांमार के साथ चहुंमुखी संबंधों को बढ़ावा देना हिंदुस्तान के पूर्वोत्तर राज्यों के आर्थिक परिवर्तन के लिए इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि पूर्वोत्तर के ये क्षेत्र दुर्गम पहाड़ और घने जंगलों से घिरे हैं. इनके एक तरफ भारतीय सीमा में चीन की तत्परता भारत के लिए चिंता का विषय है तो दूसरी तरफ भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र में अलगाववादी ताकतों की सक्रियता और घुसपैठ की संभावनाओं को देखते हुए म्यांमार से अच्छे संबंध बनाए रखना अत्यंत जरूरी भी है. भारत-म्यांमार की दोस्ती पाकिस्तान और चीन को हमेशा से अखरती भी रही है.बहरहाल, म्यांमार के लिए भारत ने सौगातों की बौछार कर दी है. समूचे म्यांमार में सड़कों और स्कूलों का निर्माण भारत सरकार के सहयोग से किया जाना तय हुआ है. भारत के इस निर्णय से म्यांमार गदगद है. भारत ने म्यांमार के साथ दस महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं जिनमें रखाइन प्रांत में जलापूर्ति, सौर एनर्जी का वितरण, हाईवे का निर्माण कराना विशेष रूप से शामिल है. इसके अलावा ‘मानव तस्करी’ की रोकथाम के लिए सहयोग, तस्करी पीड़ितों को बचाने, खोजने, वापसी और पुन: मुख्यधारा में शामिल करने पर सहमति बनी.

म्यांमार के राष्ट्रपति यू विन मियंट अपनी चार दिनी भारत यात्र के दौरान द्विपक्षीय रिश्ते को और प्रगाढ़ करने के लिए हिंदुस्तान के शीर्ष नेताओं से वार्ता कर रहे हैं. पड़ोसी मुल्क होने के नाते भारत ने हमेशा से म्यांमार के साथ सामाजिक-आर्थिक विकास पर जोर दिया है. भारत म्यांमार के प्रति जिस तरह से उदार है उसे देख चीन निश्चित रूप से असहज हुआ है.

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