अवधेश कुमार का ब्लॉग: प्रादेशिक चुनावों पर राष्ट्रीय मुद्दों का असर

By अवधेश कुमार | Published: September 25, 2019 06:51 AM2019-09-25T06:51:03+5:302019-09-25T06:51:03+5:30

महाराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस प्रदेश के दूसरे ब्राह्मण मुख्यमंत्री बने तथा हरियाणा में भजनलाल के बाद दूसरी बार मनोहर लाल खट्टर के नेतृत्व में किसी गैर-जाट को मुख्यमंत्री बनाया गया. पिछली बार चुनाव से पहले भाजपा ने मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित नहीं किया था. इस बार दोनों राज्यों में मतदाताओं के सामने मुख्यमंत्री विद्यमान हैं. ये किसी प्रभावी जातीय समीकरण में नहीं आते.

National issues impact regional elections | अवधेश कुमार का ब्लॉग: प्रादेशिक चुनावों पर राष्ट्रीय मुद्दों का असर

प्रतीकात्मक फोटो

मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने अन्य पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्तों से परे जितने कम समय में चुनाव कार्यक्रमों की घोषणा की, वह प्रशंसनीय है. हरियाणा विधानसभा का कार्यकाल 2 नवंबर एवं महाराष्ट्र का 9 नवंबर को खत्म हो रहा है. चुनाव आयोग के लिए उसके पूर्व चुनाव प्रक्रिया संपन्न करना अनिवार्य था. 21 अक्तूबर को दोनों राज्यों में मतदान संपन्न हो जाएगा एवं 24 अक्तूबर को मतगणना.  

परंपरागत चुनावी विश्लेषण के दायरे में कोई महाराष्ट्र एवं हरियाणा के जातीय-सांप्रदायिक समीकरणों के अनुसार गणना कर सकता है कि फलां जाति का इतना मत और फलां समुदाय का इतना मत फलां के पक्ष में जाता है. आज का सच यह है कि 2014 के आम चुनाव से जातीय एवं सांप्रदायिक समीकरणों को धक्का लगना आरंभ हुआ और वह प्रक्रि या पीछे नहीं लौटी है. नरेंद्र मोदी का नाम ज्यादातर प्रदेशों में सभी समीकरणों पर भारी पड़ा है. पिछले चुनावों के बाद भाजपा ने दोनों राज्यों में लीक से हटकर मुख्यमंत्नी दिया था. 

महाराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस प्रदेश के दूसरे ब्राह्मण मुख्यमंत्री बने तथा हरियाणा में भजनलाल के बाद दूसरी बार मनोहर लाल खट्टर के नेतृत्व में किसी गैर-जाट को मुख्यमंत्री बनाया गया. पिछली बार चुनाव से पहले भाजपा ने मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित नहीं किया था. इस बार दोनों राज्यों में मतदाताओं के सामने मुख्यमंत्री विद्यमान हैं. ये किसी प्रभावी जातीय समीकरण में नहीं आते. ऐसा नहीं है कि प्रदेशों में समस्याएं नहीं हैं. सरकारों के खिलाफ मुद्दे नहीं हैं, ऐसा भी नहीं है. किंतु एक तो देश के स्तर पर मोदी और शाह की लोकप्रियता, प्रदेशों के स्तर पर फडणवीस तथा खट्टर व अन्य मंत्रियों की लगभग स्वच्छ छवि तथा देश एवं प्रदेश दोनों में हताश विपक्ष उन मुद्दों को उस सीमा तक ले जाने में सक्षम नहीं है कि वह दोनों सरकारों को कठघरे में खड़ा होकर जवाब देने को विवश कर सके. 

अनुच्छेद 370 हटाने तथा पाक के भारत के खिलाफ आग उगलने के विरुद्ध शांत रहकर मोदी सरकार ने जिस तरह दुनिया में उसे अलग-थलग करने में सफलता पाई है, उसका जनमानस पर असर पड़ा है. विपक्ष सरकार के विरुद्ध जम्मू कश्मीर या पाकिस्तान को लेकर जितनी आलोचना करता है उतनी ही मात्रा में जनता उसके खिलाफ जाती है. यह मुद्दा दोनों प्रदेशों में प्रबल है. दोनों प्रदेशों में कांग्रेस के नेताओं ने जनता का मूड भांपकर ही तो पार्टी लाइन से अलग होकर अनुच्छेद 370 हटाए जाने का समर्थन कर दिया. तीन तलाक विरोधी कानून भाजपा के हिंदुत्व के अनुकूल है, तो हिंदुत्व एवं राष्ट्रीयता दोनों का माहौल है. इस माहौल में हो रहे चुनाव इससे प्रभावित नहीं होंगे, ऐसा नहीं माना जा सकता.

Web Title: National issues impact regional elections

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