ब्लॉग: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कूटनीतिक कौशल से बढ़ी भारत की साख

By लोकमत समाचार सम्पादकीय | Published: May 25, 2023 03:42 PM2023-05-25T15:42:20+5:302023-05-25T15:48:51+5:30

विश्व कूटनीति में भारत की छवि एक निर्भीक तथा निष्पक्ष देश के रूप में स्थापित हो गई है जिसका श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जाता है।

Modidiplomatic skills boosted India's credibility | ब्लॉग: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कूटनीतिक कौशल से बढ़ी भारत की साख

फाइल फोटो

Highlightsविदेश यात्रा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विश्वनेता के रूप में अपनी छवि को और मजबूत कर लिया हैयूक्रेन पर रूस के हमले पर भी प्रधानमंत्री मोदी ने चिंता जताई।ऑस्ट्रेलिया को भी भारत में अपने हित नजर आने लगे

अपनी ताजा विदेश यात्रा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विश्वनेता के रूप में अपनी छवि को और मजबूत कर लिया है। जापान में जी-7 समूह की बैठक हो या पापुआ न्यू गिनी में प्रशांत द्वीपीय देशों का सम्मेलन अथवा ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज के साथ वार्ता, प्रधानमंत्री ने नि:संदेह रूप से अपने कूटनीतिक कौशल का लोहा मनवाया है।

प्रत्येक मंच पर उन्होंने विश्व शांति और स्थिरता पर जोर देते हुए संयुक्त राष्ट्र में व्यापक सुधारों की बात कही, आतंकवाद पर जमकर प्रहार किया. रूस तथा चीन की आक्रामक नीतियों से साफ शब्दों में असहमति जताई है।

भावी वैश्विक खतरों से दुनिया को आगाह किया और इन सबके साथ भारत के हितों को भी बुलंद किया।जापान के हिरोशिमा में मोदी ने भारत की सीमा पर अपनी हरकतों से शांति भंग कर रहे चीन को नाम लिए बिना सख्त संदेश दिया और दुनिया से आह्वान किया कि शांति के लिए खतरा पैदा करने वाली ताकतों के विरुद्ध वह एक होकर आवाज उठाए।

यूक्रेन पर रूस के हमले पर भी प्रधानमंत्री ने चिंता जताई। उन्होंने रूस को दोटूक शब्दों में कहा कि युद्ध से किसी समस्या का समाधान नहीं हो सकता और मौजूदा युद्ध को तत्काल खत्म किया जाना चाहिए।

यूक्रेन पर हमले के बाद रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की लगातार यह कोशिश रही है कि वह भारत का समर्थन हासिल कर सकें लेकिन इसमें सफल नहीं हो सके हैं। इसके विपरीत जी-7 जैसे शक्तिशाली तथा प्रभावशाली मंच पर उन्होंने रूस को साफ संदेश दे दिया कि भारत शांति में विश्वास करता है, युद्ध में नहीं।

रूस से भारत के संबंध काफी प्रगाढ़ हैं लेकिन मोदी ने जता दिया कि भारत महत्वपूर्ण वैश्विक मुद्दों पर अपना पक्ष मजबूती से रखने में सक्षम है और वह वैश्विक शांति, आतंकवाद जैसे संवेदनशील मसलों पर स्वतंत्र राह पर चलेगा। 

जापान तथा पापुआ न्यू गिनी की यात्रा के बाद प्रधानमंत्री मोदी की ऑस्ट्रेलिया यात्रा भी ऐतिहासिक साबित हुई है। ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज ने जिस गर्मजोशी के साथ मोदी का स्वागत किया, उससे जाहिर है कि उनकी यात्रा को ऑस्ट्रेलिया कितना महत्व देता है।

करीब एक दशक पहले तक भारत तथा ऑस्ट्रेलिया की दोस्ती का स्तर सामान्य था. उसमें औपचारिकता ज्यादा थी, संबंधों में गर्माहट ज्यादा नजर नहीं आती थी।

मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद विश्व के कूटनीतिक पटल पर भारत का कद बढ़ने लगा. भारत आर्थिक, तकनीकी तथा कूटनीतिक एवं व्यावसायिक महाशक्ति के रूप में तेजी से उभरा। विभिन्न अंतरराष्ट्रीय मसलों पर भारत ने निर्णायक भूमिका अदा करनी शुरू कर दी।

दुनिया भी अपनी गंभीर समस्याओं के समाधान के लिए भारत की ओर उम्मीद के साथ देखने लगी. मोदी की असरदार विदेश नीति के कारण ही भारत की दुनिया में प्रतिष्ठा बढ़ी।

ऑस्ट्रेलिया को भी भारत में अपने हित नजर आने लगे। मोदी की वर्तमान यात्रा ने दोनों देशों के बीच व्यावसायिक तथा कूटनीतिक संबंधों के नए द्वार खोले हैं। मोदी ने ब्रिस्बेन तथा ऑस्ट्रेलिया ने बेंगलुरु में वाणिज्य दूतावास शुरू करने की घोषणा कर इस यात्रा को ऐतिहासिक बना दिया है।

 मोदी ने ऑस्ट्रेलियाई समकक्ष अल्बनीज के साथ दोनों देशों के बीच संबंधों को नया आयाम देने पर बातचीत तो की लेकिन ऑस्ट्रेलिया में सक्रिय भारत विरोधी तत्वों की सक्रियता पर भी गहरी चिंता जताई।

ऑस्ट्रेलिया में पिछले कुछ समय से भारत विरोधी तत्व भारतीय मंदिरों को क्षतिग्रस्त करने की हरकतें कर रहे हैं. इसके अलावा ये तत्व भारत विरोधी प्रचार में भी जुटे हुए हैं।

 भारत की निश्चित रूप से यह अपेक्षा है कि एक मित्र होने के नाते ऑस्ट्रेलिया अपनी धरती से भारत विरोधी गतिविधियों को रोके. मोदी ने इस संबंध में ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री को भारत की चिंता से अवगत करवा दिया है। ऑस्ट्रेलिया में मोदी के प्रभाव को देखकर अल्बनीज भी चकित रह गए।

मोदी के सत्ता में आने के बाद से भारत की विदेश नीति का नया रूप देखने को मिला है।आज भारत दुनिया की महाशक्तियों से अपनी शर्तों पर बराबरी के साथ बातचीत करने में सक्षम हो गया है।

विश्व कूटनीति में भारत की छवि एक निर्भीक तथा निष्पक्ष देश के रूप में स्थापित हो गई है तथा इसका श्रेय निश्चित रूप से प्रधानमंत्री मोदी को है।

Web Title: Modidiplomatic skills boosted India's credibility

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