Manipur: यूनाइटेड नेशनल लिबरेशन फ्रंट ने केंद्र और राज्य सरकार से किया ऐतिहासिक शांति समझौता, जानें क्या हो सकता है असर

By लोकमत समाचार सम्पादकीय | Published: December 1, 2023 01:44 PM2023-12-01T13:44:10+5:302023-12-01T13:45:02+5:30

Manipur: उग्रवादी संगठनों का जन्म हुआ और वह हथियारों के बल पर पूर्वोत्तर में तैनात सुरक्षा बलों से लगातार संघर्ष करते आए हैं. यूएनएलएफ का गठन 1964 में किया गया था.

Manipur United National Liberation Front signs historic peace agreement with central and state government path cleared to establish permanent peace North-East | Manipur: यूनाइटेड नेशनल लिबरेशन फ्रंट ने केंद्र और राज्य सरकार से किया ऐतिहासिक शांति समझौता, जानें क्या हो सकता है असर

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Highlightsअतीत में नागरिकों और सुरक्षा बलों पर कई हमलों के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है.पूर्वोत्तर के कई अलगाववादी सशस्त्र संगठनों ने भारत सरकार से शांति समझौता किया है और वे मुख्यधारा में लौटे हैं.कड़ी में यूएनएलएफ का यह महत्वपूर्ण शांति समझौता है.

Manipur: मणिपुर के सबसे पुराने सशस्त्र समूह यूनाइटेड नेशनल लिबरेशन फ्रंट (यूएनएलएफ) ने केंद्र और राज्य सरकार के साथ ऐतिहासिक शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं. यह शांति समझौता छह दशक लंबे सशस्त्र आंदोलन के अंत का प्रतीक है. अब बातचीत के जरिये समस्या के समाधान का रास्ता साफ हो गया है.

आजादी के बाद से पूर्वोत्तर में अलग-अलग राज्यों में सशस्त्र आंदोलन होते रहे हैं. इन मांगों की आड़ में उग्रवादी संगठनों का जन्म हुआ और वह हथियारों के बल पर पूर्वोत्तर में तैनात सुरक्षा बलों से लगातार संघर्ष करते आए हैं. यूएनएलएफ का गठन 1964 में किया गया था.

यह संगठन देश के भीतर और बाहर दोनों जगह सक्रिय है और इसे अतीत में नागरिकों और सुरक्षा बलों पर कई हमलों के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है. पिछले कुछ सालों में गृह मंत्री अमित शाह की पहल पर पूर्वोत्तर के कई अलगाववादी सशस्त्र संगठनों ने भारत सरकार से शांति समझौता किया है और वे मुख्यधारा में लौटे हैं.

इसी कड़ी में यूएनएलएफ का यह महत्वपूर्ण शांति समझौता है. इस समझौते की पृष्ठभूमि तीन साल पहले तैयार हुई थी. यूएनएलएफ के वरिष्ठ नेताओं ने 2020 में पहली बार मुख्यधारा में शामिल होने के भारत सरकार के प्रस्ताव पर अनुकूल प्रतिक्रिया दी, जिसके बाद इस संगठन से वार्ता आगे बढ़ी और इस ऐतिहासिक मुकाम तक पहुंची.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सर्वसमावेशी विकास के दृष्टिकोण को साकार करने और पूर्वोत्तर भारत में युवाओं को बेहतर भविष्य प्रदान करने की दिशा में भी इस उपलब्धि को ऐतिहासिक माना जा रहा है. यूएनएलएफ के विद्रोहियों ने पिछले कुछ सालों में सेना के जवानों पर कई हमले किए हैं.

यूएनएलएफ के साथ करीब छह दशक बाद हुए इस समझौते को अहम इसलिए माना जा रहा है क्योंकि मणिपुर में मई 2023 से मैतेई और कुकी समाज में विद्रोह छिड़ा हुआ है. इस हिंसा में मणिपुर में अभी तक हजारों लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि करोड़ों की संपत्ति को जलाकर खाक कर दिया गया है. निश्चित ही पूर्वोत्तर में स्थायी शांति स्थापित करने के सरकार के प्रयासों से एक नया अध्याय जुड़ा है.

इस समझौते से न केवल यूएनएलएफ और सुरक्षाबलों के बीच युद्ध की स्थिति समाप्त होगी, बल्कि इस गुट के मुख्यधारा में शामिल होने से अन्य सशस्त्र गुटों को भी शांति प्रक्रिया में शामिल होने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा.  यह समझौता सामान्य रूप से उत्तर-पूर्व और विशेष रूप से मणिपुर में शांति के एक नए युग की शुरुआत को बढ़ावा देगा. इससे राज्य और उत्तर-पूर्व क्षेत्र के सुरक्षा परिदृश्य पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ेगा.

Web Title: Manipur United National Liberation Front signs historic peace agreement with central and state government path cleared to establish permanent peace North-East

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