आखिर कहीं तो इसका अंत होना चाहिए...!

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Updated: September 19, 2025 07:50 IST2025-09-19T07:49:42+5:302025-09-19T07:50:21+5:30

यह पहली बार नहीं है जब राहुल गांधी ने चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए हैं. वे लगातार वोट चोरी के आरोप लगाते रहे हैं

Rahul Gandhi and Election Commission After all it must end somewhere | आखिर कहीं तो इसका अंत होना चाहिए...!

आखिर कहीं तो इसका अंत होना चाहिए...!

कांग्रेस नेता राहुल गांधी और चुनाव आयोग के बीच आरोप और इनकार का जो खेल चल रहा है, लोकतंत्र के लिए यह निश्चय ही संकटपूर्ण है. राहुल आरोप लगाए जा रहे हैं और चुनाव आयोग सिरे से खारिज किए जा रहा है. तो फिर सबसे गंभीर सवाल यह है कि कौन सच बोल रहा है और कौन झूठ बोल रहा है? राहुल का ताजातरीन आरोप यह है कि फर्जी लॉग-इन आईडी के जरिये दलित और आदिवासी मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से हटाए जा रहे हैं. राहुल का यह भी आरोप है कि मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार वोट चोरों की रक्षा कर रहे हैं.

उन्होंने इसके लिए एक प्रेजेंटेशन भी दिया जिसमें कर्नाटक के आलंद विधानसभा क्षेत्र में मतदाताओं के नाम हटाए जाने का जिक्र था. चुनाव आयोग का कहना है कि कोई कितनी भी कोशिश कर ले, किसी भी मतदाता का नाम मतदाता सूची से ऑनलाइन नहीं हटाया जा सकता. 2023 में आलंद में इस तरह के कुछ प्रयास हुए जरूर थे लेकिन किसी का नाम हटने का सवाल ही पैदा नहीं होता है. बल्कि चुनाव आयोग ने इस तरह की कोशिश के मामले में खुद पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई थी.

सबसे महत्वपूर्ण बात है कि जिस विधानसभा क्षेत्र से मतदाताओं का नाम हटाने की कोशिश का जिक्र राहुल गांधी कर रहे हैं, वहां से 2023 में कांग्रेस के बी.आर. पाटिल ने जीत दर्ज की थी. यह पहली बार नहीं है जब राहुल गांधी ने चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए हैं. वे लगातार वोट चोरी के आरोप लगाते रहे हैं. कभी एटम बम तो कभी हाइड्रोजन बम फोड़ने की बात करते रहे हैं. उधर चुनाव आयोग उनसे कहता रहा है कि यदि उन्हें कोई शिकायत है तो वे लिखित रूप से आयोग को दें.

पहली नजर में यह बात समझ में भी आती है कि यदि किसी संवैधानिक संस्था के खिलाफ कोई बात की जा रही है तो पूरे प्रमाण के साथ शिकायत की जानी चाहिए. यदि उस संस्था के पास शिकायत नहीं करना चाहते तो कम से कम बात न्यायालय तक ले जाई जा सकती है. केवल पब्लिक फोरम में बात करने से क्या होगा? इसे तो लोग राजनीति ही कहेंगे.

राहुल गांधी के पास अगर पुख्ता प्रमाण हैं, जैसा कि वे दावा कर रहे हैं, तो उन्हें न केवल चुनाव आयोग के पास शिकायत करनी चाहिए बल्कि न्यायालय के समक्ष भी अपनी बात रखनी चाहिए ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो जाए. तभी उनकी बातों की विश्वसनीयता बढ़ेगी और लोगों द्वारा पूरी गंभीरता से भी लिया जाएगा.

Web Title: Rahul Gandhi and Election Commission After all it must end somewhere

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