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राजेश कुमार यादव का ब्लॉग: पीड़ित मानवता की सेवा का प्रतीक रेडक्रॉस

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: May 8, 2020 08:31 IST

रेडक्रॉस ने मानवता, निष्पक्षता, तटस्थता, स्वतंत्नता, स्वयं प्रेरित सेवा, एकता एवं सार्वभौमिकता के सिद्धांतों को आत्मसात किया है. वर्तमान में विश्व के 186 देशों में रेडक्रॉस सोसायटी कार्य कर रही है. इस संस्था की पहचान सफेद पट्टी पर लाल रंग का क्रॉसचिह्न है. आज यह चिह्न पूरे विश्व में पीड़ित मानवता की सेवा का प्रतीक बन गया है.

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दुनियाभर में रेडक्रॉस चिह्न जरूरतमंद लोगों के प्रति एक निष्पक्ष और गैरपक्षपातपूर्ण सेवा का प्रतीक रहा है. यह चिह्न पीड़ितों के लिए एक उम्मीद की किरण होने के साथ-साथ उन लोगों के लिए सुरक्षा कवच की तरह काम करता है जो विषम परिस्थितियों में भी पीड़ितों की सहायता के लिए जाते हैं. चाहे दो देशों की जंग हो, आतंकवादी हिंसा हो या फिर सुनामी और भूकंप, सफेद झंडे के बीच में लाल क्रॉस का निशान हर जगह दिखाई पड़ता है.

सरहद, मजहब और खतरे की परवाह किए बगैर रेडक्रॉस ने लाखों लोगों के जख्मों पर मरहम लगाया. वैश्वीकरण के इस जमाने में तेल और परमाणु हथियारों पर प्रभुत्व स्थापित करने के लिए युद्ध की बढ़ती आशंका के बीच अंतर्राष्ट्रीय रेडक्रॉस जैसी संस्था मानवता के लिए आशा की किरण है. वर्तमान समय में रेडक्रॉस की भूमिका केवल युद्ध के दौरान बीमार और घायल सैनिकों, युद्ध करने वालों और युद्धबंदियों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाना और उचित उपचार की सुविधाएं उपलब्ध कराना ही नहीं रह गया है. अब उसके दायित्व का दायरा और बढ़ गया है.

अंतर्राष्ट्रीय रेडक्रॉस सोसायटी की एक रिपोर्ट के अनुसार एशिया के कुछ देशों में पिछले कुछ सालों के दौरान आई भयंकर बाढ़ और सुनामी लहरों के तांडव तथा अमेरिका में कटरीना तूफान के दौरान और उसके बाद अंतर्राष्ट्रीय रेडक्रॉस ने जो भूमिका निभाई उससे उसके बढ़े हुए दायरे का पता चलता है. सच्चाई तो यह है कि आज की विकट परिस्थितियों में अंतर्राष्ट्रीय रेडक्रॉस जैसी संस्था पूरे विश्व की जरूरत बन गई है जो आपदा के समय भरोसेमंद दोस्त की तरह मदद का हाथ बढ़ाती है. पीड़ित मानवता की सेवा बिना भेदभाव के करते रहने का यह विचार देने वाले तथा रेडक्रॉस अभियान को जन्म देने वाले महान मानवता प्रेमी जीन हेनरी ड्यूनेंट का जन्म दिवस 8 मई को विश्व रेडक्रॉस दिवस के रूप में पूरे विश्व में मनाया जाता है.

रेडक्रॉस ने मानवता, निष्पक्षता, तटस्थता, स्वतंत्नता, स्वयं प्रेरित सेवा, एकता एवं सार्वभौमिकता के सिद्धांतों को आत्मसात किया है. वर्तमान में विश्व के 186 देशों में रेडक्रॉस सोसायटी कार्य कर रही है. इस संस्था की पहचान सफेद पट्टी पर लाल रंग का क्रॉसचिह्न है. आज यह चिह्न पूरे विश्व में पीड़ित मानवता की सेवा का प्रतीक बन गया है. भारत के रेडक्रॉस का संबंध प्रथम विश्वयुद्ध से है. भारत में वर्ष 1920 में पार्लियामेंट्री एक्ट के तहत भारतीय रेडक्रॉस सोसायटी का गठन हुआ, तब से रेडक्रॉस के स्वंयसेवक विभिन्न प्रकार की आपदाओं में निरंतर नि:स्वार्थ भावना से अपनी सेवाएं दे रहे हैं.

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