नई तकनीकें हड़प रहीं रोजगार
By भरत झुनझुनवाला | Published: August 26, 2018 02:41 AM2018-08-26T02:41:22+5:302018-08-26T02:41:22+5:30
प्राइवेट सेक्टर में भी वर्तमान में रोजगार कम ही बन रहे हैं। उद्योग करना भी कठिन हो गया है क्योंकि बाजार में पैसा ही नहीं है। वापस गांव भी जाना असंभव हो जाता है क्योंकि कृषि में कठिन श्रम करने की आदत छूट चुकी है।
एक प्रोफेसर ने युवाओं की दुरूह परिस्थिति का वर्णन किया। उन्होंने बताया कि उच्च शिक्षा जैसे एमए कर लेने के बाद युवाओं के सामने सभी दरवाजे बंद दिखते हैं। प्रतियोगिता परीक्षाओं में कैन्डीडेट्स की इतनी अधिक संख्या होती है कि उसमें कुछ ही आगे बढ़ पाते हैं। सरकारी नौकरियां इतनी संकुचित होती जा रही हैं कि वहां भी प्रवेश मिलना कठिन हो गया है।
प्राइवेट सेक्टर में भी वर्तमान में रोजगार कम ही बन रहे हैं। उद्योग करना भी कठिन हो गया है क्योंकि बाजार में पैसा ही नहीं है। वापस गांव भी जाना असंभव हो जाता है क्योंकि कृषि में कठिन श्रम करने की आदत छूट चुकी है।
इस परिस्थिति का मूल कारण तकनीक है। मैन्युफैक्चरिंग में अब तक काफी रोजगार बन रहे थे। जैसे कपड़ा बुनने अथवा कपड़ों की सिलाई में भारी संख्या में रोजगार बन रहे थे। अब यह कार्य भी उत्तरोत्तर रोबोट द्वारा किए जाने लगे हैं।
ऐसी फैक्ट्रियां बनी हैं जिसमें एक भी श्रमिक को रोजगार नहीं मिलता है। कच्चे माल को मशीन में डालना, मशीन में उसका माल बनाना, उसे मशीन से निकालकर पैकिंग करना और स्टोर में डालना सब रोबोटों द्वारा किया जा रहा है।
अमेरिका में एक कंपनी ने ऐसा रेस्टोरेंट बनाया है जिसमें एक भी श्रमिक काम नहीं करता है। आप मशीन को ऑर्डर करते हैं कि बर्गर वेजिटेरियन होगा, उसमें चीज रहेगी इत्यादि। आपके ऑर्डर के अनुसार मशीन बर्गर बनाकर आपके सामने पेश कर देगी।
रोजगार हनन का यह क्र म अब सेवाओं में भी पैठ बनाने लगा है। आज ऐसे कम्प्यूटर सॉफ्टवेयर हैं जो कि रिसर्च अथवा ट्रांसलेशन कर सकते हैं। यदि आपको किसी कोर्ट में कोई वाद डालना है तो आप सॉफ्टवेयर में अपनी जरूरतों को एंटर कर सकते हैं।
और उसके बाद सॉफ्टवेयर रिसर्च करके आपको बताएगा कि सुप्रीम कोर्ट इत्यादि के कौन से निर्णय आपके लिए लाभप्रद हैं। वकीलों का रिसर्च करने का रोजगार भी खत्म हो रहा है। इसी प्रकार एक भाषा से दूसरी भाषा में ट्रांसलेशन करने का काम भी उत्तरोत्तर सॉफ्टवेयर द्वारा ही किया जाने लगा है।
कृषि में पहले ही ट्रैक्टर और ट्यूबवेल से खेती होने से श्रमिकों की जरूरत कम पड़ने लगी है। इस प्रकार मैन्युफैक्चरिंग, सेवा और कृषि सभी जगह रोजगार का संकुचन हो रहा है। यह मूल कारण है जिसके कारण युवा बेरोजगार हैं।