साक्षात्कारः केवल टीम वर्क ही कांग्रेस को आगे ले जाएगा- बोले कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, जानें पार्टी के मुद्दों और अपनी नई भूमिका पर क्या कहा
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: October 19, 2022 09:09 AM2022-10-19T09:09:04+5:302022-10-19T09:41:52+5:30
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए चुनाव क्यों लड़ा, इस पर बोलते हुए उन्होंने कहा, जब राहुल गांधी ने चुनाव लड़ने से इन्कार कर दिया था तब सभी वरिष्ठ प्रतिनिधियों, नेताओं, कार्यकर्ताओं और हमदर्दों के अनुरोध पर मैंने अपना नामांकन दाखिल किया था।
नई दिल्ली: नौ बार विधायक और तीसरी बार सांसद चुने जाने वाले मल्लिकार्जुन खड़गे कांग्रेस के सबसे अनुभवी नेता हैं. कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए वोटिंग से कुछ समय पहले उन्होंने लोकमत मीडिया ग्रुप के सीनियर एडिटर (बिजनेस एवं पॉलिटिक्स) शरद गुप्ता से पार्टी के सामने आने वाले मुद्दों और अपनी नई भूमिका में उनके सामने आने वाली चुनौतियों पर बात की. प्रस्तुत हैं प्रमुख अंश-
आपको आधिकारिक उम्मीदवार के रूप में क्यों देखा जा रहा है?
मैं कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं, शुभचिंतकों और वरिष्ठ नेताओं का उम्मीदवार हूं. मैं इस पर अधिक नहीं कह सकता क्योंकि लाखों कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ मैं व्यक्तिगत रूप से चाहता हूं कि राहुल गांधीजी हम सभी का नेतृत्व करें, लेकिन जब उन्होंने यह चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया तो सभी वरिष्ठ प्रतिनिधियों, नेताओं, कार्यकर्ताओं और हमदर्दों के अनुरोध पर मैंने अपना नामांकन दाखिल किया.
आप का अधिकांश एजेंडा पार्टी के उदयपुर संकल्प का प्रतिबिंब क्यों प्रतीत होता है?
उदयपुर घोषणा पत्र परिवर्तन का एजेंडा है जिसे हमने चार महीने पहले ही अपनाया था, जिसमें वरिष्ठ नेता, कार्यकर्ता और विषय विशेषज्ञ शामिल थे. हमने अर्थव्यवस्था, राजनीति, संगठन, विदेशी मामलों, सामाजिक न्याय, युवा और महिलाओं, कृषि और किसानों के मुद्दों पर चिंतन-मनन किया था.
इन्हीं तीन दिनों के विचार-मंथन के आधार पर हम इस अमृत को पा सके, जिसे उदयपुर संकल्प कहा गया. इसलिए मुझे लगता है कि हमारा पहला और सबसे महत्वपूर्ण कर्तव्य उदयपुर घोषणा पत्र को पूरी ईमानदारी से लागू करना है.
क्या आप यथास्थितिवादी कहे जाने से परेशान हैं?
मुझे ऐसा नहीं लगता क्योंकि हमें यह अमृत संगठन, राजनीति, अर्थव्यवस्था, वित्त, विदेशी मामलों, सामाजिक न्याय, युवा और महिलाओं, कृषि और किसानों जैसे विषयों पर तीन दिनों के मंथन सत्र के बाद मिला है.
सुधार और परिवर्तन लाने के उद्देश्य से की गई घोषणा को यथास्थितिवादी कैसे कहा जा सकता है? इसके अलावा मैं ‘मैं’ में विश्वास नहीं करता. ‘मैं’ को ‘हम’ में बदलना चाहता हूं. हमें इसे संयुक्त रूप से लागू करना चाहिए.
अगले कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में आपकी प्राथमिकताएं क्या होंगी?
सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक उदयपुर घोषणा को लागू करना है जिसमें आधे पद 50 वर्ष से कम आयु के लोगों के लिए रखने के लिए ‘50 अंडर 50’ फॉर्मूला जैसे मुद्दे शामिल हैं और कोई भी पदाधिकारी जिसने 5 साल का कार्यकाल पूरा कर लिया है, वह आगे उसी पद पर बरकरार नहीं रहेगा और चयन या चुनाव के जरिये एक नया उम्मीदवार उसका स्थान लेगा.
हम सभी स्तरों पर पार्टी मशीनरी को मजबूत करने पर भी ध्यान केंद्रित करेंगे और सभी लंबित नियुक्तियां तुरंत की जाएंगी. प्रमुख नियुक्तियों में हमारे कार्यकर्ताओं से बात होगी और सभी महत्वपूर्ण पदों पर पार्टी के वफादारों को प्राथमिकता दी जाएगी.
क्या आपको लगता है कि युवाओं और महिलाओं के बीच आपकी अच्छी अपील है?
हां क्यों नहीं, जब मेरी सर्वोच्च प्राथमिकता आधे पद 50 वर्ष से कम आयु के लोगों की खातिर रखने के लिए ‘50 अंडर 50’ फॉर्मूले को लागू करना है. मैं खुद की मार्केटिंग में विश्वास नहीं रखता. पचास वर्षों में, मुझे अपने संगठन और सरकार के विभिन्न स्तरों पर योगदान करने का अवसर मिला है. इन अनुभवों ने मुझे पार्टी की गहरी समझ दी है.
मैं जानता हूं कि हमारे कार्यकर्ताओं को क्या प्रेरित करता है. मैं उनके सामने आने वाली चुनौतियों को समझता हूं. मैं उनकी चिंताओं को साझा करता हूं और मैं अपनी पार्टी को मजबूत करने के लिए उनके साथ काम करने के लिए प्रतिबद्ध हूं.
क्या कांग्रेस में शक्तियों का विकेंद्रीकरण समय की मांग है?
हमारे पास ब्लॉक कांग्रेस कमेटियां, जिला कांग्रेस कमेटी, प्रदेश कांग्रेस कमेटी, सीडब्ल्यूसी, संसदीय बोर्ड है. क्या यह विकेंद्रीकरण नहीं है. मैं विकेंद्रीकरण पर दृढ़ विश्वास रखता हूं क्योंकि मैंने कभी नहीं कहा कि मैं यह करूंगा या मैं वह करूंगा. मैं हमेशा ‘हम’ शब्द का उपयोग करता हूं. हम सब मिलकर यह करने जा रहे हैं.
यह चुनाव ‘मैं’ नहीं ‘हम’ का है. टीम वर्क ही हमारी पार्टी को आगे ले जा सकता है. इसलिए मेरी सर्वोच्च प्राथमिकता पार्टी संगठन के साथ जुड़ना है क्योंकि मुझे विश्वास है कि साथ मिलकर हम जीतेंगे.
क्या भारत जोड़ो यात्रा सफल है?
भारत जोड़ो यात्रा के साथ हमारी पार्टी श्री राहुल गांधी के नेतृत्व में, जनता तक पहुंचने और भारतीय जनता पार्टी व आरएसएस के विभाजनकारी और सांप्रदायिक एजेंडे का सामना करने के लिए नए सिरे से प्रयास कर रही है. हमारी पार्टी के कार्यकर्ता उत्साहित हैं और जनता भी उत्सुकता से यात्रा में भाग ले रही है.
भारत जोड़ो यात्रा के माध्यम से बेरोजगारी से परेशान युवा, बढ़ती महंगाई और गिरते रुपए से जूझ रही आम जनता यह प्रदर्शित कर रही है कि लोग कांग्रेस के समावेशी और प्रेरक आदर्शों को अपनाने के लिए उत्सुक हैं.
समय आ गया है कि हम हर राज्य में और राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस को जनता की पसंद बनाने के अपने प्रयासों को मजबूत करें. इसलिए मुझे लगता है कि यह यात्रा एक महान और ऐतिहासिक सफलता होगी.
आपके पास पार्टी को पुनर्जीवित करने का क्या प्रस्ताव है?
मैं यह सब अकेले नहीं करने जा रहा हूं या कोई भी इसे अकेले नहीं कर सकता है, यह संयुक्त प्रयास है जो हमें वांछित परिणाम देने वाला है. हमें अपने साथी नागरिकों को शिक्षित करना चाहिए और भाजपा व आरएसएस द्वारा लोकतंत्र, संघवाद, सद्भाव, समानता व हमारे स्वतंत्र संस्थानों को नष्ट करने के खिलाफ आंदोलन करना चाहिए.
हमें उन ताकतों को हराने के लिए संगठित होना चाहिए जो हमारी अर्थव्यवस्था को कुछ क्रोनी पूंजीपतियों को सौंप रही हैं और हमारे युवाओं के भविष्य से समझौता कर रही हैं. जैसा कि मैंने पहले कहा है, यह चुनाव ‘मैं’ नहीं बल्कि ‘हम’ का है. टीम वर्क ही हमारी पार्टी को आगे ले जा सकता है.
अपने पूरे राजनीतिक करियर के दौरान मैंने परामर्शी नेतृत्व के दृष्टिकोण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता का प्रदर्शन किया है. हम सभी राज्यों, जिलों, ब्लॉकों में पार्टी संगठन के साथ जुड़ेंगे, हम जीतेंगे!