दूध का दूध और पानी का पानी होना ही चाहिए !

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Updated: November 7, 2025 07:19 IST2025-11-07T07:19:25+5:302025-11-07T07:19:30+5:30

एक मॉडल की तस्वीर दिखाते हुए दावा किया कि इस तस्वीर का उपयोग करते हुए सीमा और स्वीटी जैसे 22 नामों से फर्जी मतदाता बनाए गए.

Rahul Gandhi has been continuously saying that Election Commission is an ally of the BJP in vote theft | दूध का दूध और पानी का पानी होना ही चाहिए !

दूध का दूध और पानी का पानी होना ही चाहिए !

राहुल गांधी जो कुछ भी कह रहे हैं, वह सच है या झूठ है इसका फैसला होना ही चाहिए. यदि सच है तो यह भारतीय लोकतंत्र के साथ बड़ा धोखा है और यदि यह झूठ है तो भी लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए यह एक बड़ा झटका है क्योंकि किसी जिम्मेदार नेता से हम जिम्मेदारी की उम्मीद भी करते हैं. राहुल गांधी का कहा यदि झूठ है तो यह आपराधिक कृत्य की श्रेणी में आता है. राहुल के आरोपों को केवल बयान से नहीं नकारा जा सकता है. चुनाव आयोग को सामने आना चाहिए और दूध का दूध और पानी का पानी करना चाहिए.

राहुल गांधी लगातार कहते रहे हैं कि वोट चोरी में चुनाव आयोग भाजपा का सहयोगी बना हुआ है. उन्होंने ब्राजील की एक मॉडल की तस्वीर दिखाते हुए दावा किया कि इस तस्वीर का उपयोग करते हुए सीमा और स्वीटी जैसे 22 नामों से फर्जी मतदाता बनाए गए. उनका एक और आरोप है कि एक ही महिला का नाम वोटर लिस्ट में 223 बार दर्ज था, चुनाव आयोग चाहे तो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग करके मिनटों में फर्जी मतदाताओं के नाम हटा सकता है लेकिन वह ऐसा इसलिए नहीं कर रहा है क्योंकि वोट चोरी में भाजपा की मदद कर रहा है.

जरा सोचिए कि यह कितना गंभीर आरोप है और क्या चुनाव आयोग को इसका जवाब नहीं देना चाहिए? चुनाव आयोग ने कई बार कहा है कि राहुल गांधी को जो भी शिकायतें हैं, लिखित में दें तो चुनाव आयोग कार्रवाई करेगा. मगर सवाल यह है कि राहुल गांधी कुछ भी लिख कर देने को तैयार नहीं हैं और चुनाव आयोग को बदनाम कर रहे हैं तो क्या चुनाव आयोग को न्यायालय में नहीं जाना चाहिए?

कोई भी समझदार आदमी यही कहेगा कि चुनाव आयोग की छवि को यदि खराब करने की कोशिश की जा रही है तो यह भारतीय लोकतंत्र के लिए बड़ा खतरा है और चुनाव आयोग को राहुल के खिलाफ कदम उठाने चाहिए. हमारा कानून अभिव्यक्ति की आजादी देता है तो यह प्रावधान भी है कि किसी  व्यक्ति या किसी संस्था को बेवजह बदनाम नहीं किया जा सकता!

मगर चुनाव आयोग सख्त कदम नहीं उठा रहा है. चुनाव आयोग केवल आरोपों को निराधार बता कर अपना पल्ला झाड़ लेने की कोशिश करता है. इन सारी परिस्थितियों में आम आदमी के मन में संशय की स्थिति पैदा हो गई है कि झूठ कौन बोल रहा है?

राहुल गांधी या चुनाव आयोग? राहुल गांधी कांग्रेस जैसी बड़ी पार्टी के बड़े नेता हैं, इसलिए उनका दायित्व बनता है कि यदि उन्हें चुनाव आयोग पर भरोसा नहीं है तो इस मामले को न्यायालय में लेकर जाएं और अपने आरोपों को साबित कर दें.

यदि वे ऐसा नहीं कर रहे हैं तो संवैधानिक संस्था चुनाव आयोग को न्यायालय जाना चाहिए और कहना चाहिए कि राहुल गांधी झूठ बोल रहे हैं! दोनों ही ऐसा नहीं कर रहे हैं इसलिए आम आदमी और ज्यादा सोच में डूबा हुआ है कि ये चल क्या रहा है?

Web Title: Rahul Gandhi has been continuously saying that Election Commission is an ally of the BJP in vote theft

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