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कहर बनकर टूट रही है आकाशीय बिजली, यूपी, बिहार और मध्य प्रदेश में लोगों की अकाल मौत

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: June 23, 2025 06:21 IST

आकाशीय बिजली एक शक्तिशाली करंट है. इसके गिरने के समय लोगों को खुद को बचाने का क्षण भर का समय भी नहीं मिल पाता.

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ठळक मुद्देतूफान के दौरान हवा की गति के बढ़ने और कम होने के कारण उत्पन्न होता है. नकारात्मक चार्ज पृथ्वी की बाहरी परत पर मौजूद सकारात्मक चार्ज से जुड़ना चाहता है. आकाशीय बिजली हर सेकंड में 40 बार और एक दिन में लगभग 30 लाख बार गिरती है.

बालमुकुंद ओझा 

तन-मन को झुलसाती गर्मी के रौद्र रूप से निजात दिलाने बारिश का मौसम अपने साथ राहत और सुकून लाता है. मगर बारिश की राहत के साथ गरजी और कड़की आकाशीय बिजली ने देश में कोहराम मचा दिया है. अनेक राज्यों में आकाशीय बिजली से अनेक लोगों की अकाल मौत के समाचार मिल रहे है. उत्तर प्रदेश में आकाशीय बिजली की चपेट में आने से दो दिनों के दौरान 28 लोगों की मौत हो गई. मध्यप्रदेश में दस लोग बिजली गिरने से मर गए. उत्तर भारत के अनेक प्रदेशों में बहुत से लोग आकाशीय बिजली की चपेट में आ गए.

जलवायु परिवर्तन से जनजीवन बेहताशा प्रभावित हुआ है, वहीं कुदरती आपदाएं बढ़ गई हैं. इन आपदाओं में सबसे ज्यादा मौतें बिजली गिरने से हो रही हैं. आकाशीय बिजली एक शक्तिशाली करंट है. इसके गिरने के समय लोगों को खुद को बचाने का क्षण भर का समय भी नहीं मिल पाता.

मौसम विभाग के अनुसार, बिजली का गिरना या आघात एक बड़ा विद्युतीय प्रवाह है जो तूफान के दौरान हवा की गति के बढ़ने और कम होने के कारण उत्पन्न होता है. इस दौरान पृथ्वी की बाहरी परत पर सकारात्मक चार्ज होता है क्योंकि विपरीत चार्ज आकर्षित करता है, आंधी के बादलों में मौजूद नकारात्मक चार्ज पृथ्वी की बाहरी परत पर मौजूद सकारात्मक चार्ज से जुड़ना चाहता है.

एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक आकाशीय बिजली हर सेकंड में 40 बार और एक दिन में लगभग 30 लाख बार गिरती है. हालांकि हर बार यह जमीन से नहीं टकराती. मौसम विशेषज्ञों के मुताबिक बारिश के साथ तेज चमकती रोशनी और उसके बाद कड़कड़ाती आवाज सुनाई देती है. आसमान में चमकी यह बिजली तेजी से पृथ्वी पर गिर कर इंसानों की मौत का कारण भी बनती है.

यह भी बताया जाता है कि तेज गर्मी और नमी के मिलन से बिजली वाले विशेष तरह के बादल गरजने के साथ तूफान का रूप ले लेते हैं. इस प्रक्रिया को थंडर स्टॉर्म कहा जाता हैं. थंडर स्टॉर्म मूल रूप से एक उग्र मौसम की स्थिति है, जो बिजली के साथ आती है और एक प्रकार की तेज ध्वनि भी होती है जिसको गड़गड़ाहट के रूप में जाना जाता है. थंडरस्टॉर्म के दौरान उत्पन्न ध्वनि या गड़गड़ाहट सुनने से पहले हम बिजली को देखते हैं क्योंकि प्रकाश ध्वनि की तुलना में तेजी से गति करता है.

टॅग्स :मौसममानसूनमौसम रिपोर्टभारतीय मौसम विज्ञान विभाग
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