राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवसः जागरूकता से ही रुकेगा उपभोक्ताओं का शोषण

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: December 24, 2018 07:06 PM2018-12-24T19:06:27+5:302018-12-24T19:06:27+5:30

भारत में 24 दिसंबर राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस के रूप में मनाया जाता है क्योंकि सन 1986 में इसी दिन राष्ट्रपति ने ऐतिहासिक उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 1986 को स्वीकारा था

Rajesh Kumar Yadav's blog on national consumer day: Awareness will stop from exploitation | राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवसः जागरूकता से ही रुकेगा उपभोक्ताओं का शोषण

राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवसः जागरूकता से ही रुकेगा उपभोक्ताओं का शोषण

राजेश कुमार यादव

महात्मा गांधी ने कहा था कि ग्राहक हमारे परिसर में आने वाला सबसे महत्वपूर्ण अतिथि है. वह हम पर निर्भर नहीं है. हम उस पर निर्भर हैं. हम उसे सेवा देकर उसे कोई लाभ नहीं दे रहे हैं. वह हमें ऐसा करने का अवसर देकर हमें लाभ दे रहा है. ग्राहक सभी आर्थिक गतिविधियों के लिए वास्तविक निर्णायक कारक है. 

भारत में 24 दिसंबर राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस के रूप में मनाया जाता है क्योंकि सन 1986 में इसी दिन राष्ट्रपति ने ऐतिहासिक उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 1986 को स्वीकारा था और उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम विधेयक पारित हुआ था. उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के पीछे मकसद है कि देश भर के सभी उपभोक्ता यह जानें कि बुनियादी जरूरतें पूरी करने के लिए उनके क्या हक हैं. साथ ही सभी राज्यों की सरकारें उपभोक्ताओं के अधिकारों का ख्याल रखें. ग्राहक संरक्षण कानून से संबंधित महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि किसी भी शासकीय पक्ष में इस विधेयक को तैयार नहीं किया. अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत ने प्रथमत: इस विधेयक का मसौदा तैयार किया. उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम में 1991 तथा 1993 में संशोधन किए गए. उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम को अधिकाधिक कारगर और प्रयोजनपूर्ण बनाने के लिए दिसंबर 2002 में एक व्यापक संशोधन लाया गया और 15 मार्च 2003 से लागू किया गया. 

‘जागो ग्राहक जागो’ का नारा अब घर-घर में पहचाना जाता है. एक जागरूक उपभोक्ता न केवल स्वयं को शोषण से सुरक्षित रखता है बल्कि यह संपूर्ण निर्माण और सेवा क्षेत्रों में दक्षता, पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा देता है. हम में से हर व्यक्ति किसी न किसी रूप में उपभोक्ता है. उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 1986 के अनुसार कोई व्यक्ति जो अपने उपयोग के लिए सामान खरीदता है वह उपभोक्ता है. आज उपभोक्ता जमाखोरी, कालाबाजारी, मिलावट, अधिक दाम, कम नाप-तौल इत्यादि संकटों से घिरा है. उपभोक्ता क्योंकि संगठित नहीं हैं इसलिए हर जगह ठगा जाता है. इसलिए उपभोक्ता को जागरूक होना होगा. 

Web Title: Rajesh Kumar Yadav's blog on national consumer day: Awareness will stop from exploitation

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