Maharashtra Farmers Protest: आंदोलन के स्वरूप को लेकर सहमति बननी चाहिए, हजारों वाहन 30 घंटे से ज्यादा फंसे

By लोकमत समाचार सम्पादकीय | Updated: October 31, 2025 05:21 IST2025-10-31T05:21:47+5:302025-10-31T05:21:47+5:30

Maharashtra Farmers Protest: जरा कल्पना कीजिए उन माता-पिता की जो अपने बच्चों को भूख और प्यास से बिलखता देख रहे थे, लेकिन कुछ भी कर पाने की हालत में नहीं थे.

Maharashtra Farmers Protest Bacchu Kadu kisan consensus form movement Thousands vehicles stranded more than 30 hours | Maharashtra Farmers Protest: आंदोलन के स्वरूप को लेकर सहमति बननी चाहिए, हजारों वाहन 30 घंटे से ज्यादा फंसे

file photo

Highlightsनागपुर से बुटीबोरी औद्योगिक क्षेत्र में काम करने जाने और लौटने वाले लोगों को भीषण समस्याओं का सामना करना पड़ा. कल्पना कीजिए उन मरीजों की जो कैंसर हॉस्पिटल में कीमोथेरेपी के लिए नहीं जा पाए. माना कि किसानों का नेतृत्व कर रहे नेताओं और सरकार के बीच कोई हिचक रही होगी.

Maharashtra Farmers Protest: किसानों को सहूलियत मिले, उनका कर्ज माफ हो और ऐसी सुविधाएं मिलें जो उनकी जिंदगी को सुगम बनाएं, इन मांगों की पूर्ति से किसी को भी आपत्ति नहीं है. किसान हमारे अन्नदाता हैं और उनकी जिंदगी सुगम होनी ही चाहिए. मगर कर्जमाफी और दूसरी अन्य मांगों को लेकर नागपुर-वर्धा मार्ग पर आंदोलनकारियों ने 30 से ज्यादा घंटों का जाम लगाया और लोगों को जिस तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ा, उससे हर कोई आहत है. हजारों वाहन 30 घंटे से ज्यादा फंसे रहे. नागपुर से बुटीबोरी औद्योगिक क्षेत्र में काम करने जाने और लौटने वाले लोगों को भीषण समस्याओं का सामना करना पड़ा. जरा कल्पना कीजिए उन माता-पिता की जो अपने बच्चों को भूख और प्यास से बिलखता देख रहे थे, लेकिन कुछ भी कर पाने की हालत में नहीं थे.

कल्पना कीजिए उन मरीजों की जो कैंसर हॉस्पिटल में कीमोथेरेपी के लिए नहीं जा पाए. कल्पना कीजिए उन लोगों की जिन्हें नागपुर पहुंच कर ट्रेन पकड़नी थी या फिर हवाई यात्रा करनी थी! उनके लिए ये 30 घंटे भीषण रहे होंगे. माना कि किसानों का नेतृत्व कर रहे नेताओं और सरकार के बीच कोई हिचक रही होगी.

लेकिन इसका मतलब यह तो कतई नहीं हो सकता कि आप आम आदमी की जिंदगी को तबाह कर दें! हर किसी को किसानों की फिक्र है, हर कोई चाहता है कि हमारे किसान भी विकसित राष्ट्र के किसान जैसे सहूलियतें पाएं लेकिन यह कौन बर्दाश्त करेगा कि आप जनता को परेशान कर दें! आपकी लड़ाई सरकार से है, लड़िए! खूब लड़िए!

आप आमरण अनशन पर बैठ जाइए, आंदोलन के दूसरे तरीके अपनाइए लेकिन इस कदर आम आदमी को तो परेशान मत कीजिए! वह तो भला हो कि न्यायालय ने स्वत: संज्ञान लिया और आंदोलनकारियों को हटने का आदेश दिया वर्ना लोग अब भी परेशान होते रहते क्योंकि शासन-प्रशासन को तो जैसे लकवा मार गया था क्योंकि सख्ती बरती जाती तो पूरे देश मेंं हल्ला मच जाता कि किसानों के साथ सख्ती की गई.

बिहार चुनाव प्रभावित हो जाता, आने वाले वाले वक्त में महाराष्ट्र का स्थानीय शासन का चुनाव प्रभावित हो जाता. तूफान मच जाता. यह कोई नहीं देखता कि नागपुर में लोगों ने क्या परेशानियों झेली हैं. रास्ता जाम कर देना, रेल रोक देना, यह राजनेताओं का शगल बन चुका है.

अब समय आ गया है जब राजनीतिक दलों को यह सोचना होगा कि वे इस तरह के जाम से तौबा करें. आम आदमी को भी राजनीतिक दलों पर दबाव बनाना होगा कि शासन ऐसा कानून बनाए जो आंदोलन की तो इजाजत देता हो लेकिन आम आदमी को परेशान करने की इजाजत न दे. 

Web Title: Maharashtra Farmers Protest Bacchu Kadu kisan consensus form movement Thousands vehicles stranded more than 30 hours

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे