ब्लॉग: 63 साल का सफर...राष्ट्र के विकास में महाराष्ट्र का योगदान अतुलनीय
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: May 1, 2023 02:07 PM2023-05-01T14:07:30+5:302023-05-01T14:09:12+5:30
महाराष्ट्र के सामने समय के साथ-साथ नई चुनौतियां उभरेंगी लेकिन 63 सालों में राज्य की जनता ने उत्कृष्ट प्रशासनिक नेतृत्व के साथ मिलकर तमाम चुनौतियों को मात दी है और आगे भी देगी.
हर्षवर्धन आर्य
देश के क्षितिज पर पृथक राज्य के रूप में 1 मई 1960 को उदित होने के बाद अपने 63 वर्ष के सफर में महाराष्ट्र ने जबर्दस्त उतार-चढ़ाव तथा उथल-पुथल के बीच प्रगति के नए प्रतिमान भी स्थापित किए हैं. महाराष्ट्र आज देश के सबसे विकसित तथा समृद्ध राज्यों में शिखर पर माना जाता है. महाराष्ट्र की इस सफलता के पीछे राज्य की जनता के कठिन परिश्रम, समर्पण, त्याग तथा संकल्प के साथ-साथ दूरदर्शी राजनीतिक नेतृत्व एवं कुशल प्रशासनिक व्यवस्था का महत्वपूर्ण योगदान रहा है.
महाराष्ट्र का इतिहास बेहद गौरवशाली रहा है और हर नई पीढ़ी ने राज्य की विरासत में समृद्धि एवं गौरव के नए अध्याय जोड़े हैं. महाराष्ट्र सामाजिक, धार्मिक, राजनीतिक, शैक्षणिक, आर्थिक, कृषि तथा तकनीकी क्रांति का सूत्रधार रहा है. भारतीय साहित्य तथा संस्कृति को भी महाराष्ट्र ने अपने अतुलनीय योगदान से समृद्ध किया है.
63 वर्षों की यात्रा में महाराष्ट्र ने काफी उथल-पुथल भी देखी. अस्सी के दशक और हाल के वर्षों में राजनीतिक अस्थिरता का दौर देखा तो आतंकवाद के चरम दौर में मुंबई तथा राज्य के विभिन्न हिस्सों में राष्ट्रविरोधी तत्वों का क्रूर तथा वीभत्स चेहरा भी सामने आया. साठ और सत्तर के दशक के बीच जब देश में अभूतपूर्व अकाल पड़ा और भयावह अन्न संकट उत्पन्न हुआ, तब महाराष्ट्र ने ही कृषि क्रांति का सूत्रपात कर देश को खाद्यान्न के मसले में आत्मनिर्भर बनाने में विलक्षण योगदान दिया.
मुंबई के बिना अर्थव्यवस्था की मजबूती की कल्पना नहीं की जा सकती. सहकारिता के क्षेत्र में महाराष्ट्र ने देश को नई दिशा दिखाई. महाराष्ट्र का सहकारिता आंदोलन आज भी पूरे देश के लिए आदर्श बना हुआ है. उदारीकरण के पूर्व और उदारीकरण का दौर शुरू होने के बाद महाराष्ट्र ने ही शिक्षा के क्षेत्र में इतनी तेजी से विकास किया कि दूसरे प्रदेशों ने उसका अनुकरण करना शुरू कर दिया. देश में महाराष्ट्र को आधुनिक शिक्षा के मामले में आदर्श माना जाता है.
एक विकसित राज्य के रूप में महाराष्ट्र के सामने समय के साथ-साथ नई चुनौतियां उभरेंगी लेकिन 63 वर्षों में राज्य की जनता ने उत्कृष्ट प्रशासनिक नेतृत्व के साथ मिलकर तमाम चुनौतियों को मात दी है और आगे भी देगी. भारत में रेलवे की शुरुआत महाराष्ट्र से हुई थी और पहली बुलेट ट्रेन भी महाराष्ट्र से ही आरंभ होने वाली है.
भविष्य में महाराष्ट्र की तरक्की भी बुलेट ट्रेन की रफ्तार से होगी. राजनीतिक मतभेद अपनी जगह है लेकिन महाराष्ट्र के तमाम राजनीतिक दल एवं नेता विकास के मसले पर एकजुट हो जाते हैं. महाराष्ट्र के आम आदमी का रोम-रोम अपने राज्य के विकास के लिए समर्पित है और यही खूबी राष्ट्र में महाराष्ट्र को अनूठा बनाती है.